Culture

मरहूम अभिनेता इरफान खान इस्लाम विरोधी थे ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, जयपुर

राजस्थान के मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखने वाले मरहूम अभिनेता इरफान खान की कुछ टिप्पणियों को लेकर अक्सर यह चर्चा होती है कि क्या वह इस्लाम विरोधी थे ? रोजा-नमाज को नहीं मानते थे ? रमजान को लेकर उनकी सोच नकारात्मक थी ?

आज इरफान खान की चैथी बरसी है, ऐसे मौके पर इन सवालों को लेकर चर्चा करना मौजू हो जाता है. तकरीबन छह साल पहले अपनी फिल्म मदारी की रिलीज से कुछ दिन पहले, अभिनेता इरफान खान ने रमजान के रोजे और मुहर्रम के मुस्लिम त्योहार पर सवाल उठाकर विवाद खड़ा कर दिया था.

इसके बाद इरफान की इस टिप्पणी पर उनके गृहनगर जयपुर के मुस्लिम मौलवियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. शहर के शीर्ष इस्लामी विद्वानों ने पान सिंह तोमर अभिनेता को विवादास्पद टिप्पणी करने के बजाय अपने अभिनय पर ध्यान केंद्रित करने की तक सलाह दे डाली थी.

इरफान ने क्या कहा था ?

इरफान फिल्म मदारी के प्रमोशन के लिए जयपुर में थे. फिल्म 15 जुलाई 2017 को सिल्वर स्क्रीन पर रिलीज हुई थी. इस दरम्यान मीडिया से बातचीत करते हुए, अभिनेता इरफान खान ने रमजान के महीने के दौरान रोजे की रस्म की निंदा की थी.

तब उन्होंने कहा था,रमजान के दौरान रोजा रखने के बजाय, लोगों को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए. इसी तरह मुहर्रम के दौरान कुर्बानी के नाम पर जानवरों का वध किया जाता है. हम मुसलमानों ने मुहर्रम का मजाक बना दिया है. यह शोक मनाने के लिए है और हम क्या करते है ं? हम ताजिया जुलूस निकालते हैं.

एक सवाल के जवाब में इरफान ने आतंकवाद के खिलाफ न बोलने के लिए मुसलमानों की आलोचना की. उन्होंने कहा, आतंकवाद के मुद्दे पर मुसलमान चुप क्यों हैं. लोगों को इस मुद्दे पर राजनेताओं से भी सवाल करना चाहिए.

मौलवियों ने इरफान की आलोचना की

इसपर मुस्लिम मौलवियों ने अभिनेता की विवादित टिप्पणी को लेकर उनकी आलोचना की. जमात-ए-उलेमा-ए-हिंद के राजस्थान के प्रदेश सचिव मौलाना अब्दुल वाहिद खत्री ने उन्हें इस्लामिक मुद्दों में हस्तक्षेप करने के बजाय अपने फिल्मी करियर पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी.

खत्री ने कहा, बेहतर होगा कि वह अपने फिल्मी करियर पर ध्यान दें . हमारे इस्लाम के बारे में बेतरतीब बयान न दें. वह ऐसा सिर्फ अपनी आने वाली फिल्म के प्रचार के लिए कर रहे हैं.जयपुर के शहर काजी (मुख्य न्यायविद्) शेर काजी खालिद उस्मानी ने कहा, उन्हें अपना मुंह बंद रखना चाहिए, क्योंकि उन्हें धर्म के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

क्या इरफान खान इस्लाम विरोधी थे ?

ऐसा कहना गलत होगा कि इरफान खान इस्लाम विरोधी थे. यदि ऐसा होता तो चार साल पहले मृत्यु के बाद उन्हें मुंबई के मुस्लिम कब्रिस्तान में दफ्नाया क्यों जाता ? दरअसल, इरफान खान को इस्लाम के नाम पर कुछ ढकोसलों पर ऐतराज था, जिसकी हमेशा मुखालफत करते रहे. इरफान खान क्या, मुसलमानों का एक बड़ा वर्ग मुहर्रम पर ताजिया जुलूस निकालने और आतंकवाद के मुददे पर मुखरता नहीं दिखाने का विरोध करता रहा है और आज भी करता है. इसलिए यह कहना कि इरफान खान इस्लाम विरोधी थे,गलत होगा.

जब इरफ़ान खान ने दी ईद के त्यौहार की सही परिभाषा

इरफ़ान खान का भले ही निधन हो गया हो लेकिन उनके काम और उनकी बातों ने समाज पर बहुत बड़ा प्रभाव छोड़ा है. ईद के त्यौहार पर कुछ साल पहले का वह समय याद आता है जब उन्होंने ईद के त्यौहार की सही परिभाषा के बारे में बात की थी.

कुछ साल पहले ‘सा रे गा मा पा’ के सेट पर प्रशंसकों और मीडिया के साथ बातचीत के दौरान, इरफान ने ईद और इस्लामी पवित्र महीने रमजान के दौरान उपवास के सार के बारे में बात की थी. “सभी त्योहारों का कुछ अर्थ और उद्देश्य होता है. हमें इसका पता लगाने का प्रयास करना चाहिए. ईद सभी त्योहारों की तरह एक आनंदमय क्षण है, जहां लोग अपनी पूरे साल की कमाई में से कुछ हिस्सा जरूरतमंद लोगों को देते हैं,

उन्होंने कहा था, “उद्देश्य साझा करना है. यह आपकी कमाई या कुछ भी हो सकता है मौद्रिक या शायद आपके अच्छे विचार ताकि आपके परिवेश में समानता फैल सके.” “एक महीने की प्रार्थना और ध्यान के बाद, यह उत्सव का समय है. हमें उम्मीद है कि हमारी प्रार्थना सर्वशक्तिमान द्वारा स्वीकार की जाएगी और हमारी आत्माएं शुद्ध होंगी.”

इरफान खान की चैथी बरसी पर बेटे का इमोशनल खत

दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान के बेटे बाबुल खान ने अपने पिता की चैथी बरसी से एक दिन पहले एक भावनात्मक पत्र लिखा है.29 अप्रैल 2020 को बॉलीवुड के बहुमुखी अभिनेता इरफान खान का 53 साल की उम्र में कैंसर के कारण निधन हो गया था.

उनके बेटे ने शनिवार को अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किए गए लेटर में लिखा कि वह अपने पिता की यादों को कभी नहीं भूल सकते.बाबुल ने अपने लेखन में अपने पिता को बड़ी श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि उनके पिता हमेशा उन्हें एक योद्धा बनने के लिए कहते थे, पर प्यार और दयालु स्वभाव के साथ.

गौरतलब है कि 25 साल के बाबुल ने कुछ दिन पहले अपना एक पोस्ट डिलीट कर दिया था जिसमें उन्होंने लिखा था, बाबा के पास जाने का मन हो रहा है, लेकिन पोस्ट पढ़कर फैंस परेशान हो गए.