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UPSC नादिया बेग को दोशद्रोही साबित करने की कोशिश

अपने बच्चों को नादिया जैसा बड़ा प्रशासनिक अधिकारी बनाने का सपना देख वाले चौकन्ने रहें। उनके सपने में पलीता लगाने के लिए कोई है जो अलग प्रोफाइल तैयार कर रहा है।

यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन (UPSC) के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चयनित उम्मीदवारों में कम उम्र नादिया बेग को पाकिस्तानपरस्त, देशद्रोही एवं मोदी विरोधी साबित करने की कोशिशें चल रही हैं। इसके लिए एक अलग नरेटिव #narative तैयार किया गया है। इसके पीछे नफरत पैलाने वालों का  पूरा गैंग सोशल मीडिया के तमाम प्लेट फार्म पर सक्रिय है। उसका एकमात्र उद्देश्य है, किसी तरह नादिया को विवादों में घसीटकर उन्हें आगे बढ़ने से रोका जाए। उनके खिलाफ कार्रवाई हो। यदि यह संभव नहीं तो यूपीएससी रैंक के हिसाब से वह विदेश सेवा में न जा पाएं। नादिया बेग के संदर्भ में चल रहे दुष्प्रचार का जब बारीकी से अध्ययन किया गया तो हैरान करने वाली सच्चाईयां बाहर आईं। पता चला कि नफरतियों की पूरी टीम उन लोगों का लगातार पीछा करती रहती हैं, जिनके बारे में आम समझ है कि वे भविष्य में कुछ बड़ा व बेहतर कर सकते हैं। जैसे ही सफलता उनके हाथ लगती है गैंग उनकी कुछ पुरानी ग़लतियों या नादियों को बड़ा बनाकर ऐसा माहौल तैयार करने का प्रयास करता है कि तमाम उपलब्धियों पर पानी फिर जाए। नादिया इसका मौजूदा उदाहरण हैं।

नादिया बनीं रोल मॉडल, विरोधी लगे मंसूबाबंदी में

कश्मीर की मूल निवासी एवं दिल्ली जामिया मिलिया से अर्थ शास्त्र में डिग्री प्राप्त नादिया बेग भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए यूपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा पास करने वाले 829 उम्मीदवारों में कमसिन हैं। उन्होंने 350 वां रैंक हासिल किया है। एनडी टीवी इंडिया (NDTV India) से बातचीत में कहती हैं कि 2018 में वह पहली बार इस परीक्षा में बैठी , पर सफल नहीं हुईं। 2019 में दोबारा बैठने पर सफल हाथ लग गई। उनकी इस सफलता पर कश्मीर ही नहीं देश के बाकी हिस्से की मुस्लिम लड़कियाँ उन्हें अपना रोल मॉडल मानने लगी हैं। उनके अभिभावक भी उनसे संपर्क कर सफलता के टिप्स ले रहे हैं।
Ram Mandir Bhoomi Pujan मीडिया की निष्पक्षता पर सवाल

