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यूपीएससी सिविल सेवा परिणाम 2024: केवल 26 मुस्लिम उम्मीदवारों को सफलता, टॉप 25 में कोई जगह नहीं

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,,नई दिल्ली


संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आज घोषित सिविल सेवा परीक्षा 2024 के अंतिम परिणामों में मुस्लिम समुदाय के लिए निराशाजनक तस्वीर सामने आई है। इस वर्ष कुल 1,009 सफल उम्मीदवारों में से केवल 26 मुस्लिम उम्मीदवारों को ही अंतिम सफलता मिल सकी है, जो कुल चयनित अभ्यर्थियों का मात्र 2.57% है। पिछले वर्ष की तुलना में यह संख्या और भी कम है, जब 50 से अधिक मुस्लिम उम्मीदवार UPSC की मेरिट सूची में शामिल हुए थे।

शीर्ष 25 से मुस्लिमों की गैर-मौजूदगी

UPSC द्वारा जारी टॉप-25 उम्मीदवारों की सूची में कोई भी मुस्लिम उम्मीदवार स्थान नहीं बना सका। हालांकि, दो मुस्लिम महिलाएं – इरम चौधरी (रैंक 40) और फरखंदा कुरैशी (रैंक 67) – शीर्ष 100 में जगह बनाने में सफल रहीं, जो एक सकारात्मक संकेत अवश्य है।

97 मुस्लिम उम्मीदवारों ने दिया था इंटरव्यू

जानकारी के अनुसार, 97 मुस्लिम अभ्यर्थी UPSC की मुख्य परीक्षा 2024 में सफल हुए थे और उन्हें 7 जनवरी से 17 अप्रैल 2025 के बीच आयोजित पर्सनैलिटी टेस्ट (इंटरव्यू) के लिए बुलाया गया था। इनमें से केवल 26 उम्मीदवार ही अंतिम मेरिट सूची में स्थान बना सके।


यूपीएससी सीएसई 2024 – चयनित मुस्लिम टॉपर्स की सूची:

रैंकनाम
40इरम चौधरी
67फरखंदा कुरैशी
131मोहम्मद मुनीब भट्ट
142अदीबा अनम अशफाक अहमद
281वसीम उर रहमान
292एमडी नायब अंजुम
314मोहम्मद हारिस मीर
345मोहम्मद शौकत अज़ीम
417अलीफा खान
429नादिया अब्दुल रशीद
442नजमा सलाम
506शकील अहमद
553शाह मोहम्मद इमरान
560मोहम्मद आफताब आलम
585मोहसिना बानो
594सैय्यद मोहम्मद आरिफ मोइन
633गुलाम हैदर
643हसन खान
660घांची गजाला मोहम्मदनिफ
711मुहम्मद सलाह टी ए
742सदाफ मलिक
768यासर अहमद भट्टी
815जावेद मेव
847नजीर अहमद बिजरान
993अरशद अजीज कुरेशी
998इकबाल अहमद

पिछली सालों का तुलनात्मक प्रदर्शन

वर्षचयनित मुस्लिम उम्मीदवारकुल चयनितप्रतिशत
20242610092.57%
20235110165.01%
2022309333.21%
2021216853.06%
2020317614.07%
2019428295.06%
2018278123.33%
20175010564.73%
20165210784.82%
20153410783.15%
20143812363.07%
20133411223.03%
2012309983.00%
2011319203.37%
2010218752.40%
2009317913.91%

विशेषज्ञों की राय: गिरती सफलता दर चिंता का विषय

विशेषज्ञों का मानना है कि मुस्लिम समुदाय में सिविल सेवा के प्रति जागरूकता की कमी, संसाधनों की सीमित पहुंच, और गाइडेंस की कमी जैसी समस्याएं इस गिरती सफलता दर के लिए जिम्मेदार हैं। कई सामाजिक संगठन और शैक्षणिक संस्थान वर्षों से इस असंतुलन को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अभी लंबा रास्ता तय करना बाकी है।

क्या करें सुधार के लिए?

  • पूर्व IAS/IPS अधिकारियों द्वारा मेंटरशिप प्रोग्राम
  • मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण कोचिंग सुविधाएं
  • अभिभावकों और छात्रों के बीच जागरूकता अभियान
  • अल्पसंख्यकों के लिए विशेष छात्रवृत्तियां

निष्कर्ष:

यूपीएससी 2024 में मुस्लिम उम्मीदवारों का प्रदर्शन बीते वर्षों की तुलना में निराशाजनक रहा है। टॉप रैंकर्स की सूची में मुस्लिमों की अनुपस्थिति यह दर्शाती है कि समुदाय को सिविल सेवा जैसी महत्वपूर्ण परीक्षाओं के लिए अधिक रणनीतिक तैयारी, संसाधन और मार्गदर्शन की आवश्यकता है। इस गिरावट से सबक लेकर अगर समुदाय, शैक्षणिक संस्थाएं और सरकार समन्वित प्रयास करें, तो आने वाले वर्षों में यह परिदृश्य बदला जा सकता है।

अगर आप चाहते हैं कि इस रिपोर्ट को और विशिष्ट कोण या क्षेत्रीय संदर्भ में अपडेट किया जाए (जैसे कि कश्मीर, बिहार, या आरसीए-जेएमआई से चयनित मुस्लिम उम्मीदवारों का फोकस), तो मुझे बताएं – मैं उसी अनुसार रिपोर्ट को एडिट कर सकता हूँ।

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