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WorldHealthDay इस्लामी शिक्षाओं में छिपा है हेल्दी लाइफ का राज़: आयतें और हदीसें बताती हैं रास्ता

गुलरूख जहीन

इस्लाम न केवल एक आध्यात्मिक और धार्मिक जीवन शैली सिखाता है, बल्कि यह शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य की देखभाल को भी अनिवार्य मानता है। स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती का इस्लाम में विशेष स्थान है, क्योंकि एक स्वस्थ शरीर ही इबादत, सोच और सामाजिक ज़िम्मेदारियों को बेहतर ढंग से निभा सकता है।


🔹 इस्लाम में स्वास्थ्य का महत्व

कुरान और हदीस की रौशनी में स्पष्ट है कि इस्लाम केवल इबादत का नहीं, बल्कि पूर्ण जीवन शैली का मार्गदर्शन करता है।

👉 सूरह अल-अराफ़ (7:31) में अल्लाह कहता है:
“खाओ, पियो और बर्बादी मत करो, निश्चित रूप से अल्लाह बर्बादी करने वालों को पसंद नहीं करता।”

यह आयत इस बात को स्पष्ट करती है कि संतुलित आहार और अति से बचना स्वास्थ्य की कुंजी है।


🔹 हदीस: स्वास्थ्य और शक्ति का पैग़ाम

हज़रत मोहम्मद (PBUH) ने फ़रमाया:
“मज़बूत मोमिन, अल्लाह के लिए कमज़ोर मोमिन से ज़्यादा प्यारा है, जबकि दोनों में अच्छाई है।” (सहिह मुस्लिम)

इस हदीस में इशारा केवल शारीरिक ताकत की ओर नहीं, बल्कि आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक संतुलन की ओर भी है।


🔹 क्यों जरूरी है स्वास्थ्य की देखभाल?

इस्लाम में यह विश्वास है कि शरीर एक अमानत है, जिसे अल्लाह ने हमें सौंपा है। यह शरीर एक दिन वापस उसी को लौटाना है।

कुरान (2:195) में अल्लाह फरमाता है:
“अपने हाथों से खुद को विनाश की ओर मत ले जाओ।”

इस आयत से स्पष्ट है कि स्वास्थ्य की उपेक्षा आत्म-हानि के समान है।


🔹 हलाल भोजन: स्वास्थ्य और आध्यात्मिकता का संतुलन

इस्लाम में केवल हलाल (अनुमोदित) भोजन खाने का आदेश दिया गया है। इसके पीछे आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों कारण हैं।

कुरान (2:173) में वर्णित है:
“उसने तुम्हारे लिए हराम किया है मरा हुआ मांस, खून, सूअर का मांस और वह मांस जिस पर अल्लाह के सिवा किसी और का नाम लिया गया हो…”

हलाल भोजन – जैसे चिकन, मटन, फल, सब्जियाँ – प्रोटीन, विटामिन और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।
हराम भोजन – शराब, सूअर का मांस, मरे हुए जानवर – शरीर को हानि पहुँचाते हैं और बीमारियों का कारण बनते हैं।


🔹 व्यक्तिगत स्वच्छता और वुज़ू (Wudu)

इस्लाम में स्वच्छता को “आधा ईमान” कहा गया है।

कुरान (5:6):
“नमाज़ से पहले अपने चेहरे, हाथ, सिर और पैरों को धोओ…”

यह केवल इबादत की तैयारी नहीं, बल्कि नियमित स्वच्छता अभ्यास भी है जो बीमारियों से बचाता है।


🔹 मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन

हदीस (अबू दाऊद 4759):
“जो व्यक्ति गुस्से में होते हुए भी उसे दबा लेता है, अल्लाह उसे क़यामत के दिन सम्मान के साथ बुलाएगा।”

यह हदीस गुस्से पर नियंत्रण और मन की शांति की अहमियत को दर्शाती है, जो मानसिक स्वास्थ्य का मूल आधार है।


🔹 मातृत्व, पोषण और बचपन की देखभाल

कुरान (2:233) कहता है:
“माताएँ दो वर्ष तक बच्चों को दूध पिलाएँ…”

यह आयत शिशु पोषण और मातृ स्वास्थ्य को लेकर इस्लाम के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को दिखाती है।


🔹 स्वास्थ्य सेवा और डॉक्टरों की भूमिका

कुरान (5:32) में अल्लाह कहता है:
“यदि कोई एक जान बचाता है, तो ऐसा है जैसे उसने पूरी मानवता को बचाया।”

इस आयत से यह सिद्ध होता है कि चिकित्सा पेशा एक नेक इबादत है।


🧠 तंदुरुस्ती के लिए इस्लामी सिद्धांत:

✅ संतुलित आहार
✅ नियमित व्यायाम और परिश्रम
✅ स्वच्छता
✅ मानसिक संतुलन
✅ दवाओं का प्रयोग (जायज़ और हलाल उपचार)
✅ नींद, आराम और आध्यात्मिक ध्यान


📌 निष्कर्ष:

इस्लाम एक होलीस्टिक लाइफस्टाइल सिखाता है, जिसमें आत्मिक, मानसिक और शारीरिक सभी पहलुओं का संतुलन आवश्यक है।

आज के दौर में जब तनाव, अस्वास्थ्यकर जीवनशैली और फास्ट फूड का बोलबाला है, इस्लाम का स्वास्थ्य संबंधी दृष्टिकोण एक टाइमलेस गाइडेंस प्रदान करता है।

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