अबू उबैदाह हमास कौन हैं ? उनके महत्वपूर्ण वक्तव्य
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
हालांकि अभी चार दिवसीय युद्ध विराम के चलते इजरायल का हमास के बहाने गाजा पट्टी पर बमबारी बंद है. मगर इसके साथ ही फिर से इजरायल-हमास युद्ध शुरू होने के खतरे बढ़ गए हंै. युद्ध में तमाम मुस्लिम देशांे ने हमास को अकेला छोड़ दिया है. केवल हिजबुल्लाह गुट ही गाहे-बगाहे इजरायल से लोहा लेता रहता है. इजरायल की संयुक्त सेना आईडीएफ का कहना है कि युद्धविराम के दौरान भी लेबनानी हिजबुल्लाह ग्रुप इजरायली ठिकानों पर हवाई हमले जारी रखे हुए है. हालांकि इजरायली सेना ने भी युद्धविराम के दूसरे दिन 25 नवंबर को लेबनानी क्षेत्र से कई मिसाइल हमलों को नाकाम किया है. इस बीच हमास के अबू ओबैदा और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद के जियाद अल नखलेह ने इजरायल के खिलाफ कार्रवाई के लिए हसन नसरल्लाह के समूह की प्रशंसा की है. इससे संबंधित एक वीडियो भी जारी किया गया है.
आईडीएफ का दावा, हमास के लड़ाके अबू ओबैदा (Abu Obaida (Hamas) की हो गई पहचान
#عاجل هذا هو المدعو حذيفة كحلوت الذي يتستر وراء كنية أبو عبيدة وهو يتستر كذلك وراء كوفيته الحمراء. تمامًا مثلما تتستر حماس وراء المنشآت المدنية لإطلاق القذائف الصاروخية باتجاه إسرائيل. هو وغيره من قادة #دواعش_حماس يحبون التستر داخل الأنفاق ووراء النساء والأطفال، وكذلك وراء… pic.twitter.com/FmtuByc7Bv
— افيخاي ادرعي (@AvichayAdraee) October 25, 2023
इस बीच इजरायल की प्रोपगंडा बेसाइट द जेरूसलम पोस्ट ने दावा किया है कि आईडीएफ ने हमास के लड़ाके और इज्ज अद-दीन अल-कसम ब्रिगेड के प्रवक्ता, जिन्हें अबू ओबैदा के नाम से जाना जाता है, की पहचान कर ली गई है.इसरायल का कहना है कि वह अपनी पहचान छुपाने क लिए लाल केफियेह यानी लाल कपड़े से चेहरा ढके रहते हंै और इजरायल पर रॉकेट लॉन्च कर आम नागरिकांे में छुप जाते हंै.
सेना के प्रवक्ता एड्राई ने सोशल मीडिया पर उनका कथित चेहरा उजागर करने वाला एक वीडियो साझा किया है. साथ मंे लिखा, हुदायफा कहलोत, आप बेनकाब हो गए हैं. मुखौटा और केफियेह आपकी मदद नहीं करेंगे.
अबू ओबैदा हमास कौन हैं ?
अबू ओबैदा जिसे अबू उबैदा भी कहा जाता है, दरअसल वह इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन संगठन फ्री-फिलिस्तीनी आंदोलन के सैनिकों द्वारा नामांकित एक सैनिक हैं, जो हमास के लिए प्रवक्ता का काम करते हैं. वह इस्लामी फिलिस्तीनी राजनीतिक और सैन्य संगठन हमास की सैन्य शाखा इज्ज अद-दीन अल-कसम ब्रिगेड से जुड़े हैं. अब तक किसी ने उनका चेहरा नहीं देखा है. वह चेहरा ढके रहते हैं. ऐसे में उन्हें पहचानना बेहद ही मुश्किल है. कहा जाता है कि अबू ओबैदा फिलिस्तीनी राजनीतिक और इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन संगठन हमास के प्रवक्ता तो हैं ही इसके प्रमुख व्यक्तियों में भी हैं. यह भी दावा किया जाता है कि उनके और हमास के बारे में एक वर्ग की राय भिन्न हो सकती है, पर मुस्लिम युवक के अलावा दूसरे लोग भी उनके कारनामों से अचंभित हैं.
