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Mossad ट्रोल हुआ तो भारत में इजरायल के राजदूत नोर गिलोन को याद आई मुंबई 26 11 घटना

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

सोशल मीडिया पर इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद जबर्दस्त ढंग से ट्रोल हो रही है. मोसाद के बारे में बताया जा रहा है कि दुनिया भर के मुसलमानों को आतंकवादी साबित करने के लिए मोसाद ने ही 9 11 की घटना प्लांट की थी. इसके एजेंट ने अमेरिका पर सबसे बड़ी आतंकवादी घटना को अंजाम दिया था.

यही नहीं सोशल मीडिया पर मोसाद के बारे में यह भी चल रहा है कि मुसमलानों को बदनाम करने के लिए यह यूरोप और अमेरिका में किसी बड़ी साशिज को सिरे चढ़ाने की फिराक में है ताकि इन देशों में मुसलमानों की छवि खराब हो. इस बारे में दलील देने के लिए सोशल मीडिया पर कई तरह की रिपोर्टस साझा की जा रही है. यहां तक कहा जा रहा है कि फिलिस्तीन के समर्थन में जो भी देश आगे आता है, उसे बदनाम करने के लिए मोसाद तरह-तरह के षड़यंत्र रचता है. इन सोशल मीडिया सामग्री में कितनी सच्चाई है, यह पता नहीं. मगर लगता है कि इजरायल और मोसाद इससे बौखलाए हुए हैं.

अभी जब इजरायल और हमास में जबर्दस्त युद्ध चल रहा है तो मोसाद के खिलाफ सोशल मीडिया पर चल रहे अभियान का रूख मोड़ने के लिए भारत में इजरायली राजदूत नोर गिलोन ने नया पैंतरा अपनाया है. उन्होंने मुंबई की 26 11 की आतंकवादी घटना को लेकर एक सप्ताह तक कलाई पर पीला रीबन बांधने का अभियान शुरू किया है.

इस आतंकवादी हमले में कई भारतीयों के साथ मुंबई में रहने वाले कुछ इजरायलियों को भी मौत हुई थी. इस घटना से सीख लेकर भारत ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था में व्यापक बदलाव किए हैं. यही नहीं उक्त घटना को याद करने के लिए भारत की ओर से अभी तक किसी तरह का काई कार्यक्रम तय नहीं किया गया है. मगर इजरायल के भारत में राजदूत चार कदम आगे निकल गए. उन्हांेने 24 नवंबर से ही एक सप्ताह का पीला रीबन बांधो अभियान चला दिया है. अभियान भी केवल इजरायली दूतावास तक सीमित है.

इस बारे में भारत में इजरायल के राजदूत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश जारी किया है. इस वीडियो संदेश मंे दूतावास के सभी कर्मचारी कलाई पर पीला रीबन बांधे दिखाई दे रहे हैं. इजरायली राजदूत नोर गिलोन अपने संदेश में कहते दिखते हैं, ‘‘इस सप्ताह, हम भयावह मुंबई आतंकी हमले के 15 साल पूरे होने को याद कर रहे हैं.’’

वह आगे कहते हैं, ‘‘मुंबई 26 11 की दुखद घटनाएं और हाल ही में अक्तूबर 7 नरसंहार आतंकवाद के खिलाफ एक साथ खड़े होने की तात्कालिकता को रेखांकित करता है.पीली पट्टी पहनकर हमारे साथ जुड़ें, जो आतंकवाद के खिलाफ एक साथ खड़े होने की हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है.

इनके अभियान का साथ देने वालों से यह भी अपील की गई है कि हमें टैग करें और अपनी तस्वीर साझा करें.राजदूत के इस बयान का सोशल मीडिया पर जहां कुछ लोग समर्थन कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग यह भी पूछ रहे हैं कि हमास-इजरायल युद्ध के दौरान ही उन्हें मुंबई आतंकवादी हमले की याद क्यों आई ?

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