फ्रेंड्स ऑफ अल-अक्सा ने क्यों कहा यूरोपीय मुसलमान रमजान में इजरायली खजूरों का बहिष्कार करें
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
ब्रिटेन में एक नया बहिष्कार आंदोलन शुरू किया गया है. मुसलमानों से इस रमजान में इजरायली खजूरों का बहिष्कार करने की अपील की गई है.अरब न्यूज के मुताबिक, शनिवार को ब्रिटेन के एक गैर-सरकारी संगठन फ्रेंड्स ऑफ अल-अक्सा (एफओए) ने बहिष्कार अभियान शुरू किया, जिसमें कहा गया कि यूरोप भर के मुसलमानों को फलों के लेबल की जांच कर खरीदारी करनी चाहिए और इजरायली खजूर खरीदने से बचना चाहिए.
फ्रेंड्स ऑफ अल-अक्सा के शमी अल-जरदार ने कहा, इस रमजान में इजरायल की खजूरेें नहीं खरीद कर मुस्लिम समुदाय इजरायल के अवैध कब्जे और फिलिस्तीन में रंगभेद के खिलाफ निंदा का एक स्पष्ट और मजबूत संदेश दे सकते हैं.
एफओए के बयान में कहा गया है कि इजरायल दुनिया में मेडजूल खजूर का सबसे बड़ा उत्पादक है. इजरायल के खजूर का 50 प्रतिशत यूरोप को निर्यात किया जाता है.वे यूरोप के प्रमुख बाजारों और दुकानों में बेचे जाते हैं.एफओए के बयान में कहा गया है कि 2020 में यूके ने इजरायल से 3,000 टन खजूर का आयात किया, जिसकी कीमत लगभग 8.9 मिलियन डॉलर है.
Ramadan is a month away!
— Friends of Al Aqsa (@FriendsofAlAqsa) February 24, 2023
Imagine if, by the end of #Ramadan, all dates from Israel were left on shelves across the UK and Europe 🙌🏾
It would send a powerful message of strength and unity against Israel's oppression of the Palestinian people.
➡️ Boycott Israeli dates pic.twitter.com/R3TVeU1uN6
एफओए ने बयान में उत्पीड़न को याद करते हुए कहा कि इजरायल ने इस साल अब तक 13 बच्चों सहित 62 फिलीस्तीनियों को मार डाला है.उन्होंने कहा कि इजरायल सरकार खतरनाक दर से घरों को गिरा रही है और अवैध बस्तियों का विस्तार करर रही है.
एफओए ने एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वॉच सहित अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से आग्रह किया है कि इजरायल नरसंहार का अपराध कर रहा है और यूरोपीय देश इजरायल पर प्रतिबंध लगाने और अंतरराष्ट्रीय कानून को बनाए रखने में विफल रहे हैं.शमी अल जरदार ने कहा कि यह रमजान बहिष्कार, दूरी और प्रतिबंध लगाने की हमारी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने का समय है.
उन्होंने कहा,हमें याद रखना चाहिए कि एक समुदाय के रूप में हम मजबूत हैं. इसजारयली खजूर न खरीदकर हम इस प्रक्रिया के जरिए दुनिया में अपनी आवाज बुलंद कर सकते हैं.