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विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की मुसलमानों को उत्तराखंड छोड़ने की धमकी, उत्तरकाशी खाली कराने की साजिश ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, देहरादून

एक मामूली घटना को बड़ा बनाकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे हिंदूवादी संगठन उत्तराखंड के एक हिस्से को मुसलमान मुक्त करने की साजिश रच रहे हैं. इसके लिए उनकी ओर से न केवल उत्तराखंड प्रशासन को चेतावनी दी गई है, सोशल मीडिया पर मुसलमानों के मकान-दुकान खाली कराने और तोड़-फोड़ के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं.

ये वीडियो कितने सही हैं, मुस्लिम नाउ इसकी पुष्टि नहीं करता. बावजूद इसके यह तस्वीरें चिंता बढ़ाने वाली हंै. इस मामले में एक और चिंताजनक बात यह है कि इस मामले में अब तक बीजेपी की उत्तराखंड और केंद्र सरकार की ओर से जनता में विश्वास जगाने वाला एक भी बयान सामने नहीं आया है.

दरअसल, मुस्लिम और हिंदू लड़की के एक कथित प्रेम प्रसंग को उत्तराखंड के मुसलमानों के विरूद्ध अथियार बनाया जा रहा है. एक सौ चालीस करोड़ की आबादी वाले इस देश में ऐसी घटनाएं रोजाना सामने आती हैं. बावजूद इसके इसे बहाना बनाकर कहीं भी ‘मुसलमानों से जमीन को मुक्त’ करने का अभियान नहीं चलाया गया. पिछले दिनों ही महराष्ट्र में एक व्यक्ति ने अपनी लिविंग पार्टर को टुकड़े में काट, उबाल कर मिक्सी में पीस दिया, पर ऐसी घटना पर हिंदूवादी संगठन खामोश रहे ?

वैसे ही यह हकीकत है कि ‘देवभूमि’ कहे जाने वाले उत्तराखंड के उत्तरकाशी में कई हिंदूवाली संगठन मुसलमानों को फलते-फूलते नहीं देखना चाहते. वे इस सूबे को मुसलमानों से मुक्त देखना चाहते हैं, जिन्हें प्रेम प्रसंग की घटना, एक बहाना मिल गया है.

हालांकि इस मामले में सरकार की तरह मुख्य मीडिया भी चुप्पी साधे है, पर सोशल मीडिया में ऐसी तस्वीरें, खबरें और वीडियो लगातार वायरल हो रहे हैं. इसपर तटस्थ लोगों के लानत-मलामत भी आ रहे हैं.
 
अश्विनी सोनी ने ट्विटर पर लिखाा है-उत्तराखंड के उत्तरकाशी में रह रहे मुसलमानों को धमकाने, डराने और पीटने के वीडियो वायरल हो रहे हैं.पुलिस, मीडिया, नेता, और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने चुप्पी साध रखी है क्योंकि पीड़ित मुस्लिम हैं.

उन्होंने कहा-हिंदुत्व के नाम पर आतंक का ये स्वरूप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.समृद्धि के सकुनिया ने वीडियो के साथ ट्वीट किया-26 मई को ओबैद और जितेंद्र सैनी नाम के दो लड़कों को स्थानीय लोगों ने एक नाबालिग लड़की के साथ पकड़ा था. स्थानीय लोगों ने इसे लव जिहाद करार दिया और दोनों व्यक्तियों को पुलिस को सौंप दिया गया.

29 मई को उत्तरकाशी के कस्बे पुरोला में एक विशाल रैली निकाली गई.विश्व हिंदू परिषद ने नोटिस जारी कर उत्तरकाशी के यमुना घाटी, नैनबाग,जाखधार,नागटिबा,थत्युड़,सकलाना,डामटा,पुरोला,बड़कोट और उत्तरकाशी को 10 दिनों के भीतर खाली करने की चेतावनी दी है.

