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मुसलमानों के सवाल पर राजदीप सरदेसाई और सुधीर चौधरी क्यों हैं सुर्खियों में ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

इंडिया टुडे ग्रुप के दो सीनियर जर्नलिस्ट इस समय सुर्खियों में हैं. एक वीडियो में दोनों देखे जा सकते हैं और यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.दरअसल, यह वीडियो इंडिया टुडे काॅन्कलेव का है, जिसमें संस्थान के एक सीनियर एंकर राहुल कंवल इंडिया टुडे के सलाहकार संपादक राजदीप सरदेसाई से कुछ पूछते हैं.

जिसके जवाब में वह मुसलमानों को सियासत से दूर करने और काॅलोनियों में उन्हें रहने के लिए मकान नहीं मिलने का मुद्दा उठाते हैं. वह जब इस बात को आगे बढ़ाते हुए कहते हैं कि हम जैसे पत्रकार भी मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने के दोषी हैं. इसी बीच कैमरा सुधीर चैधरी की ओर घू जाता है.

गौरतलब है कि एंकरिंग के दौरान मुसलमानों के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी के लिए कोर्ट सुधीर चैधरी पर हाल में जुर्माना लगा चुका है. राजदीप सरदेसाई के इस बयान को इससे जोड़कर देखा जा रहा है और सोशल मीडिया पर सुधीर चैधरी पर व्यंगवान चलाए जा रहे हैं.

इस क्रम में सौरभ ने एक्स पर वीडिया साझा करते हुए लिखा-आजतक के कॉन्क्लेव में राजदीप सरदेसाई संसद सेए कॉलोनियों से मुस्लिमों के गायब होने की बात कह रहे थे फिर जैसे ही उन्होंने मीडिया के लिए कहा कि मीडिया में भी कुछ लोग मुस्लिमों के खिलाफ नफरत और पूर्वाग्रह फैला रहे हैं तब कैमरा एकदमस से सुधीर चौधरी की तरफ जाता है ऐसा लगता है कैमरे को.

इस बहस को आगे बढ़ाते हुए महाराष्ट्र के पूर्व सीनियर पुलिस अधिकारी आईपीए अब्दुर रहमान ने आंकड़ों के हवाले से सियासत से सियासी पार्टियों द्वारा मुसलमानों को हटाने को लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने इस मसले को गंभीरतापूर्व उठाते हुए लिखा है-भारत में 14.2% आबादी के हिसाब से 78 मुस्लिम MPs होने चाहिए. आज सिर्फ 25 हैं, यानी 4.7% और deprivation 67% है. पार्लियामेंट में मुसलमानों की गैर-मौजूदगी कई गंभीर समस्याओं का जड़ है.

बीजेपी कोई टिकट नहीं देती. इनके कई नेता खुलेआम कहते हैं इन्हें मुस्लिमों के वोट की जरूरत नहीं है. साम्प्रदायिक राजनीति से विपक्ष इतना घबराया है कि वो भी उचित संख्या में टिकट नहीं देना चाहता. जहां आबादी 40% है वहां भी विपक्ष टिकट देने से डर रहा है. मुस्लिम पूरी तरह राजनीति के हासिये पर हैं. यह सब एक समावेशी लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है.