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UPPSC PCS Result : दोनों के पिता चलाते हैं परचून की दुकान, अब बेटियां मोहसिना बानो और सल्तनत परवीन बनेगी डिप्टी कलेक्टर

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

उम्मीद के हिसाब से परिणाम नहीं मिले तो निराश नहीं होना चाहिए. दिल लगाकर संघर्ष करते रहने से उम्मीद के मुताबिक नतीजा मिल ही जाता है. यह साबित किया है उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा में एक से 10 रैंक के बीच आने वाली दो लड़कियों मोहसिना और सल्तनत परवीन ने. उनमें एक समानता यह भी है कि दोनों के पिता मामूली परचून की दुकान चलाते हैं.

मध्य प्रदेश के जिला टिकमगढ़ की रहने वाली मोहसिना बानो को 10 वीं और 12 वीं में जिले में टॉप करने पर कलेक्टर ने पुरस्कृत किया था. इससे वह इतनी प्रेरित हुईं कि उन्होंने सिविल सेवा के क्षेत्र में जाने की ठान ली. आज मामूली पान और परचून की दुकान चलाने वाले के पिता की यह बेटी डिप्टी कलेक्टर बनने में सफल रही. मोहसिना बानो ने स्टेट प्रायोरिटी सबऑर्डिनेट सर्विस (पीसीएस) परीक्षा 2022 में 7वीं रैंक हासिल कर बुंदेलखंड को गौरवान्वित किया है.

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा जारी अंतिम चुनाव परिणामों में हाजी इकराम खान की पुत्री मोहसिना बानो ने 7 वां स्थान प्राप्त किया है. हाजी इकराम की शहर के पुराने बस स्टैंड के पास पान और किराना की दुकान है. मां शाहजहां बानो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं.

परिजनों ने बताया कि मोहसिना की बचपन से ही पढ़ाई में रुचि रही है. प्राथमिक शिक्षा यहां रहकर प्राप्त की. 10वीं में जिले में तीसरा स्थान प्राप्त किया. मोहसिना ने कहा कि उन्हें 10 वीं और 12 वीं में सफलता हासिल करने पर दोनों बार तत्कालीन कलेक्टर द्वारा पुरस्कार दिया गया, जिससे उन्हें सिविल सेवा में जाने की प्रेरणा मिली.

नायब तहसीलदार बनने से पहले डिप्टी कलेक्टर के लिए चयन

पिछले कुछ दिनों पहले वर्ष 2021 के परीक्षा परिणाम जारी किए गए, जिसमें 5 वीं रैंक के साथ मोहसिना यूपी में नायब तहसीलदार बनने में कामयाब हो गईं. 27 अप्रैल को ज्वाइन करने वाली मोहसिना को ट्रेनिंग के लिए झांसी जाना था, लेकिन उससे पहले ही डिप्टी कलेक्टर के पद पर उनका चयन हो गया.

तीन बार फेल हुई पर हिम्मत नहीं हारी लखनऊ की सल्तनत

लखनऊ के अलीगंज की रहने वाली सल्तनत परवीन के लिए शनिवार की सुबह बिल्कुल अलग रही. घर में परिवार और दोस्तों की भीड़ थी. चारों ओर से दुआ की वर्षा हो रही थी. पूरी गली गुलजार थी कि दुकानदार की बेटी ने पीसीएस-2022 की परीक्षा में छठा स्थान हासिल किया. अब उनकी बेटी एसडीएम बनेगी. जब उनके घर पहुंचा तो घर काफी जर्जर अवस्था में था. सल्तनत परवीन से बातचीत में उन्होंने कहा कि यहां तक ​​का सफर आसान नहीं था. वह 2017 से तैयारी कर रही हंै, लेकिन सफलता अब हाथ लगी है.

उन्हांेने बताया, तीन बार फेल हुए, इंटरव्यू तक पहुंचे, कभी किसी परीक्षा में 10 अंकों से फेल हुए तो कभी चार अंकों से रुक गए. इस सब के बीच, उनके दोस्त और परिवार उनका समर्थन करते रहे. कई बार लगा कि अब तैयारी छोड़ देनी चाहिए. कोई और काम किया जाए,लेकिन परिवार और दोस्तों ने हार मानने नहीं दी. फिर चैथी बार परीक्षा के लिए तैयार किया और पीसीएस 2022 की परीक्षा में छठा स्थान हासिल कर अपने दोस्तों और परिवार को धन्यवाद दिया. उन्हांेने बताया कि वे पूरी तरह से इसके हकदार हैं.

पिता दुकान चलाते हैं

सल्तनत के पिता मुहम्मद शमीम खान जनरल स्टोर चलाते हैं. मां आशिया खान गृहिणी हैं. माता-पिता ने बताया कि जब तीन बार उनकी बेटी का नाम परीक्षा परिणाम में नहीं आया तो उन्होंने हार नहीं मानी. हर समय बेटी का हौसला बढ़ाते और कहते रहे कि इस बार नहीं तो अगली बार नतीजा अच्छा आएगा. मां का कहना है कि उनकी बेटी सुल्तान परवीन काफी काबिल है.उन्हें जो मुकाम मिला है, वह उसकी हकदार है.

सल्तनत परवीन ने बताया कि उन्होंने हाई स्कूल और इंटरमीडिएट लखनऊ के अलीगंज न्यू वे सीनियर सेकेंडरी स्कूल से किया है. उसके बाद उन्होंने 2016 में इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ से बीटेक किया. सभी परीक्षाएं अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की.

बताते हुए हुईं भावुक

अपने संघर्ष की कहानी सुनाते हुए सल्तनत बेहद भावुक हो गईं. उन्होंने कहा कि जो बच्चे इस बार फेल हुए हैं. उन्हें हार नहीं माननी चाहिए. देखिए हमारी कहानी, जो तीन बार फेल हो चुकी है. अब वह सफल हो गई है. उन्होंने कहा कि कार्यभार संभालने के बाद वह महिला शिक्षा और बाल विकास से जुड़ी योजनाओं पर और काम करना चाहेंगी.