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कौन है Sajid Mir जिसे पाकिस्तान की जेल में जहर देकर मार डाला गया ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

मुंबई आतंकी हमले की बरसी के ठीक एक सप्ताह बाद इसके मुख्य साजिशकर्ता साजिद मीर को किसी ने पाकिस्तान जेल में जहर देकर मार डाला. खबरों के मुताबिक, 26/ 11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंडों में से एक साजिद मीर को पाकिस्तान के डेरा गाजी खान की सेंट्रल जेल में जहर दिया गया.

बताते हैं कि जहर दिए जाने की जानकारी मिलने पर मीर को पाकिस्तानी सेना ने सीएमएच इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, बहावलपुर तक एयरलिफ्ट किया. इसके बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका. कुछ महीने पहले उसे लाहौर सेंट्रल जेल से स्थानांतरित किया गया था. वहां वह पिछले एक साल से बंद था. पाकिस्तान की आतंकवाद-निरोधी अदालत ने पिछले साल उसे आतंक-वित्तपोषण मामले में 15 साल की सजा सुनाई थी.

हालांकि, तब कई राजनीतिक पंडितों ने कहा था कि मार को जान-बूझकर जेल में डाला गया है. इस वैश्विक आतंकी को बचाने के लिए वित्तपोषण निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स को जानबूझकर इस्लामाबाद के इशारे पर उसके पीछे लगाया गया.

हालांकि, मीर जैसे भारत के दुश्मन की यह कोई पहली रहस्यमय मौत नहीं है. पाकिस्तान में ही हाल के दिनों चार से अधिक वांछित लोग रहस्यमय तरीके से मारे जा चुके हैं. कनाडा में भी एक खालिस्तानी नेता की रहस्यमय हत्या की जा चुकी है. यह विषय अभी तक भारत-कनाडा के बीच विवाद का कारण बना हुआ है.

कौन हैं साजिद मीर?

माना जाता है कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का मुख्य कमांडर मीर, जिसकी उम्र लगभग 40 के आसपास है, 26 /11 के मुंबई आतंकवादी हमलों में प्रमुख भूमिका के लिए वांछित था. उसने हाफिज सईद के साथ मिलकर हमलों की योजना बनाई जिसके कारण 175 निर्दोष लोगों की मौत हो गई.

21 अप्रैल 2011 को यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, शिकागो, में दोषी ठहराए जाने के बाद अमेरिका ने उसके सिर पर 5 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था.उसपर पर विदेशों में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, आतंकवादियों को सामग्री सहायता प्रदान करने, अमेरिका के बाहर नागरिक की हत्या करने, सहायता करने, उकसाने और सार्वजनिक स्थानों पर बमबारी करने का आरोप है.

साजिद मीर को सलाखों के पीछे भेजने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश विभाग ने उसकी गिरफ्तारी और दोषसिद्धि के लिए जानकारी देने वाले को 5 मिलियन अमेरिकीड डाॅलर तक का इनाम घोषणा किया था.

इस साल की शुरुआत में, बीजिंग द्वारा मीर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करने के नई दिल्ली और वाशिंगटन के संयुक्त प्रस्ताव को अवरुद्ध करने के बाद भारत ने चीन की आलोचना की थी.संयुक्त सचिव प्रकाश गुप्ता ने कहा, अगर हम छोटे भूराजनीतिक हितों के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित वैश्विक परिदृश्यों में स्थापित आतंकवादियों को पकड़ नहीं सकते, तो वास्तव में हमारे पास आतंकवाद की इस चुनौती से ईमानदारी से लड़ने की वास्तविक राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है. किसी प्रस्ताव को अपनाने के लिए सभी सदस्य देशों की सहमति की आवश्यकता होती है.यदि मीर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव पारित हो जाता, तो उसकी संपत्ति जब्त कर ली जाती. यात्रा प्रतिबंध लगा दिया जाता और हथियार हथिया लिए जाते.

(एजेंसियों से इनपुट के साथ)