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दाऊद की पत्नी कौन है ? Who is David’s wife?

मुस्लिम नाउ विशेष

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के बारे में अफवाहें हैं कि उन्हें कथित तौर पर गंभीर चिकित्सा स्थिति के बाद पाकिस्तान के कराची में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अपुष्ट रिपोर्टों में इसका कारण जहर बताया जा रहा है. 65 वर्षीय भगोड़ा दुनिया भर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बचते हुए कई वर्षों से कराची में रह रहा है.’’

मीडिया रिपोर्ट में आगे कहा गया है,भारत के सर्वाधिक वांछित अपराधियों में से एक, दाऊद इब्राहिम, संगठित अपराध, आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी सहित विभिन्न आपराधिक गतिविधियों से जुड़ा हुआ है. वह 1993 के मुंबई बम विस्फोटों का मास्टरमाइंड है, जिसमें 250 से अधिक लोगों की जान चली गई और हजारों लोग घायल हो गए.’’

गैंगस्टर से आतंकवादी का तमगा ढोने वाले दाऊद इब्राहिम लगभग तीन दशक से फरार हैं और उन्हें अब तक कोई पकड़ नहीं सका है. 1970 के दशक के अंत में स्थापित डी कंपनी माफिया के प्रमुख दाऊद एक पहेली बने हुए हंै.

पुलिस अभी भी उनकी तलाश में है. गप लड़ाने वाले केवल उनकी हरकत का अनुमान लगाते हैं. वैसे, वे पूरी तरह गलत भी नहीं हैं. दाऊद 1993 के बाद से मुंबई में नहीं रहते. तब उनपर 13 बम बनाने में मदद कर आरोप लगा था, जिसके फटने से 257 लोगों की मौत हो गई थी. कहते हैं उसके बाद वह पड़ोसी देश पाकिस्तान भाग गए. अधिकांश स्रोतों के अनुसार, अभी भी वह वहीं रहते हंै.

एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘लेकिन डी कंपनी के लोग अभी भी भारत के अधिकतम शहर में रहते मुंबई को चला रहे हैं. वे दलाली करते हैं. तस्करी और चोरी में शामिल हैं. डी कंपनी के गुर्गे शहर में भारी मात्रा में प्रतिबंधित पदार्थ भेजते हैं. बॉलीवुड सितारों से जबरन वसूली करते हैं. क्रिकेट मैच फिक्स करते हैं. आरोप है कि वह कश्मीर और उत्तरी नाइजीरिया में भी आतंकवादियों का समर्थन करते हंै.

भारतीय गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम का रहस्य

सच तो यह है कि डी कंपनी एक माफिया से भी बढ़कर है. एक अमेरिकी शिक्षाविद ने लिखा, यह एक अंतरराष्ट्रीय आपराधिक संगठन, एक आतंकवादी समूह और एक आर्थिक अभिनेता है. यह दक्षिण एशिया के लिए राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा दोनों के लिए खतरा बना हुआ है.

यह सब बहुत अलग ढंग से शुरू हुआ. दाऊद इब्राहिम कासकर का जन्म 1955 में मध्य मुंबई के हिंदू बहुल इलाके डोंगरी में हुआ था. तब डोंगरी बमुश्किल दो फुटबॉल पिचों के आकार का था, लेकिन इसमें गैंग वंशावली थी. यहां के बदमाश चोरी का सामान चोर बाजार में बेचते थे. शहर के सबसे बड़े डॉन-करीम लाला और हाजी मस्तान-दोनों ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद डोंगरी में अपना दबदबा बना लिया था.

पुलिस कांस्टेबल के बेटे हैं दाऊद इब्राहिम

दाऊद के पिता इब्राहिम एक स्थानीय पुलिस कांस्टेबल थे. मगर दाऊद और उसका भाई शब्बीर कम उम्र से ही चोरी, डकैती और धोखाधड़ी में शामिल हो गए.दाऊद एक तेज-तर्रार स्वभाव वाले सावधानीपूर्वक योजना बनाने वाले व्यक्ति थे. उन्हें 1974 में महज 19 साल की उम्र में ब्रेक मिला, जब उन्होंने हाजी मस्तान के लिए एक कूरियर भेजा और इस प्रक्रिया में 200,000 अमेरिकी डॉलर की बैटिंग की. उसके बाद दाऊद और शब्बीर को हाजी मस्तान ने गुर दिया कि वह कानून अपने हाथ में लेने के बजाय, कानून अपने साथ रखकर यह काम करे.

