Culture

2020 United States presidential election ‘इंशाअल्लाह’ कहने पर जो बिडेन की हो रही तारीफ

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव केलिए 3 नवंबर को होने वाले मतदान से पहले अरबी शब्द ‘इंशाअल्लाह’ कहने पर सियासा घमासान छिड़  गया। ‘प्रेज़डेन्शल’ पद के लिए होने वाली तीन बहसों की श्रृंखला के पहले चरण में एक सवाल के जवाब में जो बिडेन के ‘इंशाअल्लाह’ कहने पर, मुसलमान उनकी खूब प्रशंसा कर रहे हैं, वहीं विरोधी इसे हास्य पद बता रहे।

 बहस अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Trump) एवं डेमोक्रेटिक के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन (Joe Biden) के बीच ओहिया के क्लीवलैंड स्थित वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के हेल्थ एजुकेशन कैंपस में हो रही थी। 90 मिनट की इस बहस के दौरान ‘न्यूयॉक टाइम्स’ (NEW YORK TIMES)में छपी एक रिपोर्ट के हवाले से जब बिडेन से पूछा गया-‘‘ 2016-2017 में उन्होंने संघीय आयकर के तौर पर कितना भुगतान किया ? क्या रिटर्न के तौर पर वह प्रत्येक वर्ष मात्र 750 डॉलर भुगतान करते हैं ? इसपर बिडेन ने कहा कि वह मिलियन डॉलर कर भुगतान कर रहे हैं।
 ‘फॉक्स न्यूज’ (Fox News) के अनुसार, इसपर जब बिडेन से सबूत मांगा गया तो जवाब में उन्होंने ‘इंशाअल्लाह’ कहा। तब से अमेरिकी सियासत गरमाई हुई है। राजनेता इस अरबी शब्द के अर्थ खंगालने में लगे हैं। इस्लाम के मानने वाले अक्सर अपनी बातचीत में ‘इंशाअल्लाह’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं। बिडेन विरोधियों का कहना है कि जब किसी मुसलमान को कोई काम दिया जाता है। उसे पूरा करने में आत्मविश्वास की कमी होती है तो वह ‘इंशाअल्लाह’ कहता है। विरोधी इसे हास्य पूर्ण बता रहे हैं। जब कि मुस्लिम वर्ग बिडेन की तारीफ करते नहीं थक रहा। उनकी दलील है कि कोई भी काम अल्लाह की मरजी के बगैर संभव नहीं। बिडेन का ‘इंशाअल्लाह’ कहना उसका सबूत है। पत्रकार हामिद अल-अजीज ने ‘प्रेज़डेन्शल’ चुनाव में ‘इंशाअल्लाह’ कहने को एतिहासिक बताया। बहस के पहले चरण में अमेरिका की कर प्रणाली को लेकर भी जो बिडेन एवं ट्रंप में गरमागर्म बहस हुई।

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