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 दूसरी तरफ, नफरती गैंग उनकी तमाम उपलब्धियों पर पानी फेरने पर आमादा है। उसे लगता है कि हर क्षेत्र में मुसलमान सफता के झंडे गाड़ने लगे तो समाज में उनकी विकृत तस्वीर पेश कर पूरी कौम को कटघरे में खड़ा करने का उनका मंसूबा फेल हो जाएगा। नादिया जैसे लोग प्रशासनिक सेवा में अधिक संख्या में आए तो उन्हें जेल भी हो सकती है। ऐसी सोच रखने वाले आजकल नादिया बेग के पीछे पड़े हैं। ऐसे लोगों ने ही उनके खिलाफ दुष्प्रचार सामग्री तैयार की है। गैंग में शामिल लोग उसे सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेट फार्म पर साझा कर रहे हैं। इस संवाददाता ने ऐसी सामग्री सबसे पहले अमिताभ कुमार के फेसबुक वॉल पर देखी। प्रोफाइल चेकर करने पर पता चला कि यह जमशेदपुर टाटा नगर के रहने वाले हैं। फिलहाल गाज़ियाबाद में रहते हैं। प्रोफाइल के हिसाब से जनाब पिछले तीस वर्षों से पत्रकारिता एवं फिल्म निर्माण के क्षेत्र में सक्रिय हैं। मगर उनके वॉल पर प्रोफाइल के हिसाब से सामग्री नहीं मिली। इसकी जगह वॉल पर अपनी कौम के समर्थन एवं प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से मुस्लिम विरोधी बातें ज्यादा देखने को मिलीं। चूंकि यह पढ़े-लिखे हैं, इसलिए कमेंट भी सलीके से करते हैं। मगर होता वही कुछ जिसके लिए नफरती गैंग पहचाना जाता है। अमिताभ कुमार ने नादिया के बारे में दुष्प्रचारित करने के लिए तैयार किया गया किसी वीके न्यूज Youtube चैनल द्वारा 6 मिनट 13 सेकंड का वीडिया अपने टाइम लाइन पर शेयर करते हुए लिखा है-‘‘क्या सर्वोच्च स्तरीय पदों पर चयन के पहले हमारा प्रशासनिक अमला अभ्यर्थी के इतिहास, मिज़ाज, विचार, उद्देश्य की छानबीन नहीं करता ? यदि ऐसा है तो इस नाकामी या लापरवाही के लिए कौन लोग जिम्मेदार ठहराए जाएंगे। देश की अस्मिता व भविष्य को दांव पर लगाने वाले बचने नहीं चाहिए। फर्जी सेक्यूलर मानस से बाहर आना जरूरी।’’

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  यह वीडियो नादिया के छात्र जीवन में सोशल मीडिया पर सरकार विरोधी कुछ कमेंट, अनुच्छेद 370 हटने पर आम कश्मीरियों जैसी प्रतिक्रिया और प्रधानमंत्री इमरान खान तथा पाकिस्तान के किसी सैन्य अधिकारी के किसी कमेंट को रिट्वीट करने को आधार बनाकर तैयार किया गया है। इस बारे में जानकारी देने से पहले वीडियो में दिखने वाली रश्मि शर्मा कहती हैं कि आप सोशल मीडिया पर जो कुछ लिखते हैं, उसके एक-एक शब्द से आपकी मानसिकता का पता चलता है। सोशल मीडिया पर लिखी गई बात कभी मिटती नहीं। रश्मि के इसी सूत्र को अपना कर संववाददाता ने वीडिया और इसमें दी गई जाकारी के आधार पर छानबीन की। पता चला कि वीडियो में दिखाए जाने वाले लोग रश्मि एवं अमिताभ कुमार, सभी एक ही मानिकता के  हैं। वीडिया में जिस तरह के कमेंट हैं उससे साफ झलकता है कि इसे तैयार करने वाले का उद्देश्य और मानकिसता क्या है ? वीडिया में समाचार पढ़ने के अंदाज़ में जानकारी देने वाली रश्मि अंत में वन्दे मातरम् का उद्घोष करती हैं। भला ऐसे कौन समाचार पढ़ता है ? वीडियो किसी प्रभात दुबे, सिद्धार्थ मिश्रा तथा डेसिबल 008 द्वारा ट्यूटर हैंडल पर नादिया बेग को लेकर साझा की गई सामग्री के आधार पर बनाई गई है। प्रभात दुबे का प्रोफाइल चेक करने पर नाम के उपर ही वीर सावरकर की तस्वीर लगी मिली, जिसपर उनका एक कथम अंग्रेजी में लिखा मिला-‘‘ ओह मदर !! सैक्रिफाइस फॉर यू इज लाइक लाइफ लिविंग विदाउट यू इज डेथ।’’ मगर इस ट्वीटर हैंडल पर अधिकांश कमेंट खालिस देशभक्ति का न होकर धर्म विशेष के गुणगान और मुस्लिम विरोधी अधिक दिखा। ऐसे ही कुछ सिद्धार्थ मिश्रा और डेसिबल 008 के ट्वीटर हैंडल पर भी नजर आया। सिद्धार्थ ने नादिया के कुछ पुराने ट्वीट्स साझा करते हुए लिखा है-‘‘ एक बार नादिया की टाइम लाइन चेक की जाए, जो कि पाकिस्तानी प्रॉपगंडे से भरी है।’’ डेसिबल 008 ने हद कर दी। नादिया के तमाम पुराने ट्वीट के स्क्रीन शॉट लेकर वीडियो क्लीपिंग तैयाकर साझा किया है। जिसमें कुरान की कुछ आयतें भी हैं। इससे साझा करते हुए कमेंट किया गया है-‘‘हॉय नादिया कंग्रैचुलेशंस, कंग्रैचुलेशंस फॉर फूलिंग पीपल एंड  फॉर्गेटिंग न्यू फॉलोवर.
नादिया ये ट्वीट डिलीट करना रह गया….आगे से ध्यान रखना….आईएएस वाले दिमाग यूज कर।’’

