दो मेव मुसलमानों को जिंदा जलाने के आरोपी बजरंग दल की वकालत में विश्व हिंदू परिषद की नूंह में महापंचायत
मुस्लिम नाउ ब्यूरो,नई दिल्ली
आरएसएस से जुड़े बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर दो मेवाती मुस्लिम युवाओं को जिंदा जलाने के आरोप लगने के बाद अब इसका सहयोगी संगठन, विश्व हिंदू परिषद मेवात में ही बुधवार को महापंचायत आयोजित करने जा रहा है. जाहिर है, विहिप की यह कार्रवाई तनाव बढ़ाने वाली साबित हो सकती है.
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने 22 फरवरी (बुधवार) को हरियाणा के नूंह जिले (जिसे पहले मेवात के नाम से जाना जाता था) के मुस्लिम बहुल क्षेत्र में ‘हिंदू महापंचायत’ का आह्वान किया है. इसकी वजह बताई गई है राजस्थान सरकार द्वारा लगाए गए कथित फर्जी आरोपों का विरोध करना है.
न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, विहिप प्रवक्ता ने कहा कि हिंदू संगठन बजरंग दल पर लगे फर्जी आरोपों को हटाने की मांग कर रहे हैं. विहिप नेताओं ने यह भी मांग की है कि इस मामले को सीबीआई को सौंपा देनी चाहिए.
विहिप का दावा है कि राजस्थान सरकार ने बजरंग दल पर झूठे आरोप लगाए हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि महापंचायत में भारी भीड़ जुटेगी.उन्होंने आरोप लगाया, अगर सरकार हिंदू संगठनों के प्रति अपने हिंदू विरोधी व्यवहार जारी रखती है, तो हम सरकार के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे. कड़े कानून के बावजूद गोहत्या अभी तक नहीं रुकी है.
भिवानी मौत मामले का जिक्र करते हुए, जहां हरियाणा में एक जली हुई कार के अंदर दो जले हुए कंकाल पाए गए थे, उन्होंने कहा, यह घटना कैसे हुई ? जांच का विषय है. मामला दो राज्यों के न्यायालयों में शामिल है, इसलिए हम सीबीआई जांच की मांग करते हैं. न्याय अनुचित तरीके से नहीं दिया जा सकता.
उन्होंने कहा, हम इस मामले में निष्पक्ष जांच चाहते हैं. दोषियों को फांसी दी जानी चाहिए.मई 2022 में भी विश्व हिंदू परिषद , बजरंग दल, और गौ रक्षा दल सहित कई हिंदू संगठनों ने नूंह के पास एक महापंचायत का आयोजन किया गया था, जिसमें गोहत्या रोकने की कोशिश कर रहे हिंदुओं के खिलाफ सभी मामलों को रद्द करने के लिए सरकार को अल्टीमेटम जारी किया गया था.
हालाकि हिंदू संगठन अब तक नूंह में जब भी ऐसे कार्यक्रम किए हैं, तनाव बढ़ाने वाले ही साबित हुए हैं. हिंदू संगठनों की पिछली पंचायत मंे मुसलमानों के खिलाफ जमकर अनर्गल कहा गया था. पटौदी में मुसलमानों के विरोध में भाषण देने वाला तो आज भी हरियाणा बीजेपी में प्रमुख पद पर है.
विहिप की महापंचायत को लेकर एक अहम बात यह है कि मेवाती मुसलमानों को जिंदा जलाने के मामले में राजस्थान सरकार ने गिरफ्तारियां की हैं. ऐसे मंे विहिप को उस जगह महापंचायत करने की बजाए, जहां के लोग जिंदा जलाए गए हैं, राजस्थान में करनी चाहिए. यदि उसे हरियाणा पुलिस से कोई शिकायत है तो उसे डीजीपी मुख्यालय पर पंचायत करनी चाहिए थी.
जाहिर है हिंदू संगठनों की मंशा मामले अंजाम तक पहुंचने नहीं देना है. विहिप, बजरंग दल को इस मामले मंे पाक-साफ बता रहा है. क्यों ? जांच के बाद ही तो साबित हो पाएगा कि कौन दोषी है और कौन नहीं ? एक बात और यदि दो मेवाती मुसलमानों को जिंदा जलाने के मामले मंे बजरंग दल के लोग पाक साफ हैं तो क्या कि बजरंग दल या विहिप का कोई नेता प्रभावित परिवारों से मिलने आया ? हद तो यह है कि आजकल आरएसएस से दोस्ती बढ़ाने की वकालत करने वाले तथाकथित मुस्लिम बुद्धिजीवी भी अब तक प्रभावित परिवारांे का दुख-दर्द जानने उनके पास नहीं गए हैं.