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रमजान 2022: अजान अब बुर्ज खलीफा का खास हिस्सा, ग्रैंड मस्जिद में बांटे गए 20 हजार टन खजूर

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, दुबई

नमाज का आह्वान यानी अजान, जो नमाज से पहले अनिवार्य है और इसके जरिए लोगों को नमाज के लिए मस्जिद में बुलाया जाता है, अब दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा से प्रसारित किया जा रहा है.रमजान के पवित्र महीने के लिए एक विशेष शो के रूप में, बुर्ज खलीफा हर दिन एक विशेष अजान शो के साथ माहौल बदल रहा है.

दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा के हालिया एपिसोड में शो थोड़ा फोकस्ड लग रहा था, क्योंकि मगरिब (शाम) और ईशा (रात) की नमाज के दौरान नमाज अदा की जाती है. बुर्ज खलीफा के आधिकारिक अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक ट्वीट के अनुसार, नमाज का आह्वान कई अलग-अलग इमामों द्वारा किया जाएगा. यह सिलसिला पूरे महीने चलेगा. जिससे वातावरण सुखद और शांत हो रहा है.

नमाज के आह्वान का एक हिस्सा – ‘हया अली सलात‘ (प्रार्थना के लिए आओ) – एक रंगीन पैटर्न के रूप में फेड पर प्रदर्शित होता है जो इमारत को रोशन करता है.2 अप्रैल से सउदी देशो में पवित्र माह रमजान की शुरुआत के साथ ही पूरे देश में आध्यात्मिक जुड़ाव का अनुभव हो रहा है.
कोविड महामारी फैलने के बाद से तीन साल में यह सबसे ‘सामान्य‘ रमजान है.मस्जिदों सामाजिक दूरी के साथ नमाज अदा की जा रही और जरूरतमंदों को खाना खिलाने के लिए इफ्तार तंबू लौट आए हैं.

मस्जिद-उल-हराम में इफ्तार पर बांटे गए 20 टन खजूर

उधर, सऊदी अरब की दो पवित्र मस्जिदों के प्रशासन ने रमजान के पहले दिन मस्जिद अल-हराम में 20 टन खजूर बांटे.
सूत्रों के मुताबिक, प्रशासन की सहायक कंपनी इफ्तार के प्रभारी इब्राहिम अल-हाजिली ने कहा कि इस साल मस्जिद अल-हरम के अंदर और बाहर इफ्तार रूमाल के लिए 2,000 से अधिक परमिट जारी किए गए हैं.

इब्राहिम अल-हाजिली ने कहा कि मस्जिद-उल-हरम के तीर्थयात्रियों के बीच बिना किसी देरी के बीस टन खजूर का वितरण किया गया है. प्रशासन ने कच्चे खजूर इफ्तार दस्तीर खान को देने पर रोक लगा दी है. मस्जिद-उल-हरम में साफ-सफाई बनाए रखने के लिए यह प्रतिबंध लगाया गया है.

कोरोना महामारी के चलते मस्जिद-उल-हरम और मस्जिद-ए-नबावी में इफ्तार दस्तीर खान पर 2 साल का प्रतिबंध लगा था, जिसे इस साल हटा लिया गया है.मस्जिद-उल-हरम के प्रशासन ने इफ्तार दस्तीर खान को लेकर कई नियम जारी किए हैं.इनके तहत इफ्तार के लिए इफ्तार के रूमाल पर तारीखें लगाई जाएंगी, लेकिन उन्हें एक्सपोज करना जरूरी होगा.