अमेरिका और ज़ायोनी शासन को चेतावनी: ईरान देगा सख्त जवाब, Ayatollah Seyyed Ali Khamene का ऐलान
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, तेहरान
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला सैय्यद अली खामेनेई ने चेतावनी दी है कि इस्लामी गणराज्य और प्रतिरोध मोर्चे के खिलाफ़ की गई किसी भी कार्रवाई का अमेरिका और ज़ायोनी शासन को करारा जवाब मिलेगा.शनिवार को तेहरान में छात्रों के एक समूह को संबोधित करते हुए अयातुल्ला खामेनेई ने कहा, “दुश्मनों को यह समझना चाहिए कि ईरान और प्रतिरोध मोर्चे के खिलाफ की गई हर कार्रवाई का सख्त जवाब दिया जाएगा.”
यह भाषण उन्होंने राष्ट्रीय छात्र दिवस की पूर्व संध्या पर दिया, जो 1979 में ईरान में पूर्व अमेरिकी दूतावास के अधिग्रहण की वर्षगांठ का प्रतीक है.यह दिवस, जो ईरानी कैलेंडर में अबान महीने की 13 तारीख को मनाया जाता है, ईरान में वैश्विक अहंकार के खिलाफ़ संघर्ष के प्रतीक के रूप में भी पहचाना जाता है.
अयातुल्ला खामेनेई ने कहा कि पूर्व अमेरिकी दूतावास केवल एक राजनयिक स्थल नहीं था, बल्कि इस्लामी क्रांति के खिलाफ़ षड्यंत्र और उकसावे की साजिशों का केंद्र था, यहाँ तक कि इस्लामी गणराज्य के संस्थापक इमाम खुमैनी के जीवन पर भी खतरा पैदा किया गया था.
उन्होंने कहा कि वैश्विक अहंकार का सामना करना धार्मिक कर्तव्य है. यह राष्ट्रों को अपमानित करता है. उन पर आर्थिक, सैन्य और सांस्कृतिक प्रभुत्व जमाना चाहता है. अयातुल्ला खामेनेई ने कहा कि ईरानी राष्ट्र ने साम्राज्यवाद के खिलाफ संघर्ष किया है और वह संघर्ष जारी रहेगा.
उन्होंने यह भी कहा कि ईरान हर आवश्यक तैयारी करेगा, चाहे वह सैन्य, हथियारों या राजनीतिक कार्रवाइयों के मामले में हो, ताकि साम्राज्यवाद का सामना किया जा सके.
सर्वोच्च नेता ने यह स्पष्ट किया कि यह संघर्ष बदले का नहीं, बल्कि तार्किक और धार्मिक सिद्धांतों के अनुरूप एक कदम है, जो अंतरराष्ट्रीय कानून के भी अनुरूप है. उन्होंने कहा कि वैश्विक क्रूरता का सामना करना ईरानी राष्ट्र के लिए एक धार्मिक कर्तव्य है और यह संघर्ष इस्लामी और मानवीय तर्क के आधार पर आगे बढ़ना चाहिए. इस रास्ते पर ईरान को विज्ञान, प्रौद्योगिकी और एक ठोस रोडमैप की आवश्यकता होगी ताकि वह अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सके.
सोर्स: इरना