समृद्धि के सकुनिया ने लिखा-29 मई को उत्तरकाशी के कस्बे पुरोला में एक विशाल रैली निकाली गई. भीड़ हिंसक हो गई और कथित तौर पर मुसलमानों की दुकानों और घरों पर हमला कर दिया.उन्होंने आगे लिखा- उत्तरकाशी के पुरोला मुख्य बाजार में लगे इन पोस्टरों में 15 जून को होने वाली महापंचायत से पहले मुस्लिम व्यापारियों से दुकानें खाली करने को कहा गया है. हालांकि, राज्य पुलिस का दावा है कि सभी पोस्टर हटा दिए गए हैं.

समृद्धि के सकुनिया ने विहिप और बजरंग दल द्वारा प्रशासन को दिए गए नोटिस को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा है-लव-जिहादियों को सूचित किया जाता है कि वे 15 जून को होने वाली महापंचायत से पहले अपनी दुकानें खाली कर दें. यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो परिणाम, समय पर निर्भर करेगा. पोस्टर हिंदी में है.भीड़ ने मुसलमानों की दुकानों के ठीक बाहर ब्लैक क्रॉस का निशान भी लगा दिया है.

समृद्धि के सकुनिया ने  एक अन्य ट्वीट में लिखा-दुकानों के बोर्ड फाड़ रहे हैं. पत्रकारों का कहना है कि मुस्लिम दुकानें बंद रहती हैं.कुछ परिवार अपने घरों के अंदर बंद हैं और बाहर नहीं निकल रहे हैं.रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि 9 जमींदारों ने अपने मुस्लिम किरायेदारों को अपनी दुकान खाली करने के लिए कहा है.

समृद्धि के सकुनिया ने एक अन्य सामग्री सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा- भीड़ हिंसक हो गई और कथित तौर पर मुसलमानों की दुकानों और घरों पर हमला कर दिया.

समृद्धि के सकुनिया ने वीएचपी और बजरंग दल का  नोटिस भी साझा किया है, जिसमें  20 जून को मुसलमानों के नहीं जाने पर सड़क जाम करने की धमकी दी गई है.

टीओआई के मुताबिक, पुरोला से 11, बड़कोट से 3 दुकानदार पलायन कर चुके हैं. ‘‘महोल ठीक नहीं है’’ एक दुकान के मालिक ने मुझसे कहा कि उसने अपनी दुकान नहीं खोली है.

अशरफ हुसैन ने सोशल मीडिया पर एक न्यूज चैनल का वीडियो साझा किया है, जिसमें लिखा है-मुस्लिम दुकानदारों ने ताहिर की दुकानें और लिविंग टाउन को किया बंद.

उत्तरकाशी : पुरोला से मुस्लिम व्यापारियों का पलायन, कपड़े के 42 साल पुराने कारोबार समेटे

उत्तराखंड का उत्तरकाशी जिला पिछले कुछ दिनों से सांप्रदायिक तनाव को लेकर खबरों में है. माहौल इतना खराब हो चुका है कि एक समुदाय विशेष के लोगों को अपना कारोबार समेटकर रातोंरात पलायन करना पड़ रहा है. अभी तक कई मुस्लिम व्यापारी जिले के पुरोला इलाके से निकल चुके हैं.

हालांकि, पुलिस-प्रशासन ऐसे किसी तनाव और पलायन की बात को खारिज करने में जुटा है. रविवार को करीब 42 सालों से पुरोला में कपड़ों का व्यापार कर रहे शकील एंड संस व्यापारी को भी अपनी दुकान छोड़नी पड़ी है. उन्होंने लगातार बिगड़ते माहौल और विरोध को देखते हुए देहरादून शिफ्ट करने का फैसला लिया है.

पुरोला में कपड़े की दुकान चला रहे सलीम ने बताया कि उनके पिता शकील 42 साल पहले पुरोला आए थे. पहले उनके पिता फड़ लगाकर कपड़ों का व्यापार करते थे. करीब 15 साल पहले उन्होंने पुरोला में मेहनत से कपड़ों की दुकान खोली थी, लेकिन अब स्थिति बिगड़ने के कारण वो देहरादून शिफ्ट हो रहे हैं.

उन्होंने दुकान का सामान लेकर जल्द जाने की बात कही है. उन्होंने बताया कि उन्हें करनपुर में एक दुकान मिल गई है. जहां पर उनके भाई की पहले से ही मेडिकल की दुकान है. उसके पास ही उन्हें नई दुकान मिली है. पुरोला से अब तक 8 बाहरी व्यापारी दुकानें छोड़ चुके हैं तो यमुना घाटी में दुकान छोड़ने वालों की संख्या अब 12 हो गई है.

