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क्या दाऊद इब्राहिम को जहर दिया गया है ? Has Dawood Ibrahim been poisoned

मुस्लिम नाउ विशेष

दाऊद इब्राहिम भारत के लोगों के लिए हमेशा से रहस्यमय शख्सियत रही है. यदि मुंबई बम ब्लास्ट कांड में नाम नहीं तो शायद आज वह दूसरे गैंस्टरों की तरह किसी सियासी दल का हिस्सा होते. चूंकि वह मुंबई बम धमाका कांड के आरोपी हैं, इसलिए वर्षों से वह भूमिगत हैं और उनकी ‘डी’ कंपनी ‘शैतान की आंत’ की तरह निरंतर फैलती जा रही है.कहते हैं कि उनके आगे-पीछे सरक्षा घेरा इतना तगड़ा होता है कि आज तक न तो उन का कोई बाल बांका कर चुका है और न ही मुंबई ब्लास्ट के बाद की उनकी कोई तस्वीर ही सामने आई है.

भारत की सुरक्षा एजेंसियां हमेशा पड़ोसी देश पर उन्हें शरण देने का आरोप लगाती हैं और उनके माफिया गैंग के विस्तार में उस मुल्क का सहयोग होना बताती हैं. मगर हीकत यह है कि यह बहुत दावे के साथ नहीं कहा जाता सकता कि वह दुबई में हैं पाकिस्तान में या कहीं और ?

अब यह चैंकाने वाली खबर आई है कि दाऊद इब्राहिम को किसी ने जहर दे दिया है और उन्हें पड़ोसी देश पाकिस्तान के एक बड़े अस्पताल में कड़ी सुरक्षा घेरा में भर्ती कराया गया है. इसके साथ ही यह भी दावा किया जा रहा है कि दाऊद इब्राहिम कराची में अब्दुल्ला गाजी बाबा दरगाह के पीछे स्थित रहीम फाकी के पास रक्षा क्षेत्र में रहते हंै.

सोशल मीडिया से जहर देने की चर्चा आई सामने

यह भी दावा किया गया है, अलीशाह पारकर के हवाले यह भी दावा किया गया है कि उनकी मुलाकात जुलाई 2022 में दुबई में दाऊद इब्राहिम की पत्नी मैजाबिन से हुई थी.’’ यानी दाऊद इब्राहिम दुबई में रहते हैं या पाकिस्तान के कराची मंे बहुत दावे से कुछ नहीं कहा जा सकता. बावजूद इसके चर्चा है कि उन्हंे कराची में जहर दे दिया गया.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के बारे में अफवाहें हैं कि उन्हें कथित तौर पर गंभीर चिकित्सा स्थिति के बाद पाकिस्तान के कराची में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अपुष्ट रिपोर्टों में इसका कारण जहर बताया जा रहा है. 65 वर्षीय भगोड़ा दुनिया भर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बचते हुए कई वर्षों से कराची में रह रहा है.’’

मीडिया रिपोर्ट में आगे कहा गया है,भारत के सर्वाधिक वांछित अपराधियों में से एक, दाऊद इब्राहिम, संगठित अपराध, आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी सहित विभिन्न आपराधिक गतिविधियों से जुड़ा हुआ है. वह 1993 के मुंबई बम विस्फोटों का मास्टरमाइंड है, जिसमें 250 से अधिक लोगों की जान चली गई और हजारों लोग घायल हो गए.’’

अस्पताल में भर्ती होने को लेकर रहस्य

इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है,दाऊद इब्राहिम के अस्पताल में भर्ती होने से जुड़ी परिस्थितियां रहस्य में डूबी हुई हैं. पाकिस्तानी और भारतीय दोनों अधिकारियों ने आधिकारिक तौर पर इस खबर की पुष्टि नहीं की है. अटकलें हैं कि उनकी अचानक तबीयत बिगड़ने का कारण जहर हो सकता है, जिससे रहस्य की एक और परत जुड़ गई है.

दाऊद इब्राहिम दशकों से भगोड़े हंै. उनके ठिकाने की सावधानीपूर्वक सुरक्षा की जाती है. अंडरवर्ल्ड डॉन को कथित तौर पर कराची में आश्रय मिला है, जहां वह विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में अंतरराष्ट्रीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बचने में कामयाब रहे हंै.

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दाऊद इब्राहिम को छड़ी की जरूरत

मुंबई बम कांड के बाद भले ही किसी ने उन्हें देखा हो या उनकी कोई ताजी तस्वीर सार्वजनिक हुई, पर इसे लेकर दावे बड़े-बड़े किए जाते हैं. खासकर मीडिया में उनसे संबंधित बातें बढ़ा चढ़ाकर पेश की जाती हैं. बाद में खुद ही अपनी बातों का खंडन कर देते हैं. उनमें से एक द फ्रीस प्रेस जर्नल भी है.

द फ्री प्रेस जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक समय मुंबई के अंडरवर्ल्ड के सरगना दाऊद इब्राहिम को अब महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. गैंग्रीन की शुरुआत के कारण कराची के एक अस्पताल में उनके पैर की दो उंगलियां काट दी गईं. बाद में रिपोर्ट में बताया गया कि इस स्थिति से उनके करीबी सहयोगी छोटा शकील ने दो साल पहले सख्ती से इनकार किया है.

दाऊद इब्राहिम जैसे कुछ नाम भारतीयों के लिए हमेशा से कौतुहल का विषय रहे हैं. उनमें से एक दाऊद इब्राहिम हैं. मुंबई की झुग्गी बस्ती से निकलकर उन्होंने देश का सबसे बड़ा और खूंखार माफिया अपनी डी कंपनी बनाई. आज भी वह आजाद हैं.

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कौन है जो भारत के दुश्मनों को धीरे-धीरे निपटा रहा है ?

दाऊद इब्राहिम उस कड़ी का हिस्सा बनते दिख रहे हैं, जिसमें भारत के वांछित एक के बाद एक मारे जा रहे है. जब भी ऐसी कोई घटना घटती है अनायास भी उंगली भारत की ओर उठ जाती है. हालांकि इस मामले में भारत ने ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है. दाऊद को जहर देने से पहले इसी तरह पाकिस्तान के जेल में एक अन्य वांछित को जहर दिया गया है, जिसकी अस्पताल में मौत हो गई थी. इससे पहले पाकिस्तान में ही एक मस्जिद में नमाज पढ़ने के दौरान भारत का वांछित आतंकवादी एक अज्ञात व्यक्ति के हाथों मारा गया था. पाकिस्तान में इस तरह कम से कम चार लोग मारे गए हैं.

इसी तरह कनाडा में एक खालिस्तानी गुरूद्वारे में अज्ञात बंदूकधारी के हाथों मारा गया. जब कि ऐसी ही एक अन्य कोशिश अमेरिका में होने वाली थी. जिसको लेकर कनाडा और अमेरिका भारत से सवाल-जवाब करता रह है. कहते हैं बीजेपी मंत्री वीके सिंह जब सेना में जनरल के पद पर थे तो उन्होंने एक ऐसा टास्क फोर्स बनाया था जो भारत के वांछित को ठिकाने लगाता था. मिस्टर बख्शी इसके इंचार्ज थे. क्या ऐसा ही कोई ग्रुप तो काम नहीं कर रहा है ? बहरहाल, यह तो समय ही बताएगा.

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