इजरायल अमेरिका निर्मित 2,000 पाउंड के बमों से गाजा में मचा रहा तबाही:रिपोर्ट
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो, गाजा सिटी
इजरायल अमेरिका में निर्मित 2,000 पाउंड के बमों से गाजा में तबाही मचाए हुए है. स्थिति यह है कि वेयतनाम के बाद इतने बड़े और भारी बम पहली बार इजरायल गाजा में इस्तेमाल कर रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय काननू का उल्लंघन है.हथियार और युद्ध विशेषज्ञ इजरायली हमले में गाजा में बढ़ती मौतों के लिए 2,000 पाउंड के बम जैसे भारी हथियारों के व्यापक उपयोग को जिम्मेदार मानते हैं. मीडिया कंपनी सीएनएन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता कंपनी सिंथेटिक के विश्लेषण से पता चलता है कि गाजा में युद्ध के पहले महीने में, इजराइल ने सैकड़ों बड़े बम गिराए, उनमें से कई 1,000 फीट से अधिक दूर लोगों को मारने या घायल करने में सक्षम थे.
युद्ध के उन शुरुआती दिनों की सैटेलाइट इमेजरी से पता चलता है कि 12 मीटर (40 फीट) व्यास से अधिक के 500 से अधिक प्रभाव वाले गड्ढे हैं, जो 2,000 पाउंड के बमों द्वारा छोड़े गए गड्ढों के अनुरूप हैं. ये इराक के मोसुल में चरमपंथी समूह के खिलाफ युद्ध के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा आईएसआईएस पर गिराए गए सबसे बड़े बमों से चार गुना अधिक भारी हैं.
हथियार और युद्ध विशेषज्ञ बढ़ती मौतों के लिए 2,000 पाउंड के बम जैसे भारी हथियारों के व्यापक उपयोग को जिम्मेदार मानते हैं.सउदी गजट की एक रिपोर्ट के अनुसार, गाजा की आबादी पृथ्वी पर किसी भी अन्य जगह की तुलना में बहुत अधिक घनी और पैक है, इसलिए इस तरह के भारी हथियारों के उपयोग का गहरा प्रभाव पड़ता है.
डीसी-आधारित समूह सीआईवीआईसी में वकालत और कानून विशेषज्ञ जॉन चैपल ने कहा, ’’ गाजा जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र में 2,000 पाउंड के बमों के इस्तेमाल का मतलब है, एक समुदाय को इससे उबरने में दशकों लगेंगे. ऐसे बम युद्ध के दौरान नागरिक क्षति को कम करने पर केंद्रित होते हंै.
गाजा में बड़े पैमाने पर हुई तबाही को लेकर इजराइल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव में है. यहां तक कि कट्टर सहयोगी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने भी इजराइल पर तटीय पट्टी पर अंधाधुंध बमबारी का आरोप लगाया है.
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इसपर इजरायली अधिकारियों ने तर्क दिया कि हमास को खत्म करने के लिए उसके भारी हथियार आवश्यक हैं, जिसके लड़ाकों ने 7 अक्टूबर को 1,200 से अधिक इजरायलियों की हत्या कर दी थी और 240 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया था. उनका यह भी दावा है कि इजरायल नागरिक हताहतों को कम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है.
इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने सीएनएन की रिपोर्टिंग के जवाब में एक बयान में कहा, हमास के बर्बर हमलों के जवाब में, आईडीएफ हमास की सैन्य और प्रशासनिक क्षमताओं को खत्म करने के लिए काम कर रहा है.इजरायली पुरुषों, महिलाओं और बच्चों पर हमास के जानबूझकर किए गए हमलों के बिल्कुल विपरीत, आईडीएफ अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन कर रहा है. नागरिक क्षति को कम करने के लिए संभावित सावधानी बरतती जा रही है.
हमास एक विशाल सुरंग नेटवर्क पर निर्भर है जिसके बारे में माना जाता है कि यह गाजा पट्टी तक फैला हुआ है. गाजा में इजराइल के अभियान के समर्थकों का तर्क है कि भारी हथियार बंकर बस्टर के रूप में कार्य करते हैं, जिससे हमास के भूमिगत बुनियादी ढांचे को नष्ट करने में मदद मिलती है.