दाऊद इब्राहिम को झटका

दाऊद तब बड़ा झटका लगा जब मस्तान और उसके सहयोगियों उसके खिलाफ खतरनाक युद्ध छेड़ दिया. 1981 में दाऊद और शब्बीर को एक गैस स्टेशन पर घेर लिया गया. उन्होंने शब्बीर को मार डाला, लेकिन दाऊद बच निकला.मगर तीन साल के भीतर उसके भाई के सभी तीन हत्यारे मारे गए. यह मुंबई पुलिस के लिए बड़ी हिंसक कार्रर्वा थी. उन्होंने दाऊद पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया. तब डॉन दुबई भाग गया, जहां उसने सोने की तस्करी और हवाला में खूब पैसा कमाया.

दाऊद इब्राहिम घर को कहते व्हाइट हाउस

दाऊद इब्राहिम ने अपने घर का नाम व्हाइट हाउस रखा था. अमेरिकी राष्ट्रपति व्हाइट हाउस में रहते हैं. अपने इसी घर में दाऊद अपराधियों और बॉलीवुड सितारों की मेजबानी करते थे.दाऊद ने डी कंपनी की कमान अपने लेफ्टिनेंट छोटा राजन को सौंप रखी थी. 80 के दशक में वह भारत के अब तक के सबसे बड़े माफिया डान बन चुके थे.

दाऊद के अंडरवर्ल्ड करियर के जानकार एस. हुसैन जैदी ने लिखा, ‘‘बॉलीवुड से लेकर घुड़दौड़ से लेकर शेयर बाजार तक, उनका लक्ष्य हर जगह अपना जाल फैलाना था. ऐसा कोई मेगाबक्स व्यवसाय नहीं था जो उनके कार्टेल द्वारा नियंत्रित न हो.’’

लेकिन चीजें बदलने वाली थीं. 1991 में भारत की अर्थव्यवस्था खुल गई, जिससे दशकों से चला आ रहा समाजवाद खत्म हो गया. रातों-रात, जिन काले बाजारियों पर डॉन का नियंत्रण था, वे वैध हो गए. जापानी टीवी, या चीनी रेडियो, सड़क के नीचे एक स्टोर में खरीदे जा सकते थे. मुंबई की गोदी के गैंग की इन सामानों की तस्करी बंद हो गई.

क्या दाऊद इब्राहिम को जहर दिया गया है ? Has Dawood Ibrahim been poisoned

इस बीच शहर की पुलिस ने मौका देख कर तथाकथित मुठभेड़ों में सैकड़ों तस्करों को मार गिराया. एक पत्रकार के अनुसार, पिछली बार जब मैं मुंबई गया था, तो एक पूर्व अधिकारी ने मुझे चुनौती देते हुए कहा, हमने इस जगह को साफ कर दिया है. हमने वह किया जो करना जरूरी था.’’एक साल बाद दाऊद ने एक प्रतिद्वंद्वी पर दिनदहाड़े हमला कराया. मुंबईवासी इस हिंसा से क्षुब्ध थे. जैदी ने लिखा, यह महज एक गिरोह का दूसरे से बदला लेने या अपना आधा किलो मांस निकालने का मामला नहीं था. यह सिस्टम पर दिन के उजाले में किया गया साहसिक हमला था. मुंबई के जटिल माफिया इतिहास में पुलिसकर्मियों की हत्या और घायल होना अनसुना था. ऐसा लग रहा था कि मुंबई दूसरे सिसिली में तब्दील हो रही है.

