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मुहर्रम के ताजिया जुलूस में कहां क्या हुआ कि 8 लोग मारे गए

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,नई दिल्ली

मुसलमानों ने शनिवार को मुहर्रम के मौके पर इमाम हुसैन की शहादत में ताजिया जुलूस निकाला, झंडे लहराए और विशेष प्रार्थनाएं कीं. मगर इस दौरान झारखंड, गुजरात और उत्तर प्रदेश में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और 80 से अधिक घायल हो गए.उत्तर प्रदेश के वाराणसी और दिल्ली जैसी जगहों पर मुहर्रम जुलूस के दौरान हिंसा की कुछ घटनाएं भी हुईं.

मुहर्रम के 10वें दिन, आशूरा पर, मुसलमान शोक अनुष्ठानों के साथ 680 ईस्वी में कर्बला की लड़ाई में पैगंबर मुहम्मद के नवासे इमाम हुसैन अली की शहादत को याद करते हैं.

काले कपड़े पहने और एक सुर में नारे लगाते हुए, शिया मातम करते हुए और नारे लगाते हुए सड़कों पर अलम जुलूस निकालते नजर जाए, जबकि कुछ खुद को जंजीरों, रस्सियों आदि से पीटकर हुसैन की पीड़ा का अनुभव किया. इस दिन सुन्नी समुदाय के लोग रोजा रखते हैं और नमाज अदा करते हैं. ताजिया इमाम हुसैन की कब्र की एक लघु प्रतिकृति है.

जुलूसों में शांति बनने रहे इसके लिए कई राज्यों में व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. इसके बावजूद कई जगहों से हिंसा की खबर है.दिल्ली में, नांगलोई में निर्धारित मार्ग बदलने से रोके जाने पर मुहर्रम जुलूस निकाल रहे लोगों के एक वर्ग ने पुलिस के साथ झड़प की. उन पर पथराव किया, जिसमें लगभग 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए और कई वाहनों को नुकसान पहुंचा.अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने अनियंत्रित भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया.

पुलिस उपायुक्त (बाहरी) हरेंद्र सिंह ने कहा, नागलोई इलाके में कई ताजिया जुलूस निकाले जा रहे थे. लगभग आठ से दस हजार लोगों ने उनमें भाग लिया. एक या दो आयोजक अनियंत्रित हो गए और उन्होंने अपने जुलूस के मार्ग को बदलने की कोशिश की जो पहले तय किया गया था.

उन्हांेने बताया,“जब पुलिस ने इसका विरोध किया, तो उन्होंने पुलिस कर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया. उन्हें नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज किया और उन्हें इलाके से खदेड़ दिया.

उत्तर प्रदेश में,अमरोहा जिले के डिडोली इलाके में दो लोगों की जान चली गई और 52 लोग झुलस गए. एक ताजिया का संगीत सिस्टम हाई-टेंशन तारों के विद्युत-चुंबकीय क्षेत्र में आ गया. पुलिस अधीक्षक आदित्य लंगेह ने यह जानकारी दी.मृतकों की पहचान शानू (35) और ओवैस (13) के रूप में हुई. उन्होंने बताया कि घायलों में करीब चार की हालत गंभीर है. उन्हें इलाज के लिए दिल्ली भेजा गया है.

राज्य की राजधानी लखनऊ में मुहर्रम के जुलूस में भाग लेने वाला एक व्यक्ति उस समय झुलस गया जब हाई-टेंशन तार के संपर्क में आने के बाद ताजियाश् में आग लग गई. अधिकारियों ने बताया कि घायल की हालत गंभीर है.लखनऊ में, शोक मनाने वालों द्वारा कई मुहर्रम जुलूस निकाले गए, खासकर पुराने शहर क्षेत्र में.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वाराणसी में मुहर्रम के जुलूस के दौरान शिया और सुन्नी समुदायों के सदस्यों के बीच झड़प हुई और पथराव हुआ.

