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क्या मॉस्को पर आतंकवादी हमले से रूस और अमेरिका के रिश्ते और बिगड़ेंगें ?

मुस्लिम नाउ विशेष

मॉस्को के कॉन्सर्ट हॉल पर हुए आतंकवादी हमले के लिए अमेरिका द्वारा आईएसआईएस.के को जिम्मेदार ठहराना लगता है रूस को पसंद नहीं आया. इसलिए वह घटना को न केवल यूक्रेन से जोड़कर देख रहा है, बल्कि उसका यह भी मानना है कि यूक्रेन को ऐसे हमले केलिए किसी पश्चिमी देश ने प्रशिक्षित किया होगा.

बता दें कि जैसे ही माॅस्को के कॉन्सर्ट हॉल पर बंदूकधारियों के हमले की खबर आई, वैसे ही पश्चिमी मीडिया की ओर से खबरें चलने लगीं कि इस हमले में आईएसआईएस. का हाथ है और इसने टेलिग्राम पर हमले की जिम्मेदारी ली है. मगर हमले के कारण के बारे में कोई संकेत नहीं दिया है.

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पश्चिमी मीडिया की ओर से यह भी कहा गया कि हमले से पहले अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने मुसाद यानी रूस की खुफिया एजेंसी के एक अधिकारी से यह बात साझा कर दी थी. यही नहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी तुरंत इस बारे में बयान जारी कर दिया. एक रिपोर्ट के अनुसार ,‘‘अमेरिकी राष्ट्रपति ने हमले को भयानक बताया. कहा कि यूक्रेन में युद्ध से जुड़े किसी भी संकेत का तत्काल कोई संकेत नहीं है.’’

बता दें कि पिछले एक साल से यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध चल रहा है. इस दौरान अमेरिकी और यूरोपीय देशों की हर तरह की मदद के बावजूद रूस ने यूक्रेन की कमरतोड़ दी है.ऐसे में रूस को नहीं लगता कि यूक्रेन ऐसी हरकत अकेले कर सकता है. उसने यहां तक कहा कि आईएसआईएस को जिम्मेदार ठहराना जल्दबाजी होगी.रूस पर हुए इस हमले को दशकों में सबसे घातक हमला बताया जा रहा है, जिसमें 65 से अधिक लोगों की मौत की खबर है. ऐसे में रूस को लगता है कि इतने बड़े हमले की योजना के पीछे किसी न किसी विदेशी शक्ति का हाथ है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,घटना के बाद से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मामले पर पूरी तरह नजर रख हुए हैं.

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा, राष्ट्रपति को सभी प्रासंगिक सेवाओं द्वारा लगातार जानकारी दी जा रही है कि क्या हो रहा है. क्या उपाय किए जा रहे हैं.जांचकर्ताओं के एक प्रवक्ता ने कहा, ’’ इस घटना के पीछे कौन है, इसका आकलन करना जल्दबाजी होगी.’’

बुलेट पॉइंट्स:
मास्को कॉन्सर्ट हॉल में हुए आतंकवादी हमले में 65 से अधिक लोगों की मौत.
अमेरिका ने ISIS.K को जिम्मेदार ठहराया, रूस को नहीं जमा.
रूस को शक है यूक्रेन के पीछे है ये साजिश, पश्चिमी देशों का साथ हो सकता है.
अमेरिका का दावा, हमले से पहले रूस को खुफिया जानकारी दी थी.
रूसी जांचकर्ता यूक्रेन और ISIS की संलिप्तता ढूंढ रहे हैं.
पुतिन ने पश्चिमी चेतावनियों को बताया रूस को डराने की साजिश.

रूसी जांच से जुड़े एक करीबी सूत्र ने अरब न्यूज को बताया कि जांचकर्ता यूक्रेन और दाएश की भागीदारी ढंूढ रहे हैं.हालाकि, कई प्रमुख रूसी विशेषज्ञों का मानना ​​है कि आतंकवादी हमला यूक्रेनी विशेष सेवाओं का काम है. उनके विचार में, पश्चिमी खुफिया एजेंसियों की मदद के बिना, यह संभावना नहीं है कि यूक्रेनियन इस हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में सक्षम होंगे.

