दुबई में 16 वर्षीय अब्दुल्ला के briskets के चर्चे
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो, दुबई
16 year old Abdullah’s briskets are the talk of the town in Dubai.दुबई के मनोरम नजारे के बीच 16 वर्षीय छात्र अब्दुल्ला अल जनाही ने अपने खास और लजीज खाने से अलग ही पहचान बना ली है.इसी खासियत की वजह से अब्दुल्ला को अमीरात का सबसे छोटा उद्यमी बताया जा रहा है. इसके ताम व्यंजन टेक्सास शैली के हैं.
अब्दुल्ला अल जनाही ( Abdulla AlJanahi) दुबई में अपने खानों की वजह से बहुत जल्दी मशहूर हो गए. उन्हांेने बहुत जल्द वह मुकाम हासिल कर लिया, जिसके लिए एक शैफ को वर्षों लग जाते हैं. स्थिति यह है कि अब्दुल्ला अल जनाही के बारबेक्यू ( BBQ ) का लुत्फ लेने के लिए लोग दूर-दूर से कारों पर सवार होकर आने लगे हैं. अब्दुल्ला कहते हैं, ग्रहकांे की बढ़ती संख्या की वजह अब उन्हें कारोबार और पढ़ाई में सामंजस्य बैठाने में दिक्कत आ रही है. हालांकि अभी इनकी उम्र ऐसी है कि अधिकतर छात्र केवल पाठ्यपुस्तकों और परीक्षाओं में ही घुसे रहते हैं. अब्दुल्ला की इच्छा है कि वो अपने नवाचार और उद्यमशीलता से देश के एक सफल व्यवसाय बनें. वह सफलता का श्रेय अपने पिता को देते है. कहते हैं, उनकी वजह से आज यहां तक पहुंचा हूं,
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दिलचस्प है खाना पकाने का सफर
अब्दुल्ला अल जनाही के खाना पकाने की यात्रा बेहद दिलचस्प है. उनकी उम्र जब 11 साल थी, तभी से इसमें दिलचस्पी लेना शुरू कर दिया था. आम तौर से इस उम्र के बच्चे पांच वीं-छठी क्लास में होते हैं और राजा-रानकी की कहानियां पढ़ने में समय बिताते दिखे जाते हैं. मगर अब्दुल्ला अल जनाही तो कुछ और ही करना चाहते थे. शुरुआत में उनका रोबोटिक्स के प्रति उत्साह रहा. प्रतियोगिताओं में भाग लेते थे. अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करते थे. वीआईएक्स आईक्यू प्रतियोगिता में दूसरा स्थान भी प्राप्त किया है. लेकिन किस्मत ने उसके लिए कुछ और सोच रखा था.
कोविड-19 महामारी ने जब तमाम जन-जीवन उलट-पलट दिया, इस बीच अब्दुल्ला के मन में बचपन से पहल रही ख्वाहिश बाहर आ गई. वह अपने भीतर की कला को बाहर निकालने के लिए बेचैन हो उठे. अब्दुल्ला कहते हैं, कोविड-19 ने कई चीजें बदल दीं. रोबोटिक्स के साथ बने रहना कठिन हो गया, इसलिए खाना पकाने की कला से जुड़ गया.
briskets को 14 घंटे से अधिक समय तक पकाने की आवश्यकता
पिछले दिसंबर जब वह 15 साल के थे, घर में बने बारबेक्यू ब्रिस्केट ( briskets) बेचने से खाने का कारोबार शुरू किया. briskets को 14 घंटे से अधिक समय तक पकाने की आवश्यकता होती है. इसके लिए गोश्त को पकाना किसी चुनौतीपूर्ण कार्य से कम नहीं. लेकिन अब्दुल्ला के साहस और समर्पण से अब उन्हें यह काम आसान लगने लगा है.
जिसकी वजह से रसदार, कोमल और उच्च गुणवत्ता वाले लोकप्रिय टेक्सास बारबेक्यू का मचा उठाने के लिए उनके रेस्तरां तक ग्राहक खींचे चले आते हैं. वह बडे़ आत्मविश्वास से मीडिया को बताते हैं, ’’अपने व्यंजन से वह तमाम बड़े रेस्तरां को पछाड़ना चाहते हैं. मुझे यकीन है कि मैंने वह हासिल कर लूंगा.’’
ऐसे बनता है briskets
ब्रिस्केट पकाने के लिए अब्दुल्ला को एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. इसकी शुरुआत कार्यदिवसों के दौरान होती है, जब वह सॉस और कुछ बुनियादी चीजें तैयार करते हैं. जब सब कुछ तैयार हो जाता है, वह खाने पकाने की प्रक्रिया शुरू करते हैं.
शुक्रवार से वह बारबेक्यू ब्रिस्केट पकाने के लिए गोश्त को 14 घंटे से अधिक समय तक धीमी आंच पर रखते हैं. आम तौर पर, प्रक्रिया शनिवार तक पूरी होती है. कभी-कभी, वह अपने briskets की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए अगले दिन तक इसे पकाना जारी रखते हैं. कई बार उन्हें अपने रेस्तरां में ही रुकना पड़ जाता है. वह कहते हैं, मुझे यह सुनिश्चित करना होता है कि इसकी गुणवत्ता सही है या नहीं.”
अब्दुल्ला अल जनाही ने किया कारोबार का विस्तार
अब्दुल्ला ने हाल ही में अल क्वोज स्थित स्थानीय प्रतिष्ठान, बहरीन कबाब के साथ नई साझेदारी शुरू की है. इसकी वजह से इस युवा अमीराती उद्यमी को हर शनिवार और रविवार को दोपहर 3 बजे से रात 11 बजे तक वहां पाया जा सकता है.
बहरीन कबाब के प्रबंधक ओथमान उमर अब्दुल्ला से बेहद प्रभावित हैं. उन्होंने कहा, अब्दुल्ला के उत्पाद बाजार के लिए अद्वितीय हैं. हम अक्सर ऐसी गुणवत्ता वाले बारबेक्यू briskets नहीं देखते. उन्होंने हमारे प्रतिष्ठान में नए ग्राहकों को आकर्षित किया, जिनमें से ज्यादातर लोग दोबारा इसका स्वाद लेने अवश्य आते हैं.
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Photos courtesy of Khaleej Times