अधिकारी ने कहा कि घटना में कुछ लोग घायल हुए हैं, लेकिन सटीक संख्या तत्काल उपलब्ध नहीं है.उधर,जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा श्रीनगर में शिया मातमदारों के मुहर्रम जुलूस में शामिल हुए.अधिकारियों ने कहा कि 34 वर्षों में यह पहली बार है कि राज्य का कोई प्रमुख मुहर्रम जुलूस में शामिल हुआ है.

उन्होंने बताया कि काला कुर्ता पहने सिन्हा शहर के अंदरूनी इलाके डाउनटाउन के जदीबल इलाके में बोटा कदल में कड़ी सुरक्षा घेरे में मातम जुलूस में शामिल हुए.उन्होंने लोगों से हजरत इमाम हुसैन के शाश्वत आदर्शों को अपनाने और सभी की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए एकजुट होकर काम करने का आग्रह किया.

कश्मीर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) विजय कुमार ने कहा कि जुलूस से पहले सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए.नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शोक मनाने वालों में शामिल होने और भोजन वितरित करने के लिए जदीबल क्षेत्र का दौरा किया.

अब्दुल्ला ने कहा कि दुनिया में कोई भी इस्लामिक देश नहीं बचा है जो समस्याओं से घिरा न हो, क्योंकि हमने अल्लाह का रास्ता छोड़ दिया और शैतान का रास्ता अपना लिया.उन्होंने कहा, जब तक हम अल्लाह के मार्ग पर दोबारा नहीं चलेंगे, हम समृद्ध नहीं हो सकते.

झारखंड के बोकारो जिले में मुहर्रम जुलूस की तैयारी के दौरान एक ताजिया हाई-टेंशन तार के संपर्क में आने से चार लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए.यह घटना राज्य की राजधानी रांची से लगभग 80 किलोमीटर दूर खेतको गांव में हुई.

सभी घायल लोगों को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. इसके बाद उन्हें बोकारो जनरल अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां चार ने दम तोड़ दिया.मृतकों की पहचान साजिद अंसारी (18), आशिफ रजा (21), गुलाम हुसैन (19) और इनामुल रब (34) के रूप में हुई.झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चार लोगों की मौत पर दुख जताया है.

पुलिस ने कहा कि मुहर्रम जुलूस के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए शनिवार को रांची और झारखंड के अन्य हिस्सों में व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई.गुजरात में राजकोट जिले में मुहर्रम के जुलूस के दौरान करंट लगने से दो लोगों की मौत हो गई और 22 लोग घायल हो गए.

यह घटना धोराजी शहर के रसूल पारा इलाके में हुई. एक ताजिया 22 केवी ओवरहेड बिजली के तार के संपर्क में आ गया. मृतकों की पहचान जुनैद मजोठी (22) और साजिद समा (20) के रूप में हुई.

आंध्र प्रदेश के राज्यपाल एस अब्दुल नजीर ने कहा कि मुहर्रम बलिदान की भावना का प्रतीक है, जिसे मानव जाति के सभी गुणों से ऊपर रखा गया है.उन्होंने कहा कि अच्छाई और कुर्बानी की याद मुहर्रम का असली अर्थ है और लोगों से मुहर्रम की मानवतावाद की भावना का अनुकरण करने का आह्वान किया, जो इस्लाम का मूल सिद्धांत है.

महाराष्ट्र में, मुहर्रम जुलूस के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए मुंबई और उसके उपनगरों की सड़कों पर सैकड़ों पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे.पुलिस ने दक्षिण मुंबई, मानखुर्द के उपनगरों, मालवानी, कुर्ला और शहर के अन्य मुस्लिम बहुल इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी थी.

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने दक्षिणी राज्य पर भगवान की दया की कामना की क्योंकि मुहर्रम इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना है. उन्होंने कहा कि मुहर्रम कुर्बानी का प्रतीक है.कर्नाटक के बेंगलुरु और हुबली, राजस्थान के जयपुर और सीकर, कोलकाता और पश्चिम बंगाल के अन्य हिस्सों और दिल्ली में भी ताजिया जुलूस निकाले गए.