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यूनिवर्सिटी ऑफ पेन्सिलवेनिया और जामिया मिल्लिया इस्लामिया आ सकते हैं साथ, डुअल और जॉइंट प्रोग्राम के तहत छात्रों को डिग्री देने की तैयारी

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया और अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ पेन्सिलवेनिया छात्रों को जॉइंट डिग्री देने की तैयारी कर रहे हैं. इसकी संभावना तलाशने के लिए इनदिनों यूनिवर्सिटी ऑफ पेन्सिलवेनिया जामिया के दौरे पर है.जामिया विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि इस प्रकार के प्रोग्राम के लिए दोनों विश्वविद्यालय एक साथ आ सकते हैं.

यूनिवर्सिटी आफ पेन्सिलवेनिया का कहना है कि वे जामिया अलावा भारत के अन्य विश्वविद्यालयों के साथ भी ट्विनिंग, डुअल और जॉइंट डिग्री प्रोग्राम शुरू करने की संभावनाएं तलाश रहे हैं.
दरअसल, यूनिवर्सिटी ऑफ पेन्सिलवेनिया, फिलाडेल्फिया से एक बीस सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया आया है. यूनिवर्सिटी ऑफ पेन्सिलवेनिया के इन प्रतिनिधियों ने सोमवार को जामिया विश्वविद्यालय के छात्रों से बातचीत की. उनके साथ संभावित अकादमिक टाई-अप की तलाश की.

जामिया की वाइस चांसलर प्रो. नजमा अख्तर ने इस विषय पर कहा, जामिया और यूनिवर्सिटी ऑफ पेन्सिलवेनिया ट्विनिंग, डुअल और जॉइंट डिग्री प्रोग्राम के लिए एक साथ आ सकते हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि इस प्रतिनिधिमंडल की विजिट हमें अकादमिक और अनुसंधान के क्षेत्रों में पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के साथ एक स्थायी सहयोगी साझेदारी को विकसित करने में सक्षम बनाएगी.

यूनिवर्सिटी ऑफ पेन्सिलवेनिया गवर्नेस पर पेन प्रोजेक्ट के सह-निदेशक डॉ. पीटर एकेल के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल जामिया आया है. पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय और इसकी वर्तमान स्थिति का संक्षिप्त परिचय देने के बाद, डॉ. पीटर एकेल ने सोमवार को जामिया में कहा कि उनका विश्वविद्यालय जामिया सहित भारतीय संस्थानों के साथ गठजोड़ करने की उम्मीद कर रहा है. पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय की भारत के साथ जुड़ने में दीर्घकालिक रुचि बढ़ रही है.

पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय, जिसे यूपेन के नाम से जाना जाता है, फिलाडेल्फिया में एक निजी इवी लीग अनुसंधान विश्वविद्यालय है, अमेरिका के उच्च शिक्षा के सबसे पुराने संस्थानों में से एक है जिसे 1749 में स्थापित किया गया था. विश्वविद्यालय के संस्थापक और पहले अध्यक्ष बेंजामिन फ्रैंकलिन थे, जो संयोग से अमेरिका की स्वतंत्रता की घोषणा के हस्ताक्षरकर्ताओं में से एक थे.

प्रतिनिधिमंडल ने जामिया के शिक्षकों और छात्रों के साथ अनुभव, गुणवत्ता और सामाजिक प्रासंगिकता और फैकल्टी के काम और शोध के क्षेत्रों पर चर्चा की. इस पर विस्तृत चर्चा करने के लिए दोनों पक्षों की ओर से छह समूहों का गठन किया गया. चर्चा के बाद प्रतिनिधिमंडल ने सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन फैसिलिटी, एजेके-मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर, एनएएमके पटौदी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और प्रेमचंद आर्काइव्स एंड लिटरेरी सेंटर का दौरा किया.

प्रतिनिधिमंडल ने जामिया की वाइस चांसलर प्रो. नजमा अख्तर (पद्मश्री), डीन, फैकल्टी मेंबर्स और यूनिवर्सिटी के चुनिंदा छात्रों के साथ जामिया के मीर तकी मीर हॉल में बातचीत की. छात्रों के अनुभव, गुणवत्ता, सामाजिक प्रासंगिकता और फैकल्टी के अनुसंधान के बारे में जानने के लिए प्रतिनिधिमंडल ने जामिया फैकल्टी और छात्रों के साथ चर्चा की और संभावित अकादमिक टाई-अप की भी तलाश की.

प्रतिनिधिमंडल के अन्य महत्वपूर्ण सदस्य डॉ. लैरी मोनेटा, एड्जंक्ट प्रोफेसर और डॉ. दमानी व्हाइट-लुईस, हाई एजुकेशन के सहायक प्रोफेसर थे. पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टरेट प्रोग्राम में नामांकित विभिन्न विश्वविद्यालयों से आए विश्वविद्यालय के अधिकारियों का एक डाइवर्स समूह भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा था.