शेख अबू उबैदा ने कल जॉर्डन के लोगो से सडको पर निकलने की अपील की थी,
— Palestine 🇯🇴🤲 (@ShihabChoturfan) November 24, 2023
वो शेख अबु उबैदा जिसे न किसी ने देखा न ही कभी कोई उनसे मिला
फिर भी उनकी एक ही आवाज़ पर दीवाने होकर जॉर्डन के लोग इन नारो के साथ निकले "ओ अबू उबैदा हम हाज़िर है,
हम बहुत जल्द मिलेंगे"#IslamVsKufr#GazaGenocide pic.twitter.com/vdG3oKRbrc
इजरायली वेबसाइट का दावा है, ‘‘ बावजूद इसके इसपर जोर देना जरूरी है कि अबू ओबैदा, हमास और उनके तरीकों के बारे में मुस्लिम समुदायों में मुखतलिफ राय है. फिलिस्तीनी भूमि पर इजरायल के कब्जे पर विचार अत्यधिक संवेदनशील हो सकते हैं, और व्यक्तिगत अनुभव, सांस्कृतिक प्रभाव और भू-राजनीतिक विचारों सहित विभिन्न कारकों द्वारा दृष्टिकोण को आकार दिया जा सकता है.’’ वैश्विक मुस्लिम समुदाय विशाल और विविध है. सभी मुस्लिम युवा हमास जैसे समूहों से जुड़े लोगों के लिए समान विचार या समर्थन स्तर साझा नहीं करते हैं, लेकिन पूरी दुनिया फिलिस्तीन को इजराइल से मुक्त कराना चाहती है. फिलिस्तीन के बारे में जनता की राय बिल्कुल स्पष्ट है. वे इजरायली आतंकवाद से आजादी चाहते हैं.
गाजी अबू उबैदा का असली चेहरा ?
अबू ओबैदा का वास्तविक नाम ज्ञात नहीं है. न ही किसी को उनके बारे में ज्यादा विवरण मालूम है. वह अपना चेहरा ढंकने के लिए केफियेह का इस्तेमाल करते हैं. 2014 में इजराइली मीडिया ने कथित तौर पर अबू ओबैदा की एक नकली तस्वीर जारी की थी. दावा किया था कि उनका असली नाम हुजैफा समीर अब्दुल्ला अल-कहलूत है. हालाँकि उस समय अल-कसम ब्रिगेड ने फोटो और नाम की वैधता से इनकार कर दिया था.
अबू ओबैदा के महत्वपूर्ण वक्तव्य
जून 2020
जायोनी नेताओं द्वारा वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों पर आधिकारिक रूप से कब्जा करने की योजना के जवाब में, अबू ओबैदा ने कहा कि प्रतिरोध की ताकत ईमानदारी से फिलिस्तीनी लोगों की रक्षा करेंगी. दुश्मन को इस तरह के अफसोस में अपनी उंगलियां चबाने पर मजबूर करने की कसम खाई.” उन्होंने इजरायली योजनाओं को युद्ध की घोषणा बताया.
2021 में
फिलिस्तीनी-इजराइली अवैध कब्जे को बढ़ाते हुए, अबू ओबैदा ने कहा कि तेल अवीव, डिमोना, अशदोद, अशकेलोन और बेर्शेबा पर हमला करना हमारे लिए पानी पीने से ज्यादा आसान है. उन्होंने घोषणा की कि आक्रामकता का जवाब देते समय कोई लाल रेखाएं नहीं हैं. युद्धविराम समझौता होने के बाद उन्होंने कहा, अल्लाह की मदद से, हम दुश्मन, उसकी नाजुक इकाई और उसकी आतंकवादी बर्बर सेना को अपमानित करने में सक्षम हैं.
