वक्फ संशोधन अधिनियम 2025: कैम्पटी में मुस्लिम समाज ने उठाई आवाज़, जागरूकता कार्यक्रम में उलेमा और वकीलों ने बताए कानूनी उपाय
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विशेष संवाददाता | कैम्पटी, महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के कैम्पटी शहर में हाल ही में पारित वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 (UMMEED) को लेकर मुस्लिम समुदाय में बढ़ती चिंताओं के बीच पीस कमेटी कैम्पटी ने एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का उद्देश्य समुदाय को अधिनियम के प्रावधानों, संभावित निहितार्थों और कानूनी चुनौतियों के प्रति सजग करना था।

इस आयोजन में कैम्पटी शहर के प्रमुख उलेमा, मस्जिदों के ट्रस्टी, सामाजिक कार्यकर्ता, मुस्लिम युवा नेता और शिक्षाविदों ने भाग लिया। कार्यक्रम में 200 से अधिक प्रतिभागियों की उपस्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया कि मुस्लिम समाज वक्फ संपत्तियों को लेकर गंभीरता से चिंतित है।
🔍 वक्फ संशोधन अधिनियम 2025: क्या हैं मुख्य मुद्दे?
वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन के बाद पारित वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 (UMMEED – Uniform Management and Empowerment of Endowment Development) को लेकर देशभर में बहस जारी है।
वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सरकार की बढ़ती भूमिका, पारदर्शिता के नाम पर सेंट्रलाइज़्ड मॉनिटरिंग और स्थानीय समुदायों की भागीदारी में कटौती जैसे प्रावधानों को लेकर खासतौर पर मुस्लिम समाज चिंतित है।

🗣️ मुख्य वक्ताओं ने क्या कहा?
कार्यक्रम में प्रमुख अधिवक्ता फिरदोस मिर्जा ने अधिनियम की कानूनी व्याख्या करते हुए कहा:

“नया अधिनियम वक्फ संपत्तियों की स्वायत्तता को प्रभावित कर सकता है। समुदाय को संगठित होकर कानूनी तरीके से अपने अधिकारों की रक्षा करनी होगी।”
वहीं, सामाजिक चिंतक श्री अब्दुल रऊफ शेख ने इसे सांस्कृतिक और धार्मिक अस्तित्व से जुड़ा मुद्दा बताते हुए कहा:
“यह केवल संपत्ति का सवाल नहीं है, बल्कि यह मुस्लिम पहचान, धार्मिक संस्थाओं और सामाजिक व्यवस्था से जुड़ा विषय है।”
श्री बशीर अहमद शेख और एडवोकेट कुतुब जफर ने भी चर्चा में भाग लेते हुए विभिन्न धाराओं और उनके संभावित दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला।

❓ प्रश्नोत्तर सत्र रहा जानकारीपूर्ण और जोशपूर्ण
कार्यक्रम के अंत में आयोजित प्रश्नोत्तर सत्र में उपस्थित लोगों ने वक्फ बोर्ड की भूमिका, सरकारी हस्तक्षेप, और कानूनी उपायों पर कई सवाल पूछे। वक्ताओं ने विस्तार से उत्तर दिए और प्रतिभागियों को विधिक उपाय, जनहित याचिका (PIL) और जनजागरण अभियानों के बारे में जानकारी दी।

👏 युवा नेतृत्व की सराहना
इस पूरे आयोजन के संचालन और आयोजन में डॉ. तलत अंसारी के नेतृत्व में कार्य कर रही युवा टीम की सक्रिय भूमिका रही। पीस कमेटी कैम्पटी के युवाओं ने आयोजन की व्यवस्था, लोगों को आमंत्रित करने और कार्यक्रम को शांति और अनुशासन के साथ संपन्न करने में सराहनीय योगदान दिया।
🔚 जागरूक समाज ही सुरक्षित समाज
कैम्पटी में आयोजित यह जागरूकता सभा इस बात का संकेत है कि मुस्लिम समाज अपने धार्मिक, कानूनी और सामाजिक अधिकारों को लेकर सजग है और नीतिगत बदलावों को केवल चुपचाप स्वीकार नहीं करेगा।
वक्फ अधिनियम 2025 पर राष्ट्रीय स्तर पर संवाद और कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता को भी वक्ताओं ने रेखांकित किया।