एक अमेरिकी खुफिया अधिकारी ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को पता चला था कि अफगानिस्तान में दाएश की शाखा मॉस्को में हमले की योजना बना रही है. उन्होंने रूसी अधिकारियों के साथ जानकारी साझा की थी.

बताते हैं कि 7 मार्च को, मॉस्को में अमेरिकी दूतावास ने भी कहा कि वह रिपोर्टों की निगरानी कर रहा है कि चरमपंथी रूसी राजधानी में लोगों की बड़ी सभाओं पर हमला करने की योजना बना रहे है. इसमें संगीत कार्यक्रम भी शामिल हैं.

तब दूतावास के इस तरह के बयान पर पुतिन भड़ गए थे. उन्हांेने पश्चिमी चेतावनियों की निंदा करते हुए इसे रूसियों को डराने का प्रयास बताया. उन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा, ’’यह सब खुले ब्लैकमेल और हमारे समाज को डराने और अस्थिर करने का प्रयास जैसा है.’’

पश्चिमी मीडिया की आरे से यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि आईएसआईएस.के ने अफगानिस्तान और चेचन्या का बदला लेने के लिए माॅस्को पर हमला किया होगा. जबकि इन दोनों घटनाओं को हुए लंबा समय गुजर चुका है. ताजा स्थिति यह है कि रूस, गजा पर हमले के लिए अमेरिका और इजरायल के विरोध में खड़ा है. वह अप्रत्यक्ष रूप से हमास का समर्थन कर रहा है.

दूसरी तरफ अमेरिकी और यूरोपीय देशों का आरोप है कि हमास और आईएसआईएस का गठजोड़ है. उन्हांेने ही 7 अक्टूबर को सुयोनियोजित ढंग से इजरायल पर हमला किया था. ऐसे में सवाल उठता है कि जो रूस हमास की मदद कर रहा है, उसके खिलाफ आईएसआईएस.के कैसे जा सकता है ?

पश्चिमी मीडिया का दावा:

पश्चिमी मीडिया का कहना है कि इस हमले में आईएसआईएस.के का हाथ है और उसने टेलिग्राम पर हमले की जिम्मेदारी ली है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी इस हमले को भयानक बताया और कहा कि यूक्रेन में युद्ध से जुड़े किसी भी संकेत का तत्काल कोई संकेत नहीं है.

रूस का शक:

रूस का मानना ​​है कि इतने बड़े हमले की योजना के पीछे किसी न किसी विदेशी शक्ति का हाथ है.
रूसी जांचकर्ता यूक्रेन और दाएश की भागीदारी ढूंढ रहे हैं.
कई प्रमुख रूसी विशेषज्ञों का मानना ​​है कि आतंकवादी हमला यूक्रेनी विशेष सेवाओं का काम है.

अमेरिकी खुफिया:

एक अमेरिकी खुफिया अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को पता चला था कि अफगानिस्तान में दाएश की शाखा मॉस्को में हमले की योजना बना रही है.उन्होंने रूसी अधिकारियों के साथ जानकारी साझा की थी।

पुतिन का गुस्सा:

7 मार्च को, मॉस्को में अमेरिकी दूतावास ने भी कहा कि वह रिपोर्टों की निगरानी कर रहा है कि चरमपंथी रूसी राजधानी में लोगों की बड़ी सभाओं पर हमला करने की योजना बना रहे हैं.पुतिन पश्चिमी चेतावनियों की निंदा करते हुए इसे रूसियों को डराने का प्रयास बताते हैं।

अन्य मुद्दे:

  • रूस गजा पर हमले के लिए अमेरिका और इजरायल के विरोध में खड़ा है.
  • अमेरिकी और यूरोपीय देशों का आरोप है कि हमास और आईएसआईएस का गठजोड़ है.
  • रूस हमास की मदद कर रहा है, जो आईएसआईएस.के का विरोधी है.

निष्कर्ष:

  • मॉस्को में हुए आतंकवादी हमले को लेकर रूस और पश्चिमी देशों के बीच मतभेद है.
  • रूस का मानना ​​है कि यूक्रेन इस हमले के पीछे हो सकता है, जबकि पश्चिमी देश आईएसआईएस.के को जिम्मेदार ठहराते हैं.
  • यह घटना रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकती है.