सितंबर 2021 में
गिल्बोआ जेल से भागे छह में से चार कैदियों को इजरायली आतंकवादी बलों द्वारा फिर से गिरफ्तार किए जाने के बाद, अबू ओबैदा ने घोषणा की कि भागने वालों को मुक्त किए बिना इजरायल के साथ भविष्य में किसी कैदी की अदला-बदली नहीं होगी. उन्होंने कहा कि अगर फ्रीडम टनल के नायकों ने इस बार खुद को आजाद कर भूमिगत कर लिया है, हम उनसे और हमारे आजाद कैदियों से वादा करते हैं कि वे जल्द ही, अल्लाह की इच्छा से जमीन से आजाद होंगे.
मई 2022 में
फिलिस्तीनियों पर कई इजरायली हमलों के बाद हमास नेता याह्या सिनवार की हत्या करने के इजरायली आह्वान के जवाब में, अबू ओबैदा ने कहा कि अगर दुश्मन और उसके असफल नेतृत्व ने सिनवार को नुकसान पहुंचाया, तो यह क्षेत्रीय भूकंप और एक अभूतपूर्व प्रतिक्रिया लाएगा.
जून 2022 में
अबू ओबैदा ने घोषणा की कि गाजा में इजरायली बंदियों में से एक की चिकित्सा स्थिति खराब हो गई है. अल-कसम ब्रिगेड ने बाद में एक वीडियो जारी किया जिसमें दिखाया गया कि विचाराधीन बंदी हिशाम अल-सईद है.
अक्टूबर 2023 में
हमास प्रतिरोध ने फिलिस्तीन को मुक्त कराने के लिए युद्ध की घोषणा की है.
हमास के क्या हैं उद्देश्य ?
- गठनः हमास की स्थापना 1987 में प्रथम इंतिफादा के दौरान हुई थी, जो कब्जे वाले क्षेत्रों में इजरायली शासन के खिलाफ एक फिलिस्तीनी विद्रोह था.
- उद्देश्य: हमास के पास राजनीतिक और लड़ाका दोनों शाखाएं हैं. इसके प्राथमिक उद्देश्यों में एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी की स्थापना शामिल है, जिसमें वेस्ट बैंक, पूर्वी येरुशलम और गाजा पट्टी शामिल है. इसकी राजधानी येरूशलम है. हमास को फिलिस्तीनी भूमि पर इजरायली कब्जे के प्रति अपने प्रतिरोध के लिए जाना जाता है.
- राजनीतिक विंग: हमास फिलिस्तीनी राजनीति में भाग लेता है. 2006 के फिलिस्तीनी विधायी चुनावों में महत्वपूर्ण समर्थन प्राप्त किया था. यह समूह वर्तमान में गाजा पट्टी पर शासन करता है.
- गतिविधियां: हमास की सैन्य शाखा इजराइल के खिलाफ सशस्त्र प्रतिरोध में शामिल रही है. इसमें आत्मघाती बम विस्फोट, रॉकेट हमले और अन्य प्रकार के सशस्त्र संघर्ष शामिल हैं.
इस समूह को संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ और अन्य कई देशों ने आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है.
- सामाजिक सेवाएं: अपनी राजनीतिक और सैन्य गतिविधियों के अलावा, हमास अपने शासन वाले क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और कल्याण कार्यक्रम जैसी सामाजिक सेवाएं प्रदान करने के लिए भी जाना जाता है.
- फतह के साथ संबंध: हमास का एक अन्य प्रमुख फिलिस्तीनी राजनीतिक दल फतह के साथ एक जटिल संबंध रहा है. दोनों के बीच तनाव कई बार हिंसक संघर्ष में बदल गया है.
- अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: अंतरराष्ट्रीय समुदाय हमास पर विविध विचार रखता है.कुछ देश और संगठन इसे कब्जे के खिलाफ लड़ने वाला एक वैध प्रतिरोध आंदोलन मानते हैं, जब कि अन्य इसे नागरिकों के खिलाफ हिंसा के उपयोग के कारण आतंकवादी संगठन के रूप में वर्गीकृत करते हैं.ध्यान रहे कि हमास पर राय व्यापक रूप से भिन्न है. इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष गहरी ऐतिहासिक जड़ों वाला एक जटिल और संवेदनशील भू-राजनीतिक मुद्दा है.
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