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Mossad किस लिए जाना जाता है ? जो सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

सोशल मीडिया पर मोसद जबर्दस्त ढंग से वायरल हो रहा है. इसके खिलाफ संदेशों की बाढ़ सी आई हुई है. यहां तक कहा जा रहा है कि अमेरिका में 9 / 11 जैसी बड़ी घटना मोसाद ने ही अपने एजेंट से कराई थी ताकि मुसलमानों को आतंकवाद के नाम पर बदनाम किया जा सके. सोशल मीडिया संदेशों में यहां तक कहा जा रहा है कि जो देश फिलिस्तीन के पक्ष में खड़े होते हंै, उसे बदनाम करने के लिए मोसाद हर मुमकिन कोशिश करता है. विभिन्न रिपोर्ट के हवाले से यहां तक दावा किया जा रहा है कि 9 11 जैसी घटना को मोसाद के एजेंट ने अंजाम दिया था और अब यह ब्रिटेन और अमेरिका में मुसलमानों को बदनाम करने के लिए किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में है.

मोसाद किस लिए जाना जाता है ?

मोसाद को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही गतिविधियांे पर आगे जिक्र करने से पहले ‘मोसाद किस लिए जाना जाता है ? ’ का उत्तर जान लें.दरअसल, मोसाद, (हिब्रू सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर इंटेलिजेंस एंड स्पेशल ऑपरेशंस), अमन (सैन्य खुफिया) और शिन बेट (आंतरिक सुरक्षा) इजराइल के तीन प्रमुख खुफिया संगठन हैं. मोदास को इजरायल के लिए विदेशी खुफिया जानकारी एकत्र करने, खुफिया विश्लेषण और गुप्त अभियानों में सक्रिय रहने के लिए जाना जाता है. अभी हमास के साथ युद्ध में मोसाद सोशल मीडिया पर जबर्दस्त ढंग से सक्रिय है. यहां तक कि युद्ध के दौरान हमास और उनके समर्थकों का हौसला तोड़ने के लिए सोशल मीडिया पर कई तरह के वीडियो, फोटो और संदेश भी साझा कर रा है. इसके खिलाफ सोशल मीडिया पर चल रहे अभियान में बताया जा रहा है कि हमास से युद्ध के क्रम में कैसे मोसाद फेक सामग्री दुनिया के सामने परोस रहा है.

मोसाद के विरूद्ध ‘कुलियेनिन’ हैंडल से साझा किए गए एक संदेश में कहा गया है,‘‘कई देशों में मोसाद और सीआईए आतंकवाद के घृणित कार्य कर रहे हैं और निर्दोष लोगों की हत्या कर रहे हैं.’’संदेश में आगे कहा गया है, ‘‘उनका मकसद गाजा के लिए दुनिया भर के लोगों के समर्थन को तोड़ना और हमास मुजाहिदीन को एक आतंकवादी संगठन के रूप में पेश करना है.गंदा जायोनी खेल.जायोनी अपने लक्ष्य के लिए लोगों की हत्या करने से नहीं हिचकिचात.जागो और इन मोसाद झूठ के खिलाफ बोलो.वे जो आतंकवादी कृत्य करते हैं वह जायोनीवादियों की हताशा को दर्शाता है.जायोनी गाजा में नरसंहार कर रहे हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मोसाद के 2 एजेंट जो मेरे देश में भी ऐसी ही हरकतें करना चाहते थे, उन्हें कल पकड़ लिया गया.डबलिन और अमेरिका में आतंकवादी हमले मोसाद ने किए थे.मोसाद के फील्ड एजेंट डबलिन में धुर दक्षिणपंथी चरमपंथियों द्वारा किए गए आतंकवादी हमलों का प्रबंधन करते हैं.’’

मोसाद पर करिश्मा कौर अपने ट्विटर हैंडल पर लिखती हैं,‘‘आईडीएफ ने यह छिपाने के लिए कि नोटबुक इजरायली है, न केवल मूल वीडियो को संशोधित किया, बल्कि एक इजरायली महिला की तस्वीर के साथ उन्होंने अंतिम अनुक्रम को भी संशोधित किया.’’

रात्रि रिपोर्ट 🇺🇸 ने सोशल मीडिया पर साझा किया है-9 / 11 के कारण मुसलमानों को आतंकवादी करार दिया गया था, जिसके बारे में एक दिन पहले अमेरिकी सेना की एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी जिसमें बताया गया था कि इजरायली मोसाद कुछ भयानक करेगा और ऐसा दिखाएगा जैसे मुसलमानों ने किया था.’’

