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पंजाब शाही इमाम मोहम्मद उस्मान होशियारपुर के गुरूद्वारा साहिब श्री रविदास में बने मुख्य अतिथि

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, होशियारपुर

देश में जब प्राचीन मस्जिदों को हथियाने के लिए कुछ कट्टरवादी अभियान चलाए हुए हैं, इसके लिए अदालत तक सहारा लिया जा रहा है. ऐसे में पंजाब के होशियारपुर के सिखों ने बेजोड़ मिसाल कायम की है. उन्होंने अपने एक ऐसे कार्यक्रम में पंजाब के शाही इमाम मौलाना मोहम्मद उस्मान लुधियानवी को सिरमौर बनाया, जब कि अमुमन ऐसा होता नहीं है.

यह अवसर था होशियापुर के दसूआ कस्बे के गांव खैराबाद में गुरूद्वारा साहिब श्री रविदास के विस्तार की आधारशिला रखने का. इस मौके पर पंजाब के शाही इमाम मौलाना मोहम्मद उस्मान लुधियानवी मुख्य अतिथि थे. उन्हांेने ने गुरूद्वारे के विस्तार की नींव रखी.

गांव पहुंचने पर मौलाना का जोरदार स्वागत

मौलाना मोहम्मद उस्मान लुधियानवी जैसे गांव पहुंचे उनपर फूलों की वर्षा शुरू हो गई. यह तब तक जारी रही, जब तक कि वह मुख्य कार्यक्रम स्थल तक पहुंच नहीं गए. उनके लिए कार्यक्रम स्थल पर रेडकार्पेट बिछाया गया था.

पंजाब के शाही इमाम मौलाना मोहम्मद उस्मान लुधियानवी को लेने गाड़ियांे का एक पूरा काफिला पहुंचा था. गांव खैराबाद में पहुंचने पर मौलाना मोहम्मद उस्मान लुधियानवी का वहां के मुअज्जि लोगों ने जोरदार स्वागत किया. फिर भीड़ उन्हंे कार्यक्रम स्थल तक ले गई.

इस पूरे कार्यक्रम को मौलाना मोहम्मद उस्मान लुधियानवी के फेसबुक पेज से लाइव किया गया और इस दौरान बारबार बताते की कोशिश की गई कि सियासत और सत्ता के खेल के लिए भले ही मुल्क में भाईचारगी बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है, पर ऐसे लोग आज भी जिंदा हैं तो हकीकत में भारत की भाईचारगी बरकार रखना चाहते हैं.

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सभी समुदाय ने दिखाया एकजुटता

होशियारपुर जिले के खैराबाद गांव में गुरुद्वारे का विस्तार किया जा रहा है और समारोह में कई समुदायों ने हाथ मिलाया था. शाही इमाम ने कहा, “गांव में रविदास समुदाय के लिए पहले से ही एक गुरुद्वारा है और एक नया प्रार्थना कक्ष जोड़ा जाना है. इस प्रकार गुरुद्वारा प्रबंधन समिति ने मुझे, रविदास समुदाय के साधुओं, निहंग सिंहों और यहां तक कि होशियारपुर के जिला स्वास्थ्य अधिकारी को भी इस शिलान्यास समारोह के लिए आमंत्रित किया. इसलिए हम सभी ने एक-एक करके आधारशिला रखी और इस तरह शांति, सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे का संदेश फैलाया.”

गुरुओं के संदेश को समझना होगा

होशियारपुर के जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लखबीर सिंह ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा, “कई बार धर्म दुनिया के कई हिस्सों में युद्ध का कारण रहा है, लेकिन अगर हम गुरुओं के वास्तविक संदेश को समझते हैं, तो एकजुट रहना और इलाज करना है.” सर्वोच्च जाति के रूप में मानवता. सभी धर्म हमें एक-दूसरे का सम्मान करना सिखाते हैं. अब जब विभिन्न समुदायों के प्रचारकों द्वारा आधारशिला रखी गई है, तो वे समान सद्भाव के साथ उनके कार्यों, त्योहारों में भी भाग लेंगे.”

आरएसएस वाले भी मौलाना से लेते हैं सलाह

यह कोई पहला मौका नहीं है. मौलाना दो धर्मों के बीच रिश्ता मजबूत करने के कार्यक्रम में अक्सर देखे जाते हैं. लुधियाना में कई शैक्षणिक कार्यक्रम भी चलाते हैं. यही नहीं आरएसएस वाले भी उनके कार्यों के न केवल कायल हैं, बल्कि विचार-विमर्श करने के लिए उनसे मिलते भी रहते हैं. हाला में लुधियाना की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में आरएसएस के वरिष्ठ कार्यकर्ता यश गिरी और उनके साथ पवन गर्ग ने पंजाब के शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी से मुलाकात की. इस अवसर पर सामाजिक मुद्दों को लेकर विचार विमर्श भी हुआ. महमानांे ने शाही इमाम को अपनी ओर से लाई गई धार्मिक सामग्री भी दी.

यह मुलाकात सामाजिक और धार्मिक सदभाव में हुई. मौलाना ने बताया कि इसका किसी भी राजनीतिक संस्था से कोई संबंध नहीं है. कुछ शरारती तत्व इस मुलाकात को शाही इमाम की छवि के खिलाफ सोशल मीडिया पर झूठी बातें लिख कर पोस्ट कर रहे हैं. ऐसे तत्वों से सावधान रहें. आए हुए मेहमानों का एहतराम करना हमारी इखलाकी जिम्मेदारी है. दरअसल, इस मुलाकात के बाद कुछ हिंदूवादी संगठनों को पेट में दर्द होने लगा था.

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