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तालिबान ने दाखिले पर प्रतिबंध लगाया तो अफगान छात्राओं ने पढ़ाई का दूसरा रास्ता ढूंढ निकाला

हादिया जियाई, काबुल

कहावत है जहां चाह, वहां राह. अफगानिस्तान में इस कहावत को वो हजारों महिलाएं और लड़कियां साकार कर रही हैं, जो तालिबान प्रशासन द्वारा काॅलेज, यूनिवर्सिटी में दाखिले पर प्रतिबंध लगााने के बाद घर बैठ गई थीं. अब अफगान महिलाएं,लड़कियां ऑनलाइन अध्ययन कार्यक्रमों में भाग ले रही हैं.

छात्राओं का कहना है कि वो ऑनलाइन कार्यक्रम के माध्यम से अपनी पढ़ाई प्रभावी ढंग से पूरी कर रही हैं.फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान में महिला शिक्षा पर प्रतिबंध के बाद, हजारों अफगान महिलाएं और लड़कियां अमेरिका और ब्रिटेन में ऑनलाइन अध्ययन कार्यक्रमों में शामिल हो गई हैं.

अमेरिका से मान्यता प्राप्त गैर-लाभकारी उच्च शिक्षा संस्थान, द यूनिवर्सिटी ऑफ द पीपल ने कहा कि पिछले साल 21,000 से अधिक अफगान महिलाओं ने इसके डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन किया, जिनमें से 3,100 से अधिक वर्तमान में व्यवसाय, कंप्यूटर विज्ञान सहित विभिन्न विषयों का अध्ययन करने के लिए नामांकित हैं. बड़ी संख्या में अफगानी लड़कियों और महिलाओं ने स्वास्थ्य और शिक्षा में भी दाखिला लिया है.

छात्राओं के अनुसार, तालिबान द्वारा दिसंबर 2022 में उच्च शिक्षा के लिए स्कूलों, काॅलेजों, विवि में महिलाओं के दाखिले पर प्रतिबंध बढ़ाने के बाद से उन्होंने अंग्रेजी भाषा, विज्ञान और व्यवसाय सहित विषयों के पाठ्यक्रमों के लिए अलग रास्ता चुन लिया है.

रिपोर्ट में कहा गया है, इंटरनेट आधारित पाठ्यक्रम प्रदाताओं के अनुसार, तालिबान सरकार द्वारा महिला शिक्षा पर प्रतिबंध के बावजूद हजारों अफगान महिलाएं और लड़कियां ऑनलाइन अध्ययन कार्यक्रमों में शामिल होने में सक्षम हुई हैं.इस बीच, कुछ विश्वविद्यालय व्याख्याताओं ने स्कूलों और विश्वविद्यालयों को फिर से खोलने का आग्रह करते हुए कहा कि ऑनलाइन अध्ययन कार्यक्रम लंबे समय तक उपयोगी नहीं हो सकते.

विश्वविद्यालय के व्याख्याता हेकमतुल्ला मिर्जादा ने कहा, यह इस अवसर का उपयोग करने का एक प्रभावी तरीका है, लेकिन लंबे समय में यह पर्याप्त नहीं हो सकता. बेहतर है कि स्कूल और विश्वविद्यालय लड़कियों के लिए खुलें.विश्वविद्यालय के एक अन्य व्याख्याता इमल रासा ने कहा, ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में अधिक दक्षता नहीं है.

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सनम, जो काबुल के एक निजी विश्वविद्यालय में तीसरे वर्ष में नामांकित थी, ने कहा कि विश्वविद्यालय जाने से मना किए जाने के बाद उसने ऑनलाइन पाठ्यक्रम लेना शुरू कर दिया है.उन्होंने कहा कि ऑनलाइन कार्यक्रम उनके लिए उतने प्रभावी नहीं है.सनम ने मीडिया को बताया, इंटरनेट की समस्या और बिजली की कमी के कारण, हम ऑनलाइन के माध्यम से ठीक से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. शिक्षक आमने-सामने कक्षाओं में पढ़ाने के तरीके को नहीं पढ़ा सकते हैं.

फ्यूचर लर्निंग, जिसे 2012 में यूके में ओपन यूनिवर्सिटी द्वारा लॉन्च किया गया था और दिसंबर 2022 से ग्लोबल यूनिवर्सिटी सिस्टम्स के स्वामित्व में है, 1,200 से अधिक पाठ्यक्रम प्रदान करता है.इसमें अफगान छात्रों के बीच पांच सबसे लोकप्रिय कक्षाओं में से चार में अंग्रेजी भाषा शामिल है.उनका कहना है कहा कि बिजली कटौती और अनियमित डिजिटल कनेक्शन अफगान महिलाओं के लिए मुद्दे हैं. इसने छात्रों को उनकी लागत को कवर करने के लिए छात्रवृत्ति के साथ अतुल्यकालिक सत्र और ऑनलाइन पाठ्यपुस्तकें प्रदान कीं.