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मुस्लिम बहुल इंडोनेशिया में फुटबॉल मैच के दौरान क्या हुआ कि 174 लोग मारे गए ? जानिए, फुटबाल के जुनून के बारे में

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, जकार्ता / नई दिल्ली

ऐसा बहुत कम होता है कि खेल के दौरान बड़ी संख्या में लोग मारे जाएं. मगर इस्लामिक देश इंडोशिया से ऐसी एक दिल दहलाने वाली खबर सामने आई है. यहां शनिवार को एक फुटबॉल मैच के दौरान दंगा भड़ गया, जिसमें अब तक 174 लोगों की मौत हो चुकी है. बड़ी संख्या में गंभीर रूप से घायलों को लेकर आशंका जताई जा रही है कि यह मृतकों की संख्या 200 के पार जा सकती है.

द स्ट्रेट्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अरेमा और पर्सेबाया सुरबाया के बीच एक खेल के दौरान पूर्वी जावा के एक स्टेडियम में हिंसा भड़क उठी.रविवार दोपहर स्थानीय मीडिया को बताया गया कि भगदड़ में कम से कम 174 लोगों की मौत हो चुकी है. पूर्वी जावा के डिप्टी गवर्नर एमिल दर्डक ने स्थानीय मीडिया को बताया कि आधिकारिक या सरकार समर्थित स्रोतों ने मृतकों की संख्या 129 से 182 के बीच रखी है.

द स्ट्रेट्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय समाचार चौनलों के वीडियो फुटेज में लोगों को मलंग स्टेडियम में पिच पर दौड़ते हुए तस्वीरें दिखाई दे रही हैं.पुलिस ने कहा कि पूर्वी जावा प्रांत में अरेमा एफसी और पर्सेबाया सुरबाया के बीच मैच शनिवार रात समाप्त होने के बाद, हारने वाली टीम के समर्थकों ने अपनी निराशा व्यक्त करने के लिए मैदान पर आक्रमण किया.

पूर्वी जावा के पुलिस प्रमुख निको अफिंटा ने संवाददाताओं को बताया कि स्थिति नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों ने आंसू गैस के गोले दागेे, जिससे भगदड़ मच गई और दम घुटने की घटनाएं हुईं.इस बीच, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने रविवार को देश के फुटबॉल मैचों की सुरक्षा समीक्षा का आदेश दिया है.

दुनिया की सबसे खराब स्टेडियम आपदाओं में से एक इस घटन में 300 से अधिक लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. कई लोगों ने अस्पताल के रास्ते में या इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.फीफा के नियमों में कहा गया है कि कोई भी आग्नेयास्त्र या भीड़ नियंत्रण गैस पुलिस द्वारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.

स्काई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इंडोनेशिया के मुख्य सुरक्षा मंत्री महफूद एमडी ने सोशल मीडिया पर कहा है कि स्टेडियम क्षमता से अधिक भरा हुआ था.खेल स्थल में केवल 38,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था है. उन्होंने दावा किया मैच के लिए 42,000 टिकट जारी किए गए थे.

स्काई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इंडोनेशिया की फुटबॉल लीग ने कहा है कि बाकी के मैच एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया गया है. साथ ही अरेमा को बाकी सीजन के लिए मैचों की मेजबानी करने पर रोक लगा दी गई है. आगे और प्रतिबंध लग सकते हैं.इंडोनेशिया में मैचों में पहले भी हिंसा हो चुका है. क्लबों के साथ-साथ प्रतिद्वंद्विता टीमांे के समर्थकों के बीच हिंसा भड़क उठती है.

इंडोनेशिया में फुटबॉल

इंडोनेशिया में फुटबॉल जुनून की हद तक खेला जाता है. ठीक वैसे ही जैसे भारत मंें क्रिकेट. इंडोनेशिया की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल में प्रतिनिधित्व करती है. यह खेल इस देश में फुटबॉल एसोसिएशन ऑफ इंडोनेशिया द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जो एशियाई फुटबॉल परिसंघ का सदस्य है. 1945 में स्वतंत्रता की घोषणा से पहले, टीम ने डच ईस्ट इंडीज राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के रूप में प्रतिस्पर्धा की थी. इस के तहत, इंडोनेशिया फीफा विश्व कप में भाग लेने वाली पहली एशियाई टीम थी. उस समय फ्रांस में 1938 फीफा विश्व कप टूर्नामेंट के लिए टीम ने क्वालीफाई किया था. इंडोनेशियाई टीम को हंगरी की राष्ट्रीय टीम ने पहले दौर में बाहर कर दिया था.

इस हार के बाद से विश्व कप के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकता. टीम ओलंपिक 1956 में मेलबर्न में खेल चुकी है, जहां इसने सोवियत संघ की राष्ट्रीय टीम और स्वर्ण पदक विजेता को गोल रहित ड्रॉ पर रखा था, लेकिन रिप्ले मैच में 0ः4 से हार का सामना करना पड़ा. इंडोनेशियाई राष्ट्रीय टीम ने एएफसी एशियन कप के लिए चार मौकों पर क्वालीफाई किया, लेकिन ग्रुप स्टेज से आगे कभी नहीं बढ़ी. एशिया में इंडोनेशिया का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1958 में टोक्यो में एशियाई खेलों में हुआ, जब उसने कांस्य पदक हासिल किया. टीम पांच मौकों पर एएफएफ चौंपियनशिप के फाइनल में पहुंच चुकी है, लेकिन कभी टूर्नामेंट नहीं जीता. इसके स्थानीय प्रतिद्वंद्वी मलेशिया, थाईलैंड और सिंगापुर हैं.

इंडोनेशिया में फुटबॉल का फइतिहास

शुरुआती मैच, डच ईस्ट इंडीज के पक्षों को शामिल करते हुए, नीदरलैंड्स इंडिचे वोइटबल बॉन्ड या इसके उत्तराधिकारी, नीदरलैंड्स इंडिचे वोइटबल यूनि द्वारा आयोजित किए गए थे. 1945 में देश की आजादी से पहले चलने वाले मैचों को
फुटबॉल एसोसिएशन ऑफ इंडोनेशिया द्वारा मान्यता नहीं मिला हुआ था. इसके नाम पहला रिकॉर्ड तब दर्ज किया गया जब डच ईस्ट इंडीज की एक टीम शामिल थी, 28 मार्च 1921 को सिंगापुर की राष्ट्रीय टीम के खिलाफ खेलते हुए मैच जीता था. इसके बाद अगस्त 1928 में इसके ऑस्ट्रेलियाई टीम (2-1 की जीत) और दो साल बाद शंघाई की टीम (4-4 से ड्रॉ) के खिलाफ मैच हुए. 1986 के फीफा विश्व कप क्वालीफिकेशन राउंड में इंडोनेशिया के लिए बेहतर प्रदर्शन देखा गया. राष्ट्रीय टीम पहले दौर से चार जीत, एक ड्रॉ और एक हार के साथ आगे बढ़ी. अंत में अपने समूह के शीर्ष पर रही.

हालांकि, दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय टीम दूसरे दौर में इंडोनेशियाई पर विजयी रही. क्वार्टर फाइनल में संयुक्त अरब अमीरात की राष्ट्रीय टीम को हराकर टीम 1986 के एशियाई खेलों के सेमीफाइनल में पहुंची थी, लेकिन इंडोनेशियाई टीम सेमीफाइनल में मेजबान दक्षिण कोरिया से हार का सामना करना पड़ा. फिर इंडोनेशियाई टीम कांस्य पदक मैच में कुवैत की राष्ट्रीय टीम से 5-0 से हार गई.