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अफगानिस्तान की छात्राएं तालिबानियों से क्यों स्कूल खोलने की मांग कर रही हैं ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, काबुल

इस्लामिक अमीरात के अफगानिस्तान के कब्जे के दो साल बाद भी लड़कियों को स्कूल जाने की इजाजत नहीं. ऐसे में छात्राएं फिर से स्कूल खोलने की मांग कर रही हैं.महिला छात्रों और शिक्षकों ने कहा कि वे चिंतित हैं कि इस्लामिक अमीरात के अधिग्रहण की दूसरी वर्षगांठ पर स्कूलों के बारे में कुछ नहीं कहा गया. बता दें कि सरकार के दो साल पूरे होने पर तालिबानी जमकर जश्न मना रहे हैं. सड़कों पर रैलियां निकाली जा रही हैं.

इस बीच छात्राओं ने एक बार फिर शिक्षा के अपने अधिकार पर जोर दिया है. वर्तमान सरकार से लड़कियों के लिए शैक्षणिक संस्थानों को जल्द से जल्द फिर से खोलने का आहवान किया है.एक छात्रा मारवा ने कहा, मैंने सोचा था कि शायद स्कूल, विश्वविद्यालय और कई अन्य स्थान जो बंद थे, खुल जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

एक छात्रा नजमा ने कहा, हम सरकार से लड़कियों के लिए स्कूलों और विश्वविद्यालयों को फिर से खोलने का आह्वान करते हैं.इस बीच, कुछ छात्रों और शिक्षकों ने लड़कियों के स्कूलों को बंद करने के नकारात्मक परिणामों के बारे में चेतावनी दी. कहा कि स्कूलों के दरवाजे बंद करने से देश में पहले से भी अधिक निरक्षरता फैल जाएगी.

एक छात्रा फाहिमा ने कहा, सोशल मीडिया में लड़कियों के लिए स्कूलों और विश्वविद्यालयों को फिर से खोलने के बारे में कुछ खबरें थीं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. स्कूलों को बंद करना हमारे देश के लिए फायदेमंद नहीं है.सवाल यह है कि दो साल के इस्लामिक अमीरात शासन के बाद स्कूलों और विश्वविद्यालयों को फिर से खोलने की योजना को अंतिम रूप क्यों नहीं दिया गया है.

काबुल निवासी फाजिल मलिक ने कहा, हम लड़कियों के लिए स्कूलों और विश्वविद्यालयों को फिर से खोलने के बारे में (इस्लामिक अमीरात शासन की सालगिरह पर) उनकी घोषणा का इंतजार कर रहे हैं.काबुल निवासी रहमतुल्ला ने कहा, हम लड़कियों के लिए स्कूलों को फिर से खोलने के लिए कहते हैं, क्योंकि हमें शिक्षण और चिकित्सा विभाग में उनकी जरूरत है.

कई महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा है कि महिलाओं को सीखने से वंचित करने से देश के भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.महिला अधिकार कार्यकर्ता महबोबा सराज ने कहा, हम लड़कियों के लिए स्कूल फिर से खुलने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने स्कूल नहीं खोले और दिन-ब-दिन महिलाओं पर और अधिक प्रतिबंध लगा रहे हैं.

इस्लामिक अमीरात के अधिग्रहण के बाद शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि छठी कक्षा से ऊपर की लड़कियों के लिए एक पद्धति बनाकर शिक्षा की अनुमति दी जाएगी, लेकिन हाल के महीनों में शिक्षा मंत्रालय ने इस मुद्दे पर कुछ भी नया नहीं कहा है.