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बिधूड़ी प्रकरण: दानिश अली ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को दिया करारा जवाब, कहा -कुतर्कों से काम नहीं चलेगा, जो हुआ वो कलंक है

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

संसद में बीजेपी सांसद बिधूड़ी ने जो गाली-गलौज किया, उससे न केवल सत्तारूढ़ पार्टी दी की छवि खराब हुई है, यह देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर भी कलंक के समान है, जिसकी निरंतर आलोचना हो रही है. ऐेसे में जहां भाजपा लीपा-पोती में लगी है, वहीं विपक्षी भी इसके घेरने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं.

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद कुंवर दानिश अली ने उन पर आरोप लगाए जाने को लेकर एक बार फिर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के दावों का कोई आधार नहीं है ,जो हुआ , वह एक कलंक है . घटनाओं को काल्पनिक बनाने से इस बार काम नहीं चलेगा.

अली ने एक ट्वीट में कहा, “जैसा कि ‘रेस इस्पा लोकिटूर’ का सिद्धांत कहता है, चीज अपने लिए बोलती है”, निशिकांत दुबे के दावों का कोई आधार नहीं है.”

उत्तर प्रदेश के अमरोहा से बसपा के लोकसभा सांसद ने कहा, “जो कुछ हुआ, वह एक कलंक है और बिल्कुल निर्विवाद है. घटनाओं को काल्पनिक बनाना और तथ्यों के साथ खिलवाड़ करना इस बार काम नहीं करेगा.”

उनकी यह टिप्पणी भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के चौंकाने वाले खुलासे के बाद आई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि अली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी “अत्यधिक आपत्तिजनक” टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि बसपा ने पीएम मोदी को “नीच” कहा था, जिससे बिधूड़ी भड़क गए और वह बसपा सांसद के जाल में फंस गए.

लोकससभा अध्‍यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में दुबे ने अली पर गुरुवार (21 सितंबर) को लोकसभा में बिधूड़ी के संबोधन के दौरान रनिंग कमेंट्री करने के साथ-साथ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया, जिस कारण उन्‍होंने आपा खो दिया था.

उन्होंने आगे कहा कि ‘विशेषाधिकार हनन’ का मुद्दा, जिसके बारे में अली और अन्य सांसद मुखर रहे हैं, को अलग से लागू नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसके परिणामस्वरूप एक महत्वपूर्ण और अपरिवर्तनीय “न्याय का गर्भपात” होगा.

दुबे ने अपने पत्र में कहा कि तृणमूल कांग्रेस और डीएमके सदस्यों ने दूसरे समुदाय की आस्था को लेकर टिप्पणियां कीं.दुबे के अलावा, भाजपा सांसद रवि किशन और अन्य ने भी अली के खिलाफ बिरला को पत्र लिखा था.

शुक्रवार को अली ने बिरला को पत्र लिखकर अपना मामला विशेषाधिकार समिति को सौंपने के लिए कहा और उनसे मामले की जांच का आदेश देने का भी आग्रह किया. यहां तक कि भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को लोकसभा में बसपा सांसद के खिलाफ असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए पार्टी सांसद बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी किया.

बिधूड़ी की टिप्पणी से आक्रोश फैल गया और विपक्षी नेताओं ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश और कई अन्य विपक्षी पार्टी के सांसदों ने बिधूड़ी को संसद से निलंबित करने की मांग करते हुए कहा कि उनके द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा का इस्तेमाल “संसद के अंदर या बाहर नहीं किया जाना चाहिए”.

यहां तक कि स्पीकर बिरला ने सदन में बिधूड़ी द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों को “गंभीरता से नोट” किया और भविष्य में ऐसा व्यवहार दोहराया जाने पर उन्हें “कड़ी कार्रवाई” की चेतावनी दी.अब कोई दुबे से पूछे कि यदि दानिश अली ने पीएम मोदी के खिलाफ अपशब्द कहते थे तो लोकसभा स्पीकर ने उन्हें नोटिस क्यों नहीं दिया ?