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अहमदाबाद में यूएई राष्ट्रपति के रोड शो को क्या नाम दूं

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,अहमदाबाद

इजरायली के गाजा हमले में अब तक 25,000 लोगों की जान चली गई है. जो बच गए हैं वे भूखमरी झेल रहे हैं. मगर फिलिस्तीनियों की समस्या का अब तक समाधान नहीं ढूंढने वाले संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान अहमदबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रोड शो करते घूम रहे हैं.

कहने को यूएई और सउदी अबर दुनियाभर के मुसलमानों की हियात की बातें करता है, पर हकीकत कुछ और है. दुनिया मंे मुसलमानों पर हो रही ज्यादतियों की रोकथाम में यूएई की भूमिका बेहद नगण्य है. स्थिति यह है कि 22 जनवरी को अयोध्या में भागवान राम के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जब असम में शराब की बिक्री पर रोक लगा दी गई है तो अरब मजहबी लिहाज से महत्वपूर्ण जगह में नाचगाने से लेकर अब वह सारे काम करने लगा है, जिसपर पहले प्रतिबंध लगा हुआ था.

मुस्लिम देशों के संगठन ओआईसी के प्रमुख सदस्य देश अब मुसलमानों के नाम पर केवल अपना उल्लू साधने में लगे हैं. उन्हें इससे कोई मतलब नहीं कि दुनिया में किस देश में मुसलमानों के साथ कैसा व्यवहाहर हो रहा है. पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगे के दौरान बिलकीस बानों के साथ सामूहिक बलात्कार करने और उनके परिजनों की हत्या करने के 11 आरोपियों को दोबारा जेल भेजा है. इन आरोपियों को उसी गुजरात की कोर्ट ने यह कहते हुए बरी कर दिया था कि इनके आचरण सही हैं, जहां यूएई के राष्ट्रपति पीएम मोदी के साथ रोड शो करते फिर रहे थे. क्या वो बताएंगे कि जब संगीन आरोपों के 11 लोग जेल से बाइज्जत बरी किए जा रहे थे तो ओआईसी कूटनीतिक स्तर पर भारत से किस स्तर पर बात कर रहा था ?

दरअसल, यूएई और सउदी अरब ऐसे देश बन गए हैं, जो अपनी विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए हर तरह का समझौता करने को तैयार हैं. इजरायल से पींगे बढ़ाने का ही नतीजा है कि गाजा में फिलिस्तीनी बेमौत मारे जा रहे हैं और अरब देश नौटंकी करने में लगे हैं. क्या ओआईसी सदस्य देशों के एक साथ खड़े हो जाने पर इजरायल क्या कोई भी देश इतनी हिम्मत कर सकता है कि गाजा में वह अपने एक सिपाही भी भेज सके. इसके उलट हकीकत यह है कि कई मुस्लिम देश अपने यहां फिलिस्तीनियों को शरण देने को भी राजी नहीं. ईरान पर अभी आत्मघाती हमला हुआ, इसके जवाब में क्या रहा मुस्लिम देशों का रवैया ? यूएई के राष्ट्रपति यदि यह समझ रहे हैं कि भारत में रोड शो करने से भारत का मुसलमान अरब देशों के प्रति खुश हो जाएगा तो यह उनकी गलतफहमी है. अरब देशांे को अब यह गांठ बांध लेता चाहिए कि जिस तरह भारत की आर्थिक दशा सुधर रही है, आने वाले समय में नौकरी के नाम पर कोई अरब देशों में थूकने तक नहीं जाएगा.

बहरहाल,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने मंगलवार शाम अहमदाबाद में रोड शो किया. रोड शो से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर यूएई के राष्ट्रपति के आगमन पर उनका स्वागत किया. इसके बाद दोनों नेताओं ने हवाईअड्डे से तीन किलोमीटर लंबे रास्ते पर अपना रोड शो शुरू किया जो इंदिरा बुर्ज पर समाप्त हुआ. इंदिरा बुर्ज अहमदाबाद को गुजरात की राजधानी गांधीनगर से जोड़ता है.

अधिकारियों ने बताया कि पुल से दोनों नेता गांधीनगर में अपने गंतव्य के लिए रवाना हुए. दोनों नेताओं के रोड शो के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. पूरे रास्ते में सड़क के दोनों ओर कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं.

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने गांधीनगर में वाइब्रेंट गुजरात वर्ल्ड ट्रेड एक्सपो-2024 का उद्घाटन किया. यह विश्व प्रदर्शनी गुजरात की राजधानी गांधीनगर के हेलीपैड ग्राउंड प्रदर्शनी केंद्र के कई हॉलों में आयोजित की जाती है. इसका कुल क्षेत्रफल लगभग दो लाख वर्ग मीटर है.प्रदर्शनी में कुल 20 देश भाग ले रहे हैं. इसकी शुरुआत वाइब्रेंट गुजरात समिट से ठीक पहले हुई. प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को इस समिट का उद्घाटन भी करेंगे.

प्रधानमंत्री मोदी दोपहर 3 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपिंदर पटेल और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ कई प्रदर्शनी स्टालों का दौरा किया. उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी और अन्य अतिथियों के स्वागत के लिए स्थानीय कॉलेजों के छात्र बड़ी संख्या में मौजूद थे.इसमें शोध क्षेत्र से जुड़े करीब 1000 स्टॉल लगाए गए हैं. इसमें कुल 13 हॉल हैं जो मेक इन गुजरात और आत्मनिर्भर भारत जैसे 13 अलग-अलग विषयों पर केंद्रित हैं.