विशेषज्ञों का कहना है कि 2,000 पाउंड के बमों का इस्तेमाल आम तौर पर पश्चिमी सेनाओं द्वारा बहुत कम किया जाता है. गाजा जैसे घनी आबादी वाले इलाकों पर उनका संभावित प्रभाव पड़ता है. अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून अंधाधुंध बमबारी पर रोक लगाता है.पूर्व अमेरिकी रक्षा खुफिया विश्लेषक और संयुक्त राष्ट्र के पूर्व युद्ध अपराध जांचकर्ता मार्क गार्लास्को ने कहा, गाजा में इजरायल के बमबारी के पहले महीने की घनत्व वियतनाम के बाद से नहीं देखी गई थी.
गार्लास्को, जो अब शांति की वकालत करने वाले एक डच गैर-सरकारी संगठन में एक सैन्य सलाहकार हैं, ने सीएनएन के लिए इस रिपोर्ट में विश्लेषण की गई सभी घटनाओं की समीक्षा की.गार्लास्को ने कहा, तुलना करने के लिए आपको वियतनाम युद्ध पर वापस जाना होगा. यहां तक कि दोनों इराक युद्धों में भी यह इतना घना नहीं था.
भारी युद्ध सामग्री, जो ज्यादातर अमेरिका द्वारा निर्मित होती है, उच्च हताहत घटनाओं का कारण बन सकती है. इसमें घातक विखंडन त्रिज्या हो सकती है. इससे लक्ष्य के आसपास चोट या मृत्यु के संपर्क का क्षेत्र – 365 मीटर (लगभग 1,198 फीट) तक, या इसके बराबर होता है. गाजा क्षेत्र में भारी बमबारी से 58 फुटबॉल मैदान बन गए हैं.
हथियार और युद्ध विशेषज्ञ मरने वालों की बढ़ती संख्या के लिए 2,000 पाउंड के बम जैसे भारी हथियारों के व्यापक उपयोग को जिम्मेदार मानते हैं. हमास-नियंत्रित गाजा पट्टी के अधिकारियों के अनुसार, 7 अक्टूबर से अब तक लगभग 20,000 लोग मारे गए हैं.उन आंकड़ों के मुताबिक मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं.
सीएनएन ने अमेरिकी एआई कंपनी सिंथेटिक के साथ साझेदारी कर रिपोर्ट तैयार की है, जिसने गाजा पट्टी पर उपग्रह इमेजरी में गड्ढों, धुएं के गुबार और क्षतिग्रस्त इमारतों का पता लगाने के लिए रैपिड स्वचालित छवि वर्गीकरण (आरएआईसी) का उपयोग किया. निष्कर्षों की समीक्षा सिंथेटिक के एक सदस्य के साथ सीएनएन पत्रकारों द्वारा मैन्युअल रूप से की गई है.अमेरिकी वकालत निदेशक एनी शील के अनुसार, बहुत कम समय में बमबारी की तीव्रता को प्रकट करते हैं और उस पर जोर देते है.
दो महीने से अधिक समय से, इजराइल ने गाजा में एक उच्च तीव्रता वाला युद्ध अभियान चला रखा है, जिसमें भारी हवाई बमबारी के साथ लगातार तोपखाने आग उलग रहे हैं. गाजा पर 27 अक्टूबर से शुरू हुआ जमीनी आक्रमण निरंतर बढ़ रहा है.
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इस ऑपरेशन ने घिरे हुए इलाके के कई हिस्सों में तबाही मचा रखी है. सैटेलाइट इमेजरी और वीडियो यही शो कर रहे हैं.सेंटर फॉर नेवल एनालिसिस (सीएनए) के अनुसंधान निदेशक और पूर्व में लैरी लुईस ने कहा, दो महीनों में, हमने गाजा के इस छोटे से क्षेत्र में हमलों का स्तर वैसा ही पाया जैसा हमने मोसुल और रक्का में देखा था. नागरिक क्षति पर अमेरिकी विदेश विभाग के वरिष्ठ सलाहकार, आईएसआईएस के दो गढ़ों के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन के अभियानों का जिक्र करते हुए कहा, यह अवधि के हिसाब से हमलों की एक अविश्वसनीय संख्या है.
