बांग्लादेश में बेरोजगारी बढ़ी, केवल पुरुषों की संख्या में 1.6 लाख की वृद्धि
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मुस्लिम नाउ डेस्क | ढाका
बांग्लादेश में बेरोजगारी की स्थिति एक बार फिर चिंता का कारण बन गई है। बांग्लादेश सांख्यिकी ब्यूरो (BBS) द्वारा रविवार को जारी किए गए त्रैमासिक श्रम बल सर्वेक्षण-2024 (चौथी तिमाही) के अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, देश में 2023 की तुलना में इस वर्ष बेरोजगारों की संख्या में 1.6 लाख की वृद्धि हुई है। खास बात यह है कि इस बढ़ोतरी में महिलाओं की बेरोजगारी दर में कोई बदलाव नहीं आया है, यानी यह इज़ाफ़ा केवल पुरुषों के बीच हुआ है।
📊 आंकड़ों की स्थिति: पुरुषों में वृद्धि, महिलाओं में स्थिरता
BBS की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में देश में बेरोजगारों की कुल संख्या 24.6 लाख थी, जो अब बढ़कर 26.2 लाख हो चुकी है।
- 2023 में बेरोजगार पुरुषों की संख्या: 16 लाख
- 2024 में बेरोजगार पुरुषों की संख्या: 18 लाख
- बेरोजगार पुरुषों में वृद्धि: 2 लाख
- बेरोजगार महिलाओं की संख्या: 8.2 लाख (2023 और 2024 में अपरिवर्तित)
इससे स्पष्ट है कि बेरोजगारी दर में जो भी इज़ाफ़ा हुआ है, वह पूरी तरह पुरुषों की श्रेणी में है, जबकि महिलाओं की स्थिति यथावत बनी हुई है।
🔍 बेरोजगारी की परिभाषा: कौन माना गया ‘बेरोजगार’?
BBS के अनुसार, वे व्यक्ति जिन्हें:
- पिछले 7 दिनों में एक भी घंटा काम नहीं मिला,
- लेकिन वे काम करने के लिए शारीरिक रूप से उपलब्ध थे,
- और पिछले 30 दिनों में सक्रिय रूप से रोजगार की तलाश में थे,
उन्हें बेरोजगार श्रेणी में शामिल किया गया।
📈 वृहद आर्थिक संदर्भ: महंगाई में गिरावट, लेकिन रोजगार नहीं बढ़ा
दिलचस्प बात यह है कि इसी अवधि में BBS ने देश में मुद्रास्फीति दर में गिरावट की जानकारी भी दी है, जिसे 22 महीनों में सबसे न्यूनतम स्तर पर माना गया। इसके बावजूद रोजगार सृजन की गति संतोषजनक नहीं रही, खासकर पुरुषों के लिए।
🌍 क्षेत्रीय असमानता और लैंगिक विश्लेषण
जहां एक ओर पुरुषों की बेरोजगारी में वृद्धि हो रही है, वहीं महिलाओं की बेरोजगारी स्थिर बनी रहना दो तरह की संभावनाएं दर्शाता है:
- या तो महिलाएं पर्याप्त मात्रा में रोजगार क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर रही हैं,
- या फिर उन्होंने वैकल्पिक, अनौपचारिक रोजगार अपनाया है जो आधिकारिक आंकड़ों में नहीं झलकता।
इसके अलावा, पूर्ववर्ती रिपोर्टों में बारिसल क्षेत्र में महिलाओं के साथ सबसे अधिक दुर्व्यवहार और सिलहट में सबसे कम होने की जानकारी सामने आई थी, जो यह संकेत देती है कि लैंगिक असमानता केवल रोजगार तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक व्यवहार तक फैली हुई है।
📌 विश्लेषण: बेरोजगारी क्यों बढ़ रही है?
- तकनीकी बदलाव और ऑटोमेशन
- औद्योगिक विकास की सुस्ती
- कोविड के बाद रिकवरी की धीमी गति
- युवाओं में स्किल गैप
ये सभी कारक बांग्लादेश के श्रम बाजार पर व्यापक असर डाल रहे हैं।
📢 निष्कर्ष: चुनौतियों के बीच अवसर की तलाश
बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था आज ऐसे दौर से गुजर रही है जहां आर्थिक स्थिरता और रोजगार वृद्धि के बीच संतुलन बनाना बेहद जरूरी हो गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को अब विशेष पुरुष-केंद्रित रोजगार कार्यक्रमों के साथ-साथ महिलाओं की भागीदारी को और प्रोत्साहित करने की जरूरत है, ताकि यह असंतुलन और गहराए नहीं।