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पाकिस्तान को देश की खुफिया जानकारी देने वाला कौन है डीआरडीओ का वरिष्ठ वैज्ञानिक ? 2022 से था पाकिस्तानी एजेंट के संपर्क में, 9 मई तक चलेगी पूछताछ

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, मुंबई

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर को पाकिस्तान को देश की खुफिया जानकारी बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. वह जिस तरह के ओहदे पर रहे हैं, उनका इस तरह धरा जाना, माना जा रहा है कि देश की सुरक्षा से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियां इधर से उधर हो चुकी हैं.

डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर 2022 से पाकिस्तानी एजेंट के संपर्क में थे. फिलहाल 9 मई तक हिरासत लेकर उनसे कहन पूछताछ चल रही है.उन्हें पाकिस्तानी खुफिया एजेंट के साथ गोपनीय जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) के सूत्रों के हवाले से पता चला है कि प्रदीप एम कुरुलकर, जिन्हें महिला एजेंट ने हनीट्रैप में फंसाया था, को महाराष्ट्र एटीएस द्वारा आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है. अदालत ने उन्हें 9 मई तक एटीएस की हिरासत में भेजा है.

न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार,सितंबर 2022 से व्हाट्सएप, वॉयस मैसेज और वीडियो कॉल के माध्यम से वह पाकिस्तानी जेंट के संपर्क में थे.सूत्रों ने कहा, एटीएस ने कुरूलकर के पास से कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप आदि जब्त किए हैं और उन्हें फॉरेंसिक डिटेलिंग के लिए भेजा गया है. कुरुलकर ने पीआईओ लड़की के साथ कुछ व्हाट्सएप चैट को डिलीट कर दिया था.

आगे की जांच एटीएस पुणे की टीम कर रही है.डीआरडीओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एएनआई को बताया, हमारी जांच में संवेदनशील जानकारी लीक करने में संलिप्त पाए जाने के बाद वैज्ञानिक को प्रयोगशाला निदेशक के पद से हटा दिया गया था.उन्होंने कहा, एजेंसी ने ऑनलाइन गतिविधियों के बारे में अन्य एजेंसियों से इनपुट मिलने के बाद उनके खिलाफ जांच शुरू की थी.

अधिकारी ने कहा, हमने उनके खिलाफ पहले ही कार्रवाई कर दी है.अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी अभी भी इस मुद्दे की जांच कर रही है और सोशल मीडिया पर ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल होने के खिलाफ अपने अधिकारियों को जागरूक भी कर रही है.कुरुलकर एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक (सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के समकक्ष) हैं, जबकि वे पुणे में अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (इंजीनियर) प्रयोगशाला के निदेशक थे.

महाराष्ट्र एटीएस ने कहा कि वैज्ञानिक को व्हाट्सएप संदेशों, वॉयस कॉल और वीडियो के माध्यम से सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के गुर्गों के साथ संपर्क पाया गया.एटीएस ने कहा कि एक जिम्मेदार पद पर होने के बावजूद, वैज्ञानिक ने अपने पद का दुरुपयोग किया, जिससे संवेदनशील सरकारी रहस्यों से समझौता किया गया, जो दुश्मन राष्ट्र के हाथों में पड़ने पर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है.वैज्ञानिक के खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट 1923 की धारा 1923 व अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

कौन हैं प्रदीप कुरुलकर ?

1963 में पैदा हुए कुरुलकर ने 1985 में सीओईपी पुणे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बीई) हासिल करने के बाद 1988 में सीवीआरडीई, अवाडी में डीआरडीओ के लिए काम करना शुरू किया.

उन्होंने ड्राइव और एप्लिकेशन पर ध्यान देने के साथ कानपुर में अपना उन्नत पावर इलेक्ट्रॉनिक्स कोर्सवर्क पूरा किया. मिसाइल लांचर, सैन्य इंजीनियरिंग गियर, अत्याधुनिक रोबोटिक्स और सैन्य अनुप्रयोगों के लिए मोबाइल मानवरहित प्रणालियों का डिजाइन और विकास उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्र हैं.वह डीआरडीओ की एक प्रमुख प्रणाली इंजीनियरिंग प्रयोगशाला, अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (इंजीनियर) के निदेशक के रूप में काम कर रहे थे.

एक टीम लीडर और लीड डिजाइनर के रूप में, कुरुलकर ने कई सैन्य इंजीनियरिंग प्रणालियों और उपकरणों के डिजाइन, विकास और वितरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. जैसे हाइपरबेरिक कक्ष, मोबाइल बिजली की आपूर्ति, और उच्च दबाव वायवीय प्रणाली, साथ ही साथ प्रोग्राम, निर्भय सबसोनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम, मिसाइल लॉन्चर आदि.