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भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ युद्ध जैसी स्थितिः सांसद मनोज झा

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ युद्ध जैसी स्थिति है. सरकार कथित रूप से नफरत फैलाने वालों का समर्थन कर रही है. वह शनिवार को यहां प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में ‘नरसंहार‘ पर दस्तावेज के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे.

कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया ने ‘नरसंहार‘ एक दस्तावेज जारी किया है जो विभिन्न विद्वानों द्वारा प्रस्तावित नरसंहार चरणों के संदर्भ में मामलों को उजागर करता है. मुस्लिम मिरर्र डाॅट काॅम में छपी एक खबर के अनुसार, यह दस्तावेज ग्रेगरी एच स्टैंटन के ‘नरसंहार के दस चरणों‘ पर आधारित भारतीय स्थिति का संदर्भ देता है.

बढ़ते नफरत भरे माहौल पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए, राज्यसभा सांसद झा ने नरसंहार का विरोध करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने देश भर में नफरत फैलाने में सरकार के जघन्य समर्थन को रेखांकित किया. उन्होंने हिंसा फैलाने वालों को ‘अपराधी‘ करार दिया.

इस अवसर पर बोलते हुए, कई वक्ताओं ने कहा कि केंद्र में दक्षिणपंथी हिंदुत्व ताकतों द्वारा सत्ता हथियाने के बाद अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों के खिलाफ हिंसा बढ़ गई है. उन्होंने कुख्यात मॉब-लिंचिंग की घटनाओं को सूचीबद्ध किया. शिक्षित युवकों को मनगढ़ंत मामलों में कैद, सांप्रदायिक दंगे, पुलिस फायरिंग, धार्मिक उत्पीड़न और यहां तक ​​कि सामाजिक भेदभाव और बहिष्कार एक व्यवस्थित और संगठित कार्यक्रम का एक हिस्सा है, जिसे नरसंहार कहा जाता है. यह एक समूह द्वारा दूसरे समूह की सुनियोजित सामूहिक हत्या है.‘‘

भारत में नरसंहार की अवधारणा पर चर्चा करते हुए, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के महासचिव अश्वन सादिक पी ने कहा कि कैसे आरएसएस सत्ता हासिल करने और अपनी जहरीली विचारधारा का प्रसार करने के लिए नफरत भरे भाषणों का इस्तेमाल करता है.

मानवाधिकार कार्यकर्ता कवलप्रीत कौर ने कहा, ‘‘हमारे समाज में नरसंहार के चरण एक साथ सामने आ रहे हैं,‘‘ और उन्होंने भारत में इस्लामोफोबिया के अत्यधिक औचित्य और स्वीकृति को नष्ट कर दिया.इस मौके पर कैंपस की राष्ट्रीय समिति के सदस्य फरहान मौजूद थे. छात्र कार्यकर्ता और कैंपस फ्रंट जामिया इकाई के अध्यक्ष वजीहा ने चर्चा का संचालन किया.