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मुजफ्फरनगर थप्पड़ कांड: मुस्लिम बच्चे को हिंदू बच्चों से पिटवाने वाली शिक्षिका तृप्ता त्यागी क्यों नहीं हैं शर्मिंदा ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

मुजफ्फरनगर स्कूल की शिक्षिका तृप्ता त्यागी, जिन पर सांप्रदायिक टिप्पणी करने और होमवर्क न करने पर एक मुस्लिम छात्र को हिंदू सहपाठियांे को थप्पड़ मारने का आदेश देने का आरोप है, इस संबंध में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. मगर एक समाचार चैनल की मानें तो वह अपने कृत्य पर शर्मिंदा नहीं हैं.

एनडीटीवी से बात करते हुए त्यागी ने कहा कि उन्होंने एक शिक्षक के रूप में सभी समुदाय के लोगों की सेवा की है और स्कूल में बच्चों को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है.उन्होंने कहा, अनेक कानून हैं, लेकिन हमें स्कूलों में बच्चों को नियंत्रित करने की जरूरत है. इस तरह हम उनसे निपटते हैं.

त्यागी ने पहले वायरल वीडियो पर विवाद को मामूली मुद्दा बताकर खारिज कर दिया. कहा यह मेरा इरादा नहीं था. मैं अपनी गलती स्वीकार कर रही हूं, लेकिन इसे अनावश्यक रूप से बड़ा मुद्दा बना दिया गया.

हिंदू मुस्लिम मामला नहीं: लड़के के पिता

उधर छात्र के पिता ने शनिवार को कहा कि मामला सांप्रदायिक प्रकृति का नहीं है. वह चाहते हैं कि कानून अपना काम करे.मेरा बेटा सात साल का है. यह घटना 24 अगस्त की है. शिक्षक ने छात्रों से मेरे बच्चे को बार-बार पिटवाया. मेरे भतीजे ने वीडियो बनाया. वह किसी काम से स्कूल गया था.मेरे सात साल के बच्चे को एक-दो घंटे तक प्रताड़ित किया गया. वह डरे हुए ह.यह कोई हिंदू-मुस्लिम मामला नहीं है. हम चाहते हैं कि कानून अपना काम करे.

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राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

वीडियो पर बाल अधिकार निकाय राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के साथ कई राजनीतिक नेताओं ने कड़े शब्द कहे और आरोपी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख नरेश टिकैत, उत्तर प्रदेश इमाम संगठन के प्रमुख मुफ्ती जुल्फिकार अली, यूपी जमीयत-ए-उलेमा हिंद के उपाध्यक्ष मौलाना नजर मुहम्मद और कांग्रेस तथ्य-खोज समिति सहित विभिन्न राजनीतिक और गैर-राजनीतिक संगठनों के राजनीतिक नेता जिला इकाई के अध्यक्ष सुबोध शर्मा के नेतृत्व में शनिवार को खुब्बापुर में लड़के के परिवार से मुलाकात की.

केंद्रीय मंत्री संजीव कुमार बालियान, जो लोकसभा में मुजफ्फरनगर का प्रतिनिधित्व करते हैं, ने गांव का दौरा किया. बालक के परिवार से बात की. उसकी मुलाकात आरोपी स्कूल टीचर से भी हुई.

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद हरेंद्र मलिक ने लड़के के गांव के दौरे के दौरान भाईचारा बनाए रखने की अपील की. उन्होंने लड़के को अपने एक सहपाठी के साथ बिठाया जिसने उसे थप्पड़ मारा था. दोनों को टॉफी दी.

मुजफ्फरनगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) शुभम शुक्ला ने कहा कि प्रबंधन समिति के सचिव रविंदर त्यागी के माध्यम से स्कूल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस दिया गया है.28 अगस्त तक जवाब देने को कहा गया है कि क्यों न स्कूल की सरकारी मान्यता रद्द कर दी जाए.

बीएसए ने कहा कि जिस स्कूल में घटना हुई, उसके अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा. एक टीम वहां भेजी गई है.उधर, यह मामला भाजपा और विपक्षी दलों के बीच टकराव में बदल गया है. इनमें से कई ने आरोप लगाया कि यह सत्तारूढ़ दल की नफरत की राजनीति का परिणाम है जिसने ऐसी घटना होने के लिए जमीन तैयार की.

एनसीपीसीआर ने शनिवार को कहा कि उसने मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए जिला प्रशासन और उत्तर प्रदेश पुलिस को लिखा है.कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक्स पर एक पोस्ट में घटना की निंदा करते हुए कहा कि एक शिक्षक देश के लिए इससे बुरा कुछ नहीं कर सकता. उन्होंने भाजपा पर लोगों के दिमाग में जहर भरने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा,मासूम बच्चों के मन में भेदभाव का जहर बोना, स्कूल जैसे पवित्र स्थान को नफरत के बाजार में बदलना, एक शिक्षक देश के लिए इससे बुरा कुछ नहीं कर सकता.यह भाजपा द्वारा फैलाया गया वही केरोसिन है जिसने भारत के हर कोने में आग लगा दी है. बच्चे भारत का भविष्य हैं. हम सभी को उन्हें प्यार सिखाना है, नफरत नहीं.

कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने विभाजनकारी सोच के लिए भाजपा की आलोचना की. कहा, ऐसी घटनाएं हमारी वैश्विक छवि को खराब करती हैं.टीएमसी नेता डेरेक ओश्ब्रायन ने पूछा कि शिक्षक पर कमजोर धाराओं के तहत मामला क्यों दर्ज किया गया.उन्होंने ने कहा पब्लिक स्कूल के शिक्षक पर शरारत का आरोप लगाया है. क्या हो रहा है? उन्होंने एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में लोगांे से यह सवाल किया है.

समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया कि यह भाजपा और आरएसएस की नफरत की राजनीति थी जिसने देश को ऐसे मोड़ पर ला खड़ा कर दिया है जहां एक शिक्षक अपने छात्रों से अल्पसंख्यक समुदाय के एक लड़के को उसके धर्म को लेकर थप्पड़ मारने के लिए कहता है.

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी शिक्षिका को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की और उसे शिक्षक समाज पर धब्बा बताया.

बीजेपी प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव ने एक्स पर अखिलेश यादव की पोस्ट को राजनीतिक एजेंडा बताया. उन्हांेने लिखा, मुजफ्फरनगर स्कूल घटना को लेकर अखिलेश यादव द्वारा किया गया ट्वीट सतही राजनीति और समाज में वैमनस्यता पैदा करने का घृणित राजनीतिक एजेंडा है.

उन्होंने कहा, छात्र जीवन में हम सभी को टेबल याद न होने, गणित के प्रश्न सही न करने या अच्छी लिखावट न होने पर स्कूल में शिक्षक द्वारा दंडित किया गया है. यह छात्रों में अनुशासन और प्रतिभा को बेहतर बनाने की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है.

राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख जयंत चैधरी ने पीड़िता के पिता से बात की. उन्हें न्याय का आश्वासन दिया.भाजपा के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यह घटना शर्मनाक है.ज्ञान के मंदिर में एक बच्चे के प्रति नफरत की भावना ने पूरे देश का सिर शर्म से झुका दिया है. शिक्षक माली होता है जो प्राथमिक संस्कारों में ज्ञान रूपी खाद डालकर न केवल व्यक्तित्व बल्कि राष्ट्र का भी निर्माण करता है.तो एक शिक्षक से गंदी राजनीति से परे उम्मीदें बहुत अधिक हैं. यह देश के भविष्य का सवाल है.

प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और अन्य को लिखे पत्र में शिक्षक के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई का आह्वान किया. लिखा-मैं आपसे उपरोक्त घटना को संबोधित करने और बाल अधिकार, मानवाधिकार, शैक्षिक अधिकार और पूर्वाग्रह निवारण अधिनियम के तहत अपराधी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करने का आग्रह करता हूं. जमीयत प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने अपने पत्र में कहा, इसके अलावा, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप संबंधित जिला प्रशासन को इस गंभीर मामले को कम करने का प्रयास करने से रोकने के लिए तुरंत निर्देश देंगे.

उन्होंने कहा कि इस तरह की निंदनीय हरकतें न केवल शिक्षा के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन है, बल्कि पूर्वाग्रह और नफरत को भी बढ़ावा देती हैं.एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर कहा, “भारतीय मुसलमानों को उसी उत्पीड़न और भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है जैसा कि 1930 के दशक में यहूदियों को झेलना पड़ा था. क्या यह क्रिस्टालनाचट को जन्म देगा? उम्मीद ना करो.

उन्होंने लड़के के पिता से बात की. कहा कि परिवार ने दो दिनों से खाना नहीं खाया है.ओवैसी ने यह भी कहा कि वीडियो पिछले 9 वर्षों का उत्पाद है.छोटे बच्चों के दिमाग में यह संदेश डाला जा रहा है कि कोई भी किसी मुस्लिम को बिना किसी नतीजे के पीट सकता है और अपमानित कर सकता है.

उन्होंने कहा, बच्चे के पिता ने अपने बच्चे को स्कूल से निकाल लिया है और लिखित में दिया है कि वह इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहते, क्योंकि उन्हें पता है कि उन्हें न्याय नहीं मिलेगा. इससे माहौल खराब हो सकता है.सर्कल ऑफिसर रविशंकर ने शुक्रवार को कहा कि प्रथम दृष्टया यह सामने आया है कि स्कूल का काम पूरा नहीं करने पर छात्र की पिटाई की गई और इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं.

एक पत्र में, एनसीपीसीआर ने मुजफ्फरनगर के जिला मजिस्ट्रेट से उक्त स्कूल के बारे में प्रासंगिक विवरण प्रदान करने को कहा जहां घटना हुई है.एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने भी एक्स पर लोगों से उस वीडियो को साझा करके पीड़ित लड़के की पहचान उजागर न करने का आग्रह किया, जिसमें उसे अपने सहपाठियों द्वारा थप्पड़ मारते हुए दिखाया गया है.

(पीटीआई एवं एनडीटीवी इंपुट के साथ)