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मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. ऐनुल हसन बोले-भारत की भाषाई विरासत संरक्षित करने की जरूरत

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,हैदराबाद

हमें भारत की समृद्ध भाषाई विरासत को संरक्षित और पोषित करने की आवश्यकता है. उर्दू भाषा का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व निर्विवाद है. यह कहना है मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (एमएएनयूयू) के कुलपति प्रो. सैयद ऐनुल हसन का. वह बुधवार शाम हैदराबाद के प्रमुख बुद्धिजीवियों के साथ एक बैठक में बोल रहे थे. बैठक में कुलपति ने शिक्षा, भाषा संरक्षण, सामाजिक एवं शैक्षणिक उत्थान एवं सामाजिक विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.

डॉ. यूसुफ मुल्ला, अध्यक्ष, तेलंगाना चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज प्रमोशन और पूर्व महाप्रबंधक, भारतीय रिजर्व बैंक, डॉ. के.एच. सलमानी, शिक्षाविद्, प्राकृतिक चिकित्सक और परोपकारी, डॉ. जीशान अब्बास रजवी, संपादक, एजुकेशन टुडे पत्रिका, एबी प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रा ग्रुप के निदेशक अमीर असलम अहमद खान भी बैठक में मौजूद थे.

उन्होंने विवि के भविष्य के प्रयासों के लिए अपनी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और सुझाव साझा किए. प्रो ऐनुल हसन ने अतिथियों का स्वागत किया और उनके सुझावों के लिए धन्यवाद दिया. प्रो एमएएनयूयू के रजिस्ट्रार इश्तियाक अहमद ने भी विचार-विमर्श में भाग लिया.

इस सभा में विभिन्न क्षेत्रों के विद्वानों, लेखकों, कार्यकर्ताओं और विशेषज्ञों को एक साथ लाया गया ताकि क्षेत्र और राष्ट्र के सामने आने वाली गंभीर चुनौतियों से निपटने के तरीके तलाशे जा सकें.

उर्दू भाषा को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए प्रो. हसन ने उर्दू शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चल रही पहल पर चर्चा की. उर्दू भाषी समुदायों पर ध्यान केंद्रित करते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से समाज के वंचित वर्गों को सशक्त बनाने के दृष्टिकोण को साझा करते हुए प्रो. हसन ने वंचित क्षेत्रों तक अपनी शैक्षिक पहुंच का विस्तार करने के लिए विश्वविद्यालय के प्रयासों को रेखांकित किया.

शोध के बारे में बात करते हुए प्रो. हसन ने एक ऐसे वातावरण को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की जो अनुसंधान को बढ़ावा देता है और अत्याधुनिक विचारों और समाधानों की खोज में विद्वानों का समर्थन करता है. विश्वविद्यालय शैक्षणिक संस्थानों, उद्योगों और सरकार के साथ सहयोग करके क्षेत्रीय विकास को आगे बढ़ाने और देश के विकास में योगदान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. उन्होंने कहा कि विवि शिक्षा और नवाचार से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग जारी रखने के लिए तत्पर है.बैठक आशावाद की भावना और बड़े पैमाने पर शिक्षा, भाषा और समाज की प्रगति के प्रति साझा समर्पण के साथ संपन्न हुई.