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देखें वीडियो: लांग ब्रेथ तिवालत-ए-कुरआन करने वाले कारी ईदी सुभान कौन हैं जिन्होंने सोशल मीडिया पर धूम मचा रखा है

गुलरूख जहीन

कुरआन शरीफ के कुछ सूरह को छोड़ दें तो अधिकांश बेहद लंबे हैं. आयतल कुर्सी सहित कई सूरह तो इतने लंबे हैं कि रोजाना कुरआन की तिलावत करने वाले कभी-कभी इसे दो दिनों में पूरा करते हैं. ऐसे में यह कल्पना से परे है कि कोई व्यक्ति एक ही सांस में लंबे-लंबे सूरह की किरत कर सके. मगर इस नामुमकिन को मुमकिन कर दिया है एक अफ्रीकी युवा कारी ईदी सुभान ने. इनदिनों सोशल मीडिया पर उनके ‘लांग ब्रेथ तिलावत-ए-कुरआन’ की धूम मची हुई है.

यंू तो पूरे लय में यदि कुरआन की किरत की जाए तो उसमें काफी दम लगता है. ऐसे में पूरे दमखम और लय में, वह भी एक सांस में कुरआन के लंबे-लंबे सूरह की तिलावत करना किसी हैरत से कम नहीं. मगर कारी ईदी सुभान इसे बेहद आसानी से कर जाते हैं.

एक अनुमान के अनुसार कारी ईदी सुभान की उम्र तीस साल के करीब है. वह अफ्रीका के तंजानिया के रहने वाले हैं. इससे ज्यादा उनके बारे में कहीं कोई खास जानकारी नहीं है, पर सोशल मीडिया पर वह पिछले दो साल से सनसनी बने हुए हैं.

सोशल मीडिया पर उनके तमाम वीडियो मौजूद हैं जिसमें वह कुरआन के लंबे-लंबे सूरह एक ही सांस में किरत करते दिखाई दे रहे हैं. यूट्यूब पर इनमें से कुछ वीडियो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अरब देशों के हैं. वह जब कुरान की तिलावत करते हैं तो उनके एक सांस में लंबे सूरह खत्म करते ही लोग ‘सुभानअल्लाह’ के नारे लगााने लगे हैं.

उनके लंब-लंबे सूरह की तिलावत करने के कारण ही उन्हंे कुछ नेटजेन यानी सोशल मीडिया में सक्रिय रहने वालों ने ‘लांग ग्रेथ तिलावत-ए-कुरआन, कारी ईदी सुभान’ की संज्ञा दे दी है.

कारी ईदी सुभान की किरत के साथ कुरआन की तिलावत करने के वीडियो आप न केवल टिकटाक, इंस्टाग्राम, फेसबुक और यूट्यूब पर देख सकते हैं, उन्हें तमाम पोडकाॅस्ट चैनल पर भी सुना जा सकता है. इस सांवले से युवा कारी ईदी सुभान को जो भी लांग ब्रेथ तिलावत-ए-कुरआन करते देखता या सुनता है, जिस्म के रांगटे खड़े हो जाते हैं.

आइए अब जाते हैं कुछ बातें कुरआन शरीफ के बारे में.

सूरह और आयत किसे कहते है ? कुरआन मे कितनी सूरह और कितनी आयतें है ?

सूरह किसे कहते हैं

पवित्र कुरआन, पूरे का पूरा, एक लगातार लेख की हैसियत नहीं रखता, बल्कि वह एक 114 हिस्सों में बँटा हुआ है जिनकी शक्ल एक पुस्तक के अध्यायों की सी समझिए. कुरआन के इन हिस्सों को ईश्वर ने ‘सूर’ (सूरत) कहा है. कुल मिलकर कुरआन में 114 सूरा है.

आयत किसे कहते हैं

सूरा के खास खास टुकड़ो और वाक्यों को, जिनकी हदबंदी ईश्वर ही की ओर से हुई है, ‘आयत’ कहा गया है. कुल मिलकर कुरआन में 6236 आयते है.

‘आयत’ का शाब्दिक अर्थ निशानी और चिन्ह होता है. वह प्रकट वस्तु जो किसी छुपी हुई सच्चाई की और रहनुमाई कर रही हो, अरबी भाषा में ‘आयत’ कहलाती है. आयत शब्द के इस मूल अर्थ को अगर सामने रख कर विचार किया जाए तो कुरआन की आयतों को ‘आयत’ कहे जाने के कारण बहुत कुछ समझ में आ जाएंगे. जैसे –

  1. कुरआन की आयतें एक चमत्कारिक वाणी का हिस्सा होने की हैसियत से ‘कलामे इलाही’ (ईश्वरीय वाणी) होने की ‘निशानी’ और ‘दलील’ हैं, इसलिए इन्हें ‘आयत’ के नाम से याद किया गया है.
  2. कुरआन की आयतें खुद रहनुमाई हैं, क्योंकि इनसे ईश्वर के गुणों और उसके हुक्मों और हिदायतों का ज्ञान होता है, इसलिए इन्हें आयत कहा गया.
  3. कुरआनी शिक्षाओं की बुनियाद, ‘ऑर्डर’ और ‘अकीदे’ को ज़बरदस्ती थोपने पर नहीं, बल्कि सोच-विचार और दलीलों पर कायम है. उसकी बातें तर्कपूर्ण वार्ता की हैसियत रखती हैं, मानो कुरआन सिर्फ हुक्मों व हिदायतों ही का नाम नहीं है, बल्कि सबूतों व दलीलों का भी नाम है. इसलिए उसके हिस्सों को आयत फरमाया गया, ताकि उसकी यह विशेषता आँखों से ओझल न होने पाए.

कुरआनी आयतें अपने अवतरित होने के समय की दृष्टि से दो प्रकार की हैं:- ‘मक्की’ और ‘मदनी’. मक्की वे आयतें कही जाती हैं जो हिजरत से पहले उतरी हैं, चाहे वे मक्के में उतरी हों या किसी और जगह. मदनी उन आयतों को कहा जाता है जो हिजरत के बाद उतरी हैं, चाहे वे मदीने में उतरी हो या मदीने से बाहर किसी दूसरी जगह.

मदनी सूरतों की तादाद कितनी है

मदनी सूरतों की तादाद 28 है जिनके नाम निम्नलिखित हैं। सूरा अल बकरा, सूरह अल इमरान, सूरह अल निसा, सूरह ल मायदा, सूरह आल इमरान, सूरह तौबा, सूरह अल राद, सूरह अल हज, सूरह अल नूर, सूरह अल हजाब, सूरह मोहम्मद, सूरह अल फतह, सूरह अल हुजरात, सूरह रहमान, सूरह अल हदीद, सूरह अल मुजादिला, सूरह अल हश्र, सूरह अल मुमताहिना, सूरह अल सफ, सूरह अल जुमा, सूरह अल मुनाफिकून, सूरह अल तगाबुन, सूरह अल तलाक, सूरह अल तहरीम, सूरा अल इंसान, सूरह अल बय्यना, सूरह अल जुल्जिलाल, सूरा अल नसर