अमेरिका ने आईएसआईएस के खिलाफ अपनी लड़ाई के दौरान केवल एक बार 2,000 पाउंड का बम गिराया था. मध्य पूर्व में एक आतंकवादी समूह पर यह सबसे हालिया पश्चिमी युद्ध था. बम सीरिया में तथाकथित खलीफा की स्वघोषित राजधानी रक्का पर गिराया गया था.हमास-नियंत्रित गाजा में अधिकारियों का हवाला देते हुए, रामल्ला में फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 6 नवंबर को सीएनएन और सिंथेटिक के डेटासेट के अंतिम दिन गाजा में मरने वालों की संख्या 10,000 लोगों को पार कर गई.
उस सप्ताह के अंत में, निकट पूर्वी मामलों की सहायक सचिव बारबरा लीफ मध्य पूर्व पर सबसे वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि मरने वालों की संख्या और भी अधिक हो सकती है.
हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के समक्ष सुनवाई के दौरान लीफ ने कहा, संघर्ष के इस दौर और युद्ध की स्थितियों में, हममें से किसी के लिए भी यह आकलन करना बहुत मुश्किल है कि हताहतों की दर क्या है. स्पष्ट रूप से, हमें लगता है कि वे बहुत ऊँचे हैं. यह जितना बताया जा रहा है उससे भी अधिक हो सकता है.”
पिछले हफ्ते, अमेरिकी खुफिया सूत्रों ने सीएनएन को बताया कि तब तक गाजा पर गिराए गए 29,000 हवा से सतह पर मार करने वाले हथियारों में से 40-45 प्रतिशत तथाकथित मूक बम, बिना निर्देशित हथियार थे जो नागरिकों के लिए बड़ा खतरा पैदा कर रहे थे. खासकर घनी आबादी वाले क्षेत्रों में.
इनमें से कुछ क्रेटर की सैटेलाइट इमेजिंग में पाए गए 2,000 पाउंड के बम होने की संभावना है. इजराइल के पास बड़े बमों का एक बड़ा जखीरा है, जिसे एमके-84 के नाम से जाना जाता है. जब जीपीएस-निर्देशित किट एमके-84 से जुड़ी होती है, तो बम जीबीयू-31 के रूप में जाना जाता है.
मामले से परिचित दो लोगों के अनुसार, अमेरिका ने 7 अक्टूबर से इजराइल को 5,400 से अधिक एमके-84 प्रदान किए हैं.
चैपल ने कहा, हमने गाजा में समुदायों के लिए जो तबाही देखी है, वह दुर्भाग्य से संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा सह-हस्ताक्षरित है. इसका अधिकांश भाग संयुक्त राज्य अमेरिका में बने बमों द्वारा किया जाता है.2,000 पाउंड के बम गाजा शहर की परिधि पर हमलों में प्रमुखता से शामिल हैं, जो अक्टूबर और नवंबर के अधिकांश महीनों में इजरायली सैन्य अभियान का केंद्र था.
इजराइल की जमीनी सेना ने अंततः नवंबर की शुरुआत में शहर की घेराबंदी कर थी. सैटेलाइट तस्वीरों में दिख रहे बमबारी पैटर्न से पता चलता है कि गाजा सिटी के आसपास भारी बमबारी ने इजरायली सैनिकों द्वारा इसे घेरने का रास्ता बना दिया होगा.
उत्तरी गाजा के जबल्या शरणार्थी शिविर में, उपग्रह चित्रों में दो बड़े गड्ढे दिखाई दिए जो कि इजराइल की 31 अक्टूबर की बमबारी से मेल खाते हैं. संयुक्त राष्ट्र ने इसे अनुपातहीन हमला बताया जो युद्ध अपराध की श्रेणी में आ सकता है. नागरिक क्षति निगरानी संस्था एयरवॉर्स के अनुसार, इसने 100 से अधिक लोगों की जान ले ली और घनी आबादी वाले क्षेत्र में विनाशकारी क्षति पहुंचाई.
अल जजीरा के एक पत्रकार ने बमबारी में अपने परिवार के 19 सदस्यों को खो देने की बात बताई है. इसके बारे में इजराइल ने दावा किया कि उसने हमास कमांडर इब्राहिम बियारी को निशाना बनाया, जिससे उसकी मौत हो गई और उसका आधार नष्ट हो गया.
