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उत्तर प्रदेश: संभल की जामा मस्जिद के सदर प्रमुख जफर अली से पूछताछ, पुलिस पर लगे गंभीर आरोप

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,संभल (उत्तर प्रदेश)

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद सदर प्रमुख और शाही मस्जिद समिति के प्रमुख जफर अली को पुलिस द्वारा पूछताछ के लिए बुलाए जाने का मामला सामने आया है। यह कार्रवाई 24 नवंबर को इलाके में हुई हिंसा के संबंध में की गई है, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और कई पुलिसकर्मी एवं स्थानीय लोग घायल हुए थे।

क्या है पूरा मामला?

संभल में 24 नवंबर को जामा मस्जिद में न्यायालय के आदेश पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा एक सर्वे किया जा रहा था। इस दौरान कुछ लोगों ने इसका विरोध किया और हालात इतने बिगड़ गए कि हिंसा, पथराव और गोलीबारी की घटनाएं सामने आईं। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य घायल हुए थे। इसके बाद पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया और मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया।

SIT ने इस मामले में 12 में से छह मामलों में चार्जशीट दाखिल की है, जो लगभग 4,000 पन्नों की है। इस चार्जशीट में कुल 159 आरोपियों का नाम शामिल है। चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि हिंसा में इस्तेमाल किए गए हथियार यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, जर्मनी और चेकोस्लोवाकिया में निर्मित थे।

जफर अली से पूछताछ, परिवार ने लगाए गंभीर आरोप

संभल के सहायक पुलिस अधीक्षक (ASP) श्रीश चंद्र के मुताबिक, जामा मस्जिद सदर प्रमुख जफर अली को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। हालांकि, जफर अली के परिवार ने इस कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए हैं।

उनके बड़े भाई मोहम्मद ताहिर ने इसे “असंवैधानिक कार्रवाई” करार दिया और आरोप लगाया कि जफर अली को न्यायिक आयोग के समक्ष बयान देने से रोकने के लिए यह सब किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “पुलिस चाहती है कि जफर अली बयान न दें। लेकिन वह वही बयान देंगे, जो न्यायिक आयोग के सामने दिया गया है।”

उन्होंने यह भी दावा किया कि पुलिस जफर अली को जेल भेजने की साजिश रच रही है। शनिवार को न्यायिक आयोग ने जफर अली को समन जारी किया था, जिसके बाद उन्हें पुलिस ने रविवार को सुबह 11 बजे घर से बुलाकर ले गई। उनके अनुसार, दो इंस्पेक्टर उन्हें ले जाने आए थे और उनकी गिरफ्तारी की भी आशंका है।

हिंसा के बाद पुलिस ने बढ़ाई चौकसी

पुलिस ने इलाके में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। होली के दौरान सुरक्षा कड़ी रखने के लिए संभल में पुलिस द्वारा फ्लैग मार्च निकाला गया। अर्धसैनिक बलों की तैनाती के साथ-साथ ड्रोन से निगरानी की जा रही है।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, “स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और अब तक हिंसा की कोई नई घटना सामने नहीं आई है।”

जामा मस्जिद की सफेदी को लेकर भी विवाद

न्यायालय के आदेश के अनुसार, जामा मस्जिद की सफेदी का काम शुरू कर दिया गया है। जफर अली ने मीडिया को बताया कि “ASI ने सफेदी का काम शुरू कर दिया है और 9-10 मजदूर इसमें लगे हुए हैं। जरूरत पड़ने पर और मजदूरों को बुलाया जाएगा। हम अदालत के आदेश के अनुसार सफेदी का काम पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।”

क्या कहती है पुलिस?

पुलिस का कहना है कि 24 नवंबर की हिंसा में शामिल आरोपियों की पहचान की जा रही है और इसी क्रम में जफर अली से पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह कार्रवाई न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है और इसका किसी विशेष उद्देश्य से कोई लेना-देना नहीं है।

काबिल ए गौर

संभल की जामा मस्जिद में हुई हिंसा और उसके बाद की घटनाएं लगातार चर्चा में बनी हुई हैं। जफर अली से पूछताछ और उनके परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों ने मामले को और गंभीर बना दिया है। पुलिस और प्रशासन इस पूरे मामले पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं, जबकि मुस्लिम समुदाय में इस कार्रवाई को लेकर असंतोष देखा जा रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि न्यायिक आयोग की रिपोर्ट और पुलिस की जांच से क्या निष्कर्ष निकलता है।

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