अयोध्या मस्जिद निर्माण का पता नहीं, अफवाह मक्का के इमाम के शिलान्यास की
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, अयोध्या
अयोध्या में रामजन्म भूमि से करीब 22 किलोमीटर दूर धननीपुर गांव में पांच एकड़ में प्रस्तावित मस्जिद के निर्माण का अभी कोई अता पता नहीं. इसके बावजूद बीजेपी का एक खेमा यह प्रचारित करने मंे लगा है कि जल्द ही इस मस्जिद का शिलान्यास होगा और यह काम करेंगे पवित्र मक्का के इमाम. जबकि जमीनी हकीकत यह है कि अगले छह महीने तक मस्जिद निर्माण की शुरूआत की कोई संभावना नहीं है. यहां कि इसके निर्माण लायक खजाने में पैसे तक एकत्रित नहीं हुए हैं.
दो दिन पहले बीजेपी के एक नेता ने मुंबई में शोशा छोड़ा था कि धन्नीपुर में जल्द ही मस्जिद निर्माण का कार्य शुरू होगा. इसका शिलान्यास करने मक्का की पवित्र मस्जिद के इमाम आएंगे. एक प्रस्ताव पासकर उन्हें इसके लिए आमंत्रित किया गया है.
दरअसल, यह अफवाह सोचीं-समझी रणनीति के तहत उड़ाई गई है. क्योंकि आयोध्या में रामजन्म भूमि पर 22 जनवरी 2024 को भगवान राम की भव्य तरीके से मूर्ति स्थापित की जानी है. इसके लिए देश की तमाम हिंदू शख्सियतों को आमंत्रित किया गया है. साथ ही करीब डेढ़ सौ देशों से भी हिंदू मतावलंबियों को आने का न्योता भेजा गया है. इस बीच जहां राममंदिर का निर्माण हुआ है, उस जगह को आज भी देश के मुसलमानों का एक वर्ग बाबरी मस्जिद की जगह मानता है. इस मस्जिद को कारसेवकों ने ढहा दिया था. इसपर पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
दूसरी ओर मक्का के इमाम के भारत आने की अफवाह के बीच मस्जिद ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने कहा, ‘‘ फिलहाल मस्जिद का निर्माण शुरू करने की न तो कोई योजना है और न ही तैयारी. निर्माण शुरू होने में कम से कम छह महीने और लग सकते हैं. उम्मीद है कि हम मई से काम शुरू कर सकेंगे.’’
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उन्होंने आगे कहा, ‘‘ इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन की ओर से मस्जिद का निर्माण कार्य मई 2024 से शुरू किया जा सकता है. मस्जिद निर्माण के लिए फंड इकट्ठा करने की कोशिशें जारी हैं. इसके लिए फरवरी से अलग-अलग राज्यों में प्रभारी नियुक्त किए जाएंगे. ट्रस्ट का कहना है कि मस्जिद के निर्माण में देरी डिजाइन में बदलाव के कारण हो रही है.’’
मस्जिद का क्षेत्रफल करीब 40 हजार वर्ग फीट होगा. 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सोहावल के धन्नीपुर में पांच एकड़ जमीन मुस्लिम पक्ष को मस्जिद निर्माण के लिए दी गई है. उधर, राम मंदिर का निर्माण 70 फीसदी पूरा हो चुका है.मस्जिद की नींव अभी नहीं रखी गई है. मस्जिद ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने कहा कि फिलहाल मस्जिद का निर्माण शुरू करने की न तो कोई योजना है और न ही तैयारी. निर्माण शुरू होने में कम से कम छह महीने और लग सकते हैं.’’
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गौरतलब है कि हाल ही में देश की सभी मस्जिदों के संगठन ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ मस्जिद्स (एआईआरएम) ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले के धन्नीपुर में प्रस्तावित मस्जिद का नाम इस्लाम के पैगंबर के नाम पर मुहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद रखने का फैसला किया है. .
उन्होंने कहा, ‘‘ उम्मीद है कि हम मई से काम शुरू कर सकेंगे. मस्जिद का नया डिजाइन फरवरी तक तैयार हो जाएगा. फिर मानचित्र को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. फरवरी में साइट ऑफिस अवश्य स्थापित हो जाएगा.यानी पिछले दो वर्षों में मस्जिद का नकसा तक पास नहीं हो पाया है. जिस जमीन पर मस्जिद का निर्माण प्रस्तावित है, उसकी मिट्टी की जांच रिपोर्ट आने में महीनों लग गए. इस जमीन के सीएलयू का मसला भी अभी पूरी तरह हल नहीं हुआ है.
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अतहर हुसैन ने कहा, ‘‘ मस्जिद के डिजाइन में बदलाव किया गया है. मस्जिद अब 15,000 वर्ग फुट की जगह 40,000 वर्ग फुट में बनाई जाएगी. फरवरी से राज्यों में प्रभारियों की नियुक्ति की जाएगी और वे फंड इकट्ठा करने के लिए जिम्मेदार होंगे.’’