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मध्य प्रदेश के हाजी शहजाद के करोड़ों रूपये के आलीशान मकान और लग्जरी कारें नेस्तनाबूद करने पर क्या कह रहे लोग ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

Chhatarpur News :सुप्रीम कोर्ट, देश के तमाम बुद्धिजीवियों, मुस्लिम और मानवाधिकार संगठनों के अनेक बार मुसलमानों के मकानों पर प्रादेशिक कारों द्वारा बुलडोजर चलाने की आलोचना की जा चुकी है. इसके बावजूद सरकारें हैं कि अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई हैं. कई बार तो अवैध बताकर ऐसे मकान तब तोड़े जाते हैं, जब उनके नाम किसी मामले में आते हंै. इससे पहले सरकारें सोई रहती हैं.

मानवाधिकार संगठनों के ऐसे अनेक रिपोर्ट आ चुके हैं, जिसमें बताया गया है कि अधिकांश मामले में बुल्डोजर मुसलमानों के घरों पर ही चलाए गए. गुरुवार को दिल्ली में एक प्रेस कान्फ्रेंस में मुस्लिम संगठनों ने यह मुद्दा जोरशोर से उठाया.

मगर जब दिल्ली में यह बातें चल रही थी, तब मध्य प्रदेश के एक शहर में कांग्रेस के  कार्यकर्ता हाजी शहजाद की आलीशान कोठी और उसकी शानदार लग्जरी कारें बुल्डोजर से जमींदोज की जा रही थीं.

दरअसल, उनपर आरोप है कि उन्होंने अपने साथियों के साथ पैगंबर मोहम्मद साहब को बुरा-भला कहने वाले एक तथाकथित संत के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के क्रम में स्थानीय थाने में तोड़-फोड़ की. मुसलमानों का आरोप है कि इस संवेदनशील मामले में स्थानीय पुलिस ने जानबूझकर एफआईआर दर्ज करने में देरी की. उसके बाद वहां हंगामा हो गया. पत्थरबाजी हुई और कई पुलिस वाले घायल हो गए.

सवाल उठता है कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में क्यों देरी की, जबकि उसे पता है कि ऐसे ही एक मामले में पिछले साल देश बवाल झेल चुका है. कई निर्देशों की जानें चली गई थीं ? क्या शासन-प्रशासन इसी घटनाओं से सबक नहीं लेता ? देवी-देवताओं या पैगंबरों का अनादर करने वालों पर तत्काल कार्रवाई क्यों नहीं की जाती ? भारत में अपने आराध्य देवों को सर्वोपरि माना जाता है, फिर भी उनका अपमान करने वालों पर समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं होती ? पिछले 10 वर्षों में इस तरह का माहौल किसने बनाया है ? हाजी शहजाद जिसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराना चाहते थे, क्या इसलिए इसमें देरी की गई ताकि उनकी मुसलमानों में बढ़ती लोकप्रियता से विरोधियों के सीने पर सांप लोट रहा था और वे मौके की तलाश में थे ? जाहिर है ऐसी कार्रवाई देश में शांति नहीं अशांति फैलाने की साजिश हो सकती है.

बहरहाल, इस मामले में एनबीटी ने रिपोर्ट किया है कि छतरपुर उपद्रव मामले में आरोपी हाजी शहजाद अली के ऊपर कार्रवाई हुई है. उनके महल को मोहन सरकार ने मिट्टी में मिला दिया. साथ ही घर में खड़ी लग्जरी गाड़ियों को भी बुलडोजर से रौंद दिया गया. वहीं, हाजी शहजाद अली अभी फरार चल रहे हैं.
हाजी शहजाद अली के महल की अनुमानित कीमत पांच करोड़ रुपए से अधिक बताई है. आलीशान महल को प्रशासन ने बुल्डोजर से जमींदोज कर दिया. घर तोड़ने के दौरान वहां खड़ी गाड़ियों को भी चकनाचूर कर दिया. हाजी शहजाद अली कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष रहे हंै.उनके घर में खड़ी एक गाड़ी पर उपाध्यक्ष का प्लेट लगा हुआ था.

कथित संत द्वारा पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ विवादित टिप्पणी के मामले में कई लोग़ हाजी शहजाद अली के नेतृत्व में थाने पहुंचे थे. इसके बाद छतरपुर जिले के कोतवाली थाने पर प्रदर्शन किया. आरोप है कि भीड़ देखते ही देखते आक्रामक हो गई और पत्थरबाजी करने लगी. 10 मिनट तक पत्थरबाजी करती रही. इस दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. कोतवाली थाने के प्रभारी को गंभीर चोट लगीं. पुलिस के अनुसार हाजी शहजाद अली आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे. पुलिस ने 50 लोगों पर नामजद एफआईआर की है. साथ ही 200 अज्ञात लोगों पर भी केस दर्ज किया है.

घटना के बाद सीएम मोहन यादव ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे. प्रशासन की टीम ने वीडियो फुटेज के आधार पर लोगों की पहचान की. इसके बाद हाजी शहजाद अली के घर पर बुलडोजर और पोकलेन मशीन के साथ पहुंच गई. हाजी शहजाद अली का घर इलाके की शान थी. इसेे कुछ घंटों के अंदर ही प्रशासन की टीम ने नेस्तानाबूद कर दिया. घर को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया.

हाजी शहजाद अली का घर इलाके में बेहद खास था. वह इलाके के सबसे बड़े नेता हैं. घर की कीमत 5 करोड़ से अधिक थी. दूर से ही अलग दिखता था. प्रशासन की टीम जब कार्रवाई करने पहुंची तो कोई विरोध करने  नहीं आया.

