Culture

पाकिजा में मीना कुमारी के किरदार को लेकर हीरामंडी की शर्मिन सहगल ने क्या कहा कि ताजदार अमरोही खफा हैं

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, मुंबई

शर्मिन सहगल ने हीरामंडी में आलमज़ेब का किरदार निभाया है. यह सीरीज़ वर्तमान में नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है.संजय लीला भंसाली की हीरामंडी नेटफ्लिक्स पर सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले भारतीय शो में से एक बन गई. हालाँकि, सभी अभिनेताओं को उनके प्रदर्शन के लिए प्रशंसा मिलने के बावजूद, शर्मिन सहगल की सोशल मीडिया पर उनके अभिनय कौशल की आलोचना की गई.

पहले एक साक्षात्कार में कहा था कि उन्होंने हीरामंडी में अपना किरदार निभाते हुए पाकीज़ा में मीना कुमारी की ‘शून्यता’ से प्रेरणा ली. अब, दिवंगत अभिनेता के सौतेले बेटे ताजदार अमरोही ने शर्मिन के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है . कहा है कि पाकीज़ा की तुलना हीरामंडी से नहीं की जानी चाहिए.

ज़ूम टीवी के साथ एक साक्षात्कार में, ताजदार ने कहा, “हीरामंडी और पाकीजा के बीच ज़मीन आसमान का फ़र्क है. दोनों की तुलना न करें. कोई भी ‘पाकीजा’ दोबारा नहीं बना सकता. न तो मीना कुमारी और न ही कमाल अमरोही कभी दोबारा पैदा हो सकते हैं. मैं इस बारे में ज़्यादा कुछ नहीं कहना चाहता क्योंकि भंसाली मेरे पिता कमाल अमरोही के बहुत बड़े प्रशंसक हैं.

अपनी हर फ़िल्म में भंसाली बिल्कुल उसी तरह से शॉट लेने की कोशिश करते हैं जैसे मेरे पिता करते थे. एक बार वे कमालिस्तान स्टूडियो आए थे. उन्होंने पूछा कि मेरे पिताजी कहाँ बैठते थे. मेरे पिताजी कहाँ टहलते थे. उन्होंने बहुत सम्मान के साथ उस जगह की ज़मीन छूई जहाँ मेरे पिताजी बैठते थे.
यह 15 साल पहले की बात है. उसके बाद मैं उनसे फिर कभी नहीं मिला. मैं यहाँ यह ज़रूर कहना चाहूँगा कि हम सभी की अपनी-अपनी पसंद होती है. यह सब मेरी राय है. हो सकता है कि कुछ लोगों को पाकीज़ा से ज़्यादा हीरामंडी पसंद आई हो.

उन्होंने आगे कहा, “मैं शर्मिन को नहीं जानता. लेकिन मैं उनके शून्यता वाले बयान से सहमत नहीं हूँ.” अनजान शर्मिन ने ETimes के साथ एक साक्षात्कार में कहा था कि, “मीना कुमारी मेरी प्रेरणाओं में से एक है. मैंने पाकीज़ा से मीना कुमारी की शून्यता को हीरामंडी में अपने किरदार में लाने की कोशिश की.”

शर्मिन के अलावा, उनकी सह-कलाकार ऋचा चड्ढा ने भी हीरामंडी में अपने नृत्य प्रदर्शन के साथ मीना कुमारी को श्रद्धांजलि देने के बारे में बात की थी. पिंकविला के साथ एक साक्षात्कार में, ऋचा ने बताया, “पाकीज़ा में मीना कुमारी जी के किरदार को ध्यान से देखना, उससे सीखना और उससे सबक लेना हीरामंडी की शूटिंग से पहले मेरे लिए वास्तव में समृद्ध और गहराई से बदलने वाला अनुभव था.

फिल्म में मीना कुमारी के किरदार में एक खास तरह की दुखद गहराई और जटिलता है, जो शो में मेरे द्वारा निभाए गए किरदार लज्जो से मेल खाती है. मैंने मीना जी के काम का अध्ययन करते हुए आवाज और उच्चारण पर काम किया, कभी-कभी नकल करने की हद तक.”
उन्होंने यह भी कहा, “मुझे ऐसा लगा जैसे मैं किसी सिनेमाई किंवदंती के नक्शेकदम पर चल रही हूं, और लज्जो के किरदार के माध्यम से मीना कुमारी जी को श्रद्धांजलि देना मेरे लिए सम्मान की बात थी.”

हीरामंडी के बारे में हीरामंडी का शीर्षक विभाजन से पहले के दौर में लाहौर (वर्तमान पाकिस्तान) में हीरा मंडी के रेड-लाइट जिले पर आधारित है. भारतीय स्वतंत्रता क्रांति की पृष्ठभूमि में सेट की गई यह सीरीज हीरा मंडी की दरबारियों, नवाबों और ब्रिटिश अधिकारियों के बीच सत्ता संघर्ष को दर्शाती है.

हीरामंडी में मनीषा कोइराला, सोनाक्षी सिन्हा, अदिति राव हैदरी, शर्मिन सहगल, ऋचा चड्ढा, शेखर सुमन, अध्ययन सुमन, फरदीन खान और अन्य ने महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं. हीरामंडी को दूसरे सीज़न के लिए नवीनीकृत किया गया है.

शर्मिन सहगल ने कहा था कि उन्होंने हीरामंडी में अपना किरदार निभाते हुए पाकीज़ा में मीना कुमारी की ‘शून्यता’ से प्रेरणा ली.

ताजदार अमरोही ने इस तुलना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी, कहा कि हीरामंडी और पाकीज़ा के बीच तुलना नहीं होनी चाहिए.

ताजदार अमरोही ने कहा कि न तो मीना कुमारी और न ही कमाल अमरोही कभी दोबारा पैदा हो सकते हैं.

ताजदार अमरोही ने संजय लीला भंसाली के उनके पिता कमाल अमरोही के प्रति सम्मान का उल्लेख किया.

ऋचा चड्ढा ने भी हीरामंडी में अपने नृत्य प्रदर्शन के साथ मीना कुमारी को श्रद्धांजलि देने की बात की.

यह सीरीज विभाजन से पहले के दौर में लाहौर के रेड-लाइट जिले हीरा मंडी पर आधारित है.
कास्ट और सीज़न

हीरामंडी में मनीषा कोइराला, सोनाक्षी सिन्हा, अदिति राव हैदरी, शर्मिन सहगल, ऋचा चड्ढा और अन्य ने महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं। सीरीज को दूसरे सीज़न के लिए नवीनीकृत किया गया है.

सोशल मीडिया पर शर्मिन सहगल के अभिनय कौशल की आलोचना की गई.