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सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक जैसे कमेंट एवं तस्वीरें देखकर लगता है कि कोई गैंग आप पर लगातार नजर रख रहा है। नादिया
ने यूपीएससी चयन से पहले सोशल मीडिया से न केवल अपने तमाम पुराने कमेंट हटा दिए थे, पुराना ट्वीटर हैंडल बंदकर नए प्रोफाइल के साथ नया हैंडल शुरू है। मगर उसपर नजर रखने वाले गैंग ने इससे पहले ही उनके तमाम कमेंट की क्लीपिंग तैयार कर ली। अब वही साझा किए जा रहे हैं। यूपीएससी परीक्षा में नादिया द्वारा प्राप्त रैंक के हिसाब से उसे विदेश सेवा में जाने का अवसर मिलेगा। मगर उन्हें आगे बढ़ने से रोकने वाले ऐसे नहीं चाहते। इसके लिए नफरतियों ने सारे घेड़े खाल दिए हैं। उन्हें देश विरोधी व पाकिस्तानपरस्त होने को लेकर नरेटिव तैयार किया है, ताकि उनके विरूद्ध जनता मंे माहौल तैयार किया जा सके। इस गहरी चाल को रश्मि शर्मा का यूट्यूब पर साझा किया गया वीडियो देखकर समझा जा सकता है। इसे एक दिन में 67,740 लोगों ने देखा है जो बिना वीडियो शेयर किए संभव नहीं।Quran Encylopedia ‘बांके लाल’ का मदीना में निधन, पैगंबर मोहम्मद स. के परिजनों के कबरों के करीब दफन हुए

सद्भावना में पलीता लगाने का मंसूबा

देश के मुसलमान समझते हैं कि शांतिपूर्वक रहकर अपनी जिंदगी बेहतर बना सकते हैं, तो सतर्क हो जाएं। देश में कुछ ऐसी शक्तियां सक्रिय हैं जो ऐसा बिल्कुल नहीं चाहतीं। उनकी राह में रोड़ा अटकाने के नित निए नए फॉर्मूले आजमाती रहती हैं। अयोध्या पर शांतपूर्वक फैसला आने और बिना शोर-शराबे के राम मंदिर भूमिपूजन होने के बाद समझ जा रहा था कि अब देश फिर कभी  मंदिर-मस्जिद आंदोलन जैसी हंगामी माहौल नहीं देखेगा। सभी भाईचारगी के साथ मुल्क को आगे बढ़ाने में लगेंगे। मगर ऐसी सोंच रखने वालों को मायूसी हो सकती है। भूमिपूजन के साथ ही एक गैंग ने उन तमाम ऐतिहासिक इमारतों एवं मस्जिदों की सूची जारी कर दी है जिसके बारे में दावा है कि वह पहले मंदिर था। मोगलों एवं मुस्लिम शासकों ने उसे तोड़कर कहीं मस्जिद तो कहीं ताजमहल जैसी सुंदर इमारतें खड़ी करवा दीं। नादिया बेग के बारे में दुष्प्रचार करने के लिए तैयार की गई सामग्री साझा करने वाले अमिताभ कुमार अपने फेसबुक वाल पर लिखते हैं कि ऐसी तमाम मस्जिदें या इमारतें मंदिर में बदलने की मुसलमानों को इजाजत दे देनी चाहिए। विनय कटियार ने भी कहा है कि अयोध्या के बाद अब मथुरा और काशी की बारी है। इसी तरह अपने बच्चों को नादिया जैसा बड़ा प्रशासनिक अधिकारी बनाने का सपना देख वाले भी चौकन्ना रहें। उनके सपने में पलीता लगाने के लिए कोई है जो आपके बच्चों की अलग प्रोफाइल तैयार कर रहा है।

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संपादक