बाबरी मस्जिद विध्वंस और मुंबई बम धमाका

1992 में, हिंदू राष्ट्रवादियों ने उत्तरी भारत के अध्योध्या में 16वीं सदी की बाबरी मस्जिद के विनाश की योजना बनाई थी. इसके बाद हुए दंगों में 2,000 लोग मारे गए जिनमें अधिकतर मुसलमान थे. इसका असर मुंबई पर भी पड़ा. इस घटना ने दाऊद के मन में बदला लेने की भावना जगा दी.अगले वर्ष शुक्रवार, 12 मार्च को, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, एयर इंडिया मुख्यालय और मस्जिद विध्वंस का आह्वान करने वाली धुर दक्षिणपंथी पार्टी शिव सेना के कार्यालय जैसी राजनीतिक इमारतों में 13 बम विस्फोट हुए. बीबीसी के एक पत्रकार ने लिखा, दाऊद का गिरोह अपने व्यावसायिक हितों की हिंसक सुरक्षा से आगे निकल गया है. पूरे शहर के खिलाफ अंधाधुंध राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई शुरू कर दी है.
दाऊद इब्राहिम ने मुंबई को घुटनों पर ला दिया था. डी कंपनी एक आतंकवादी संगठन बन गई है.

मुंबई हमले के बाद छोटा राजन बना दाऊद का दुश्मन

छोटा राजन, इस हमले के बाद डी कंपनी का विरोधी हो गया. वह कारोबार का अपना हिस्सा लेकर कुआलालंपुर चला गया. कहते हैं, उसके बाद दाऊद और उसके अन्य लोग पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में भाग गए.वहां, एक अन्य व्हाइट हाउस में पाकिस्तानी अधिकारियों की सुरक्षा में रहने लगे. यह भी कहते हैं,दाऊद ने पाकिस्तान का बड़ा कर्ज चुकाया. उन्होंने इसके सेंट्रल बैंक को बड़े पैमाने पर नकद ऋण देकर संकट से उबारा और लश्कर-ए-तैयबा को हथियारबंद कराया. यह एक आतंकवादी संगठन है जो भारत के खिलाफ अभियान चलाता रहता है. आरोप है कि वह उत्तरी नाइजीरिया के इस्लामी समूह बोको हराम की भी आर्थिक मदद करते हैं.

कहते हैं 2008 में लश्कर के बंदूकधारियों ने मुंबई हमले में ताज महल होटल की चार दिन की घेराबंदी भी शामिल थी,जिसमें 31 लोग मारे गए थे. अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि दाऊद हमलवरों को भारत में तस्करी कराई थी.इसके बाद भारत ने दाऊद के सिर पर 25 मिलियन डॉलर का इनाम रख दिया. बावजूद इसके लगता है कि शायद वह कभी भारत के हाथ आए. उन्हें फोब्र्स मैग्जीन प्रभावशाली शख्सियतों में शामिल कर चुकी है.

दाऊद की पत्नी कौन है?

जुबीना जरीन दाऊद इब्राहिम की पहली पत्नी हैं, उनका जन्म 1960 में मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था. जुबीन जरीन को महजबीन शेख के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने 1990 के आसपास दाऊद इब्राहिम से शादी की और उनके दो बच्चे हुए. बाद में दाऊद इब्राहिम का अभिनेत्री मंदाकनी सहित कई अभिनेत्रियों से भी जुड़ा. मंदाकनी इससे इनकार करती हैं और अभी भारत मंे ही रहती हैं. इससे पहले वह भी भूमिगत हो गई थीं.

सार्वजनिक क्षेत्र में उनकी बहुत कम तस्वीरें हैं और अधिकांश दानेदार और पुरानी हैं. उनकी बेटी माहरुख इब्राहिम ने जुनैद मियांदाद (जावेद मियांदाद के बेटे) से शादी की, और उनका एक बच्चा भी है. ज़ुबीना ज़रीन की दूसरी बेटी मेहरीन ने 2011 में अयूब (एक पाकिस्तानी-अमेरिकी नागरिक) से शादी की और उनकी तीसरी बेटी मारिया इब्राहिम का जन्म 2012 में हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक जुबीना 2017 में अपने जन्मस्थान पर गईं जहां उन्होंने पहली बार अपने पिता सलीम कश्मीरी को देखा. हालाँकि, उसकी माँ और भाइयों और बहनों के बारे में अभी भी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। वह पढ़ने के लिए एक सरकारी संस्थान में गई।

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