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बेंगलुरु में अजान के समय भजन बजाने पर दुकानदार की पीटाई, घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली बेंगलुरु

आईटी हब बेंगलुरु में मगरिब की अजान के समय एक दुकानदार द्वारा तेज आवाज में हनुमानचाली बजाने को लेकर कुछ लड़कों द्वारा मारपीट की घटना के चैबीस घंटे बाद इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश प्रारंभ हो गई है.

मारपीट करने वालों में हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदाय के लड़के थे. बावजूद इसके कुछ कट्टरवादी और बीजेपी नेता इसे सांप्रदायिक रंग देने के प्रयास में हैं. एक समुदाय को भड़काने के लिए यहां तक कहा जा रहा है कि कर्नाटक हनुमान की जन्मथली है. इसमें सियासत घुसेड़ने के लिए कांग्रेस को भी घसीटा जा रहा है, जबकि यह घटना अपराधिक है और पुलिस इस हिसाब से कार्रवाई कर रही है.

इस घटना में सियात घसीटने के लिए एक राष्ट्रवादी वकील ने सोशल मीडिया पर लिखा है-‘‘ कांग्रेस ने बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया.अब बेंगलुरु में हनुमान चालीसा बजाने पर एक हिंदू दुकानदार को इस्लामवादियों ने घेर लिया और पीटा.अकेले हिंदू ने उनका मुकाबला किया.

यही नहीं बीजेपी नेता तो इससे भी चार कदम आगे बढ़कर बयान दे रहे हैं. बीजेपी के एक निवर्तमान सांसद घटना को सियासी रंग देने की फिराक में हैं. उन्हांेने सोशल मीडिया पर कांग्रेस को घेरने के लिए लिखा-‘‘एक हिंदू दुकानदार जो अपनी दुकान पर भजन बजा रहा था, उस पर असामाजिक तत्वों ने यह कहते हुए हमला किया कि अजान के समय भजन करने की अनुमति नहीं है.

ऐसे तत्वों का हौसला बढ़ना कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति का सीधा परिणाम है. अभी कुछ दिन पहले पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले लोगों को जमानत दे दी गई थी.उन्हांेने आगे लिखा, ‘‘जिहादियों को ऐसे राजनीतिक समर्थन उपलब्ध होने से, स्वाभाविक रूप से हमारे राज्य में हिंदुओं के खिलाफ अपराध की ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं.’’

सीएम को गलत मिसाल कायम करना बंद करना चाहिए. मैं उनसे राज्य को यह बताने का आह्वान करता हूं कि इस मामले में उपद्रवियों के खिलाफ क्या कार्रवाई शुरू की गई है.मजे की बात है कि इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने वाले कट्टरवादी और सियासी रंग देने वाले बीजेपी नेता बयान देते समय इस तथ्य को गोल कर जा रहे हैं कि मारपीट करने वाले लड़कों में हिंदू लड़के भी शामिल थे.

सोशल मीडिया पर फेक न्यूज फैलाने वालों की पोल खोलने वाले मोहम्मद जुबेर ने अपने एक्स हैंडल पर इस घटना के बारे में लिखा-‘‘बेंगलुरु में एक दुकानदार मुकेश पर लाउडस्पीकर की आवाज को लेकर 6 गुंडों (सुलेमान, शाहनवाज, रोहित, दानिश, तरुण और अज्ञात) ने हमला किया (जैसा कि मुकेश द्वारा दायर लिखित शिकायत प्रति में उल्लेख किया गया है). डीसीपी ने पुष्टि की कि पुलिस ने 6 आरोपियों में से सुलेमान, शाह नवाज और रोहित को गिरफ्तार कर लिया है. उन्होंने यह भी बताया कि सुलेमान पर पहले भी मारपीट के दो और मामले दर्ज हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या यह अजान के दौरान हनुमान चालीसा बजाने के कारण हुआ, पुलिस ने कहा, हालांकि पीड़ित की लिखित शिकायत में इसका उल्लेख नहीं है, हम दावे की जांच कर रहे हैं.

हालांकि, बाद में एक न्यूज चैनल से बात करते हुए मुकेश ने इस बात का जिक्र किया कि अजान के दौरान हनुमान चालीसा बजाने पर सुलेमान, शाहनवाज, रोहित और अन्य लोगों ने उनकी पिटाई की थी.उम्मीद करते हैं कि सभी आरोपी गिरफ्तार हो जाएं.
इस घटना पर कई लोगों ने हिंसा की निंदा की है. साथ ही घटना को सियासी और सांप्रदायिक रंग देने की भी आलोचना की है. एक्स पर एक ने लिखा-‘‘हिंसा पूरी तरह से गलत है, लेकिन जब रमजान का पवित्र महीना चल रहा हो, तो अजान के समय तेज संगीत बजाना भी एक भड़काऊ कृत्य है.
इस दुकानदार को पीटने वाले लोगों को अदालत में पेश किया जाना चाहिए!
इसके साथ ही दुकानदार को दूसरों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान कैसे करना है, यह समझाने के लिए भी परामर्श दिया जाना चाहिए. अजान केवल 4 से 5 मिनट में समाप्त हो जाती हैण् वह 4-5 मिनट के लिए आवाज कम कर सकता है. उसे इस तरह के सुंदर इशारे सीखने चाहिए, जबकि हमने कई बार ऐसा अनुभव किया है.