वहीं, घर के अंदर जो गाड़ियां खड़ी थीं, उन्हें भी प्रशासन ने चकनाचूर कर दिया. तीन महंगी लग्जरी गाड़ियों को बुलडोजर और पोकलेन मशीन से रौंद दी गईं. इसके वीडियो सामने आए हैं. हाजी अली के साथ उनके कुछ सहयोगियों के भी मकान तोड़े गए हैं, जो कथित तौर पर इस हिंसा में शामिल थे. पुलिस की टीम लगातार उपद्रवियों पर कार्रवाई कर रही है.

हाजी शहजाद अली छतरपुर के पूर्व सदर हैं. इसके अलावा वह कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष भी हैं. साथ ही करोड़ों की संपत्ति के मालिक हंै. मुस्लिमों के बीच अच्छी पकड़ी है. उनके बुलावे पर हजारों लोग इकट्ठा हो जाते हैं. बुधवार को भी यही हुआ. घटना के बाद से हाजी अली फरार चल रहे हैं.

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के रामगिरी महाराज ने पैगंबर मोहम्मद साहब पर विवादित टिप्पणी की थी. इस टिप्पणी को लेकर मुस्लिम समाज के लोग केस दर्ज कराने थाने पहुंचे थे। मगर भारत बंद का बहाना बनाकर केस दर्ज करने में देर की गई जिससे  लोग आक्रामक हो गए.

हाजी शहजाद अली के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सोशल मीडिया पर मध्य प्रदेश सरकार की जमकर आलोचना हो रही है. ऐसी कार्रवाई को लेकर फिर सवाल उठाए जा रहे हैं. यहां तक कहा जा रहा है कि बुल्डोजर केवल मुसलमानों के घर पर ही क्यों चलाए जाते हैं ? यदि कोर्ट में यह साबित हो गया कि सीसीटीवी टैंपर्ड था और एक साजिश के तहत हाजी शहजाद पर कार्रवाई की गई तो करोड़ों रूपये का हर्जाना कौन भरेगा ? कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य इमरान प्रतापगढ़ी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है-

क्या ये न्याय है ?

छतरपुर मध्य प्रदेश में प्रशासन ने हाजी शहज़ाद का सिर्फ घर नहीं तोड़ा बल्कि घर में खड़ी गाड़ियां भी बुलडोज़ कर दीं .

 जी क्या आपकी सरकारें संविधान से चल रही हैं .

क्या आपके मुख्यमंत्री आपके सबका साथ . सबका विकास के नारे को बुलडोजर के नीचे नहीं कुचल रहे हैं .

इस मामले में अंसार इमरान एक्स पर लिखते हैं-मुसलमानों पर आरोप लगते ही तथाकथित निष्पक्ष प्रशासन विध्वंस की करवाई शुरू कर देता है मगर जब कोई आरोपी उर्दू नाम वाला न हो तो बुलडोज़र पंचर हो जाता है. प्रशासन कार्रवाई करने में हाथ कांपने लगते है.

मध्य प्रदेश के छतरपुर में मुसलमानों के खिलाफ बुलडोजर करवाई के पूरे मुद्दे को समझने के लिए ये वीडियो जरूर देखें.

टीवी रिपोर्टर प्रज्ञा मिश्रा ने इस मामले में एक्स पर लिखा है-किसी भी गुनाह के लिए देश में कानून हैं…लेकिन बीजेपी सरकारों का भरोसा बाबा साहब की किताब पर है ही नहीं..
  राज्य के नागरिकों को गुनाह की सजा कानून देता है…ना कि वोट बढ़ाने के लिए भाजपा का मुख्यमंत्री…मध्य प्रदेश के छतरपुर में पैगम्बर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद भीड़ थाने में ज्ञापन देने गई थी…

लोगों का कहना था कि अहमदनगर में 15 अगस्त को रामगिरि महाराज ने पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब की शान में आपत्तिजनक टिप्पणी की है. उनकी पत्नी के विरुद्ध आपत्तिजनक एवं अपमानजनक शब्दों का प्रयोग कर हमारी धार्मिक भावनाओं को आहत किया है.

पुलिस भीड़ को समझाने में फेल रही…भीड़ उग्र हो गई…पत्थर चल गए…उसके बाद मोहन सरकार ने छतरपुर में हाजी शहजाद के घर पर बुलडोजर चलवा दिया…चलिए घर अवैध होगा…लेकिन कुचली गईं कारों को किस कानून के तहत रौंदा….

               मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री समझ नहीं पा रहे हैं कि बुलडोजर प्रथा को कॉपी करने के चक्कर में इसके पहले वाले मुख्यमंत्री और गृह मंत्री दोनों का दाना पानी मध्य प्रदेश की जनता ने उठा दिया है…मोहन यादव के पास मुख्यमंत्री बनकर कुछ कर दिखाने का समय था…खुद को साबित करने का मौका था….मोहन यादव के पास ट्रेंड सेटर बनने का मौका था…लेकिन ये यूपी सरकार के पिछलग्गू फॉलोवर निकले…

      भीड़ उग्र हुई…उसने पथराव किया…कान हाथ में लिया…गलत किया…मुख्यमंत्री को भी ये बुलडोजर बाजी शोभा नहीं देती…ये सरकारी गुंडागर्दी है….जिस मकान को अवैध बनाकर तोड़ा जा रहा है…अगर वो अवैध था तो बनने कैसे दिया गया…दूसरी बात घर में खड़ी कारों को कुचले का अधिकार सरकार को किसने दिया…क्या वो भी अवैध थीं….अगर वो भी अवैध थीं तो भी सरकार कारों को कुचल नहीं सकती…