सैटेलाइट इमेजरी के अनुसार, हमले के बाद छोड़े गए दो गड्ढे, जिन्हें विशेषज्ञों ने इसके प्रभाव में भूकंप जैसा बताया था, क्रमशः 24 मीटर (लगभग 79 फीट) चैड़े और 13 मीटर (लगभग 43 फीट) चैड़े थे.विदेश विभाग के पूर्व सलाहकार लुईस ने कहा कि 31 अक्टूबर की जबल्या पर हमला कुछ ऐसी चीज थी जिसे हम अमेरिका को कभी करते हुए नहीं देखते.
लुईस ने कहा, यह निश्चित रूप से प्रतीत होता है कि अपेक्षित परिचालन लाभों की तुलना में नागरिक क्षति के प्रति (इजराइल की) सहनशीलता अमेरिका के रूप में हम जो स्वीकार करेंगे, उससे काफी भिन्न है.
2,000 पाउंड के बम से बना एक बड़ा गड्ढा अल शाती या समुद्रतट शिविर से होकर गुजरने वाले तटीय राजमार्ग पर देखा गया. शिविर के ठीक उत्तर में एक पड़ोस में, एक वर्ग किलोमीटर में 2,000 पाउंड के बम का संकेत देने वाले 14 क्रेटर भी दिखाई दिए.
अचानक, हमने दो हवाई हमलों की आवाज सुनी. यह जोरदार था. ऐसा लगा जैसे यहां भूचाल आ गया हा. हमने हर जगह पत्थर उड़ते हुए देखे.6 नवंबर को समुद्र तट शिविर पर एक बड़े बम हमले के तुरंत बाद एक व्यक्ति ने सीएनएन स्ट्रिंगर से कहा, हम यहां 10 घरों को क्षतिग्रस्त होते देखने आए थे.
सीएनएन द्वारा समीक्षा किए गए कई वीडियो में 2,000 पाउंड के बम का 365 मीटर (लगभग 1,198 फीट) का घातक विखंडन त्रिज्या स्पष्ट है, जहां एक ही हमले में कई इमारतें जमींदोज होती दिख रही हैं.
24 अक्टूबर को, इजराइल ने वफा अस्पताल से 100 मीटर (लगभग 328 फीट) से भी कम दूरी पर एक स्थान पर हमला किया. हमले के लगभग तुरंत बाद अल-जजीरा के साथ एक साक्षात्कार में, अस्पताल के निदेशक, फौद नज्म ने कहा कि हमले ने मरीजों और डॉक्टरों को भयभीत कर दिया है. आस-पास लगातार हमले हो रहे हैं. ईंधन की कमी के कारण अस्पताल सेवा से बाहर हो गया है.यह स्पष्ट नहीं है कि 24 अक्टूबर के विस्फोट से अस्पताल को महत्वपूर्ण क्षति हुई या नहीं.
सीएनएन ने विस्फोट के वीडियो को जियोलोकेट किया और सैटेलाइट इमेजरी में 2,000 पाउंड के बमों के अनुरूप 12-मीटर और 15-मीटर के गड्ढों से इसका मिलान किया.गार्लास्को ने कहा, स्पष्ट रूप से अस्पताल 2,000 पाउंड के बम की घातक विखंडन सीमा के भीतर है. इससे संभवतः नुकसान हुआ होगा.
बीच कैंप के पास एक क्षेत्र में, सात स्कूल कम से कम पांच क्रेटर के घातक विखंडन क्षेत्र के भीतर थे. 6 नवंबर को ली गई सैटेलाइट इमेजरी में क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर विनाश दिखाया गया. उन उपग्रह चित्रों में स्कूलों के अंदर और आसपास इजरायली बख्तरबंद वाहन भी दिखाई दिए.
गार्लास्को ने कहा,“जब आप किसी नागरिक भवन के इतने करीब किसी हथियार का उपयोग करते हैं, तो हथियार से होने वाले नुकसान की संभावना को दूर करना असंभव है. यह किसी चीज से प्रभावित होने वाला नहीं है.अपने आक्रमण के छठे दिन, इजरायली वायु सेना ने एक ट्वीट में कहा कि उसने युद्ध शुरू होने के बाद से 6,000 युद्ध सामग्री गिराई है, औसतन एक दिन में 1,000 बम. 10 दिसंबर को इजराइल की सेना ने कहा कि उसने गाजा में 22,000 से ज्यादा ठिकानों पर हमला किया हैं.