दरअसल, बीती 26 मई को उत्तरकाशी जिले के पुरोला में मुस्लिम युवक उबैद और उसके दोस्त जितेंद्र सैनी को स्थानीय लोगों ने एक नाबालिग लड़की के साथ पकड़ा था. आरोप था कि वे नाबालिग लड़की को भगाने का प्रयास कर रहे थे.

स्थानीय लोगों ने उन्हें पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था. दोनों युवक यूपी के नजीबाबाद के रहने वाले हैं, जो पुरोला में रजाई और गद्दे की दुकान पर काम करते थे. इस घटना के बाद से ही उत्तरकाशी जिले में मुस्लिम व्यापारियों के खिलाफ कथित लव जिहाद का मुद्दा बनाकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.

आराकोट में दो नाबालिग बहनों के साथ एक मुस्लिम युवक को भी लोगों ने पकड़ा था.इसके बाद एक और मामला उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से सामने सामने आया. जहां बस अड्डे पर एक मुस्लिम युवक के साथ नेपाली मूल की विवाहिता को व्यापारियों ने पकड़ा था, जिन्हें व्यापारियों ने पुलिस के हवाले कर दिया था.

पुलिस ने बिजनौर निवासी कासिम मलिक और विवाहिता से पूछताछ की. उन्होंने बताया कि दोनों का संपर्क फोन पर हुआ था. युवक विवाहिता से मिलने कंडीसौड़ से उत्तरकाशी पहुंचा था.

मुस्लिम युवक मिस्त्री का काम करता है. उसका सत्यापन भी नहीं हुआ था. मामले की जानकारी मिलने पर देर रात नगर व्यापार मंडल के पदाधिकारी कोतवाली पहुंचे. उन्होंने युवक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. जिस पर पुलिस ने कार्रवाई की.

पुरोला के इस सांप्रदायिक तनाव के ताप से सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ता भी नहीं बच सके हैं.उत्तरकाशी जिले के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मोहम्मद जाहिद ने भी बीते बुधवार को परिवार के साथ पुरोला छोड़ दिया. यहां वह कपड़े की दुकान चलाते थे.

जाहिद ने बताया कि वह 25 सालों से यहां रह रहे थे .तीन साल पहले भाजपा ज्वाइन की थी. इसी साल फरवरी में उन्हें जिले के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इससे पहले भी वह पार्टी में विभिन्न पद संभाल चुके हैं. उनके अलावा कुछ और भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुरोला को छोड़ दिया है. यहां रह रहे मुस्लिम कारोबारियों ने कहा कि जब सत्ताधारी दल का नेता सुरक्षित नहीं महसूस कर रहा, तो वे कैसे यहां रह सकते हैं. अगर उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं तो फिर आम लोगों का क्या होगा ?

भाजपा अल्पसंख्यक सेल के स्टेट चीफ इंजार हुसैन ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा, “जाहिद का फोन उन्हें आया था. मैंने उन्हें देहरादून आकर वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा करने को कहा था. लेकिन वे खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर नहीं आ सके.” हुसैन ने कहा कि उनकी सरकार सांप्रदायिक सद्भावना के लिए प्रतिबद्ध है.

इस बीच, सीओ सुरेंद्र भंडारी यमुनाघाटी में कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पीस कमेटी की बैठक लेकर लोगों से सहयोग की अपील कर रहे हैं. नौगांव चौकी में आयोजित बैठक में सीओ भंडारी ने स्थानीय व्यापार मंडल एवं सभी वर्गो के प्रबुद्ध जनों से आपसी सौहार्द, भाईचारा एवं शांति व कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की.

सीओ ने बताया कि पुलिस बाहरी प्रांतों से जनपद में निवासरत व्यक्तियों के लगातार सत्यापन कर रही है.उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी कह चुके हैं कि राज्य में किसी भी सूरत में लैंड और लव जिहाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

लव जिहाद में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द राज्य में सामान नागरिक संहिता लागू किया जाएगा. ( Input IANS)