अल हुर ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘यह महसूस करने के बाद कि इजराइल वैश्विक मीडिया लड़ाई हार गया है,इसने साजिश रचने के लिए चालाकी से मोसाद का सहारा लिया है.यूरोप में पूर्व नियोजित छद्म आतंकवादी घटनाओं की लहर और जल्द ही अमेरिका में. का समर्थन पुनः प्राप्त करना लक्ष्य है.पश्चिमी जनमत जो इस बार खो गया. वे आतंकवाद को आईएसआईएस, अरब, इस्लाम और से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं.फिलिस्तीनियों! हालाँकि, वे भ्रमित हैं क्योंकि मैं, साथ में हूँ.दुनिया भर में कई स्वतंत्रता समर्थकों के साथ, मैं इसके लिए तैयार हूं.

उनकी दुर्भावनापूर्ण योजनाओं को हर भाषा में उजागर करें.उनकी नापाक साजिशों के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाएं.अपने ही खून में प्रकट हो रहे हैं. हम इसके खिलाफ सतर्क खड़े हैं.’’

कुद्स न्यूज नेटवर्क ने लिखा है, ‘‘तुर्की खुफिया ने पिछले साल आयरन डोम प्रणाली को बाधित करने के लिए दुनिया के शीर्ष सॉफ्टवेयर डेवलपर्स और हैकर्स में से एक के रूप में जाने जाने वाले रुफिलिस्तीनी इंजीनियर के अपहरण की इजरायली मोसाद की योजना को विफल कर दिया.’’

जोंगिराइटिस अपने हैंडल पर लिखते हैं, ‘‘9 / 11 के अपहरणकर्ता जियाद जर्राह के चचेरे भाई अली जर्राह को इजराइल के लिए जासूसी करने के आरोप में लेबनान में गिरफ्तार किया गया था. अपहर्ताओं में से दो इजराइल से जुड़े थे. मोहम्मद अट्टा मोसाद एजेंटों के बगल में रहता था. जियाद जर्राह का चचेरा भाई मोसाद एजेंट था. इससे भी अच्छी बात यह है कि जियाद का पासपोर्ट विस्फोट से बच गया.

खालिद बिन जिदान ने लिखा, ‘‘ एक स्पष्ट रिपोर्ट से पता चलता है कि 9 / 11 के हमलावर इजरायली मोसाद थे. क्यों? क्या यह इस्लामी आंदोलनों (जिहादवाद) को सार्वभौमिक रूप से सामान्य जिहादी शब्द बनने का आरोप लगाना है जो इस्लाम और आतंकवाद से जुड़ा है?उसके बाद क्या इस्लामी आंदोलनों (गैर-जिहाद) के लिए समर्थन और ऐसी किसी भी चीज की निराशा होगी जो सीधे तौर पर शब्द (जिहाद) से संबंधित है?9 / 11 और 2005 की दूसरी रिपोर्ट के बीच क्या संबंध है जैसा कि इसमें दिखाया गया ह.ै

चुप हो गए महोदय ट्विटर हैंडल से कहा गया है, ‘‘इजरायल, वैश्विक मीडिया लड़ाई में हार का सामना कर रहा है. अब कथित तौर पर यूरोप में झूठी आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के लिए मोसाद का सहारा ले रहा है. संभवतः जल्द ही अमेरिका में, पश्चिमी जनता का समर्थन हासिल करने के उद्देश्य से. वे आतंकवाद को अरब, इस्लाम और फिलिस्तीनियों से जोड़ने का प्रयास करते हैं. लेकिन वे गलत हैं. हम और दुनिया भर में कई लोग उनकी नापाक योजनाओं को उजागर करने और वैश्विक जनमत को उजागर करने के लिए तैयार हैं.’’

एक अन्य ने लिखा है, ‘‘मोसाद उन एजेंटों की भर्ती करने के लिए जाना जाता है जो अरब हैं या उनके लिए अत्याचार करने के लिए धाराप्रवाह अरबी बोलते हैं. दुनिया को पहले ही जाग जाना चाहिए और जायोनीवाद के खतरे को समझना चाहिए! यह कोई संयोग नहीं है कि ऐसा उस देश में होता है जो फिलिस्तीन के साथ एकजुटता से खड़ा था!

जोंगिराइटिस ने लिखा, ‘‘विजिलेंट इंटेलिजेंस के शानदार सबूत कि 9 / 11 अमेरिका पर इजरायल का हमला था. एफबीआई ने निष्कर्ष निकाला कि एंथ्रेक्स डॉ द्वारा बनाया और भेजा गया था. रूस आइविंस, जो एक ईसाई जायोनीवादी थे. 4 मोसाद एजेंटों को गिरफ्तार किया गया जो फ्लोरिडा में अपहर्ताओं में से एक के पड़ोस में रह रहे थे.’’