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मुख्तार अंसारी माफिया या मसीहा I Mukhtar Ansari Mafia or Messiah

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

पांच बार एमएलए रह चुके मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में रहस्यमय मौत के बाद शनिवार को उनके पैतृक शहर में दफना दिया गया. दावा किया जा रहा है कि करीब पांच लाख लोगों की भीड़ उनके जनाजे में शामिल हुई. यहां तक कि इस दौरान प्रशासन द्वारा धारा 114 लगाने की भी परवाह नहीं की गई.

मुख्तार अंसारी की अंतिम यात्रा में लोग गुस्से और जोश में दिखे.मुख्तार अंसारी के जनाजे में भारी भीड़ उमड़ने के साथ ही दक्षिण पंथियों ने बहस छेड़ दी है कि ’माफिया’ के जाने में लाखांे मुसलमनों का उमड़ना इनका नैतिक पतन है.

दक्षिण पंथियों में सबसे अधिक सोशल मीडिया पर सक्रिय मिस्टर सिन्हा ने तो इसपर ताबड़ तोड़ कई पोस्ट किए हैं.अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट मंे मिस्टर सिन्हा ने लिखा-‘‘
जितना बड़ा अपराधी,
जितनी बड़ी भीड़….
यदि आप एक अच्छे इंसान हैं,एक दर्जन भीड़ के लिए आपकी आत्मा रोएगी..’’

एक अन्य पोस्ट में अपने बाकी मुख्तार विरोधी ट्वीट को संतुलित करने के नजरिए से मिस्टर सिन्हा लिखते हैं-‘‘आतंकवादी मुख्तार अंसारी का अंतिम संस्कार, 1 लाख से ज्यादा मुस्लिम शामिल हुए.

-आतंकी याकूब मेमन का अंतिम संस्कार, 3 लाख से ज्यादा मुस्लिम शामिल हुए.
-एपीजे अब्दुल कलाम का अंतिम संस्कार, 300 मुस्लिम भी शामिल नहीं हुए.

ये तीनों मुसलमान थे. फिर भी यह अंतर बहुत कुछ कहता है.क्या यह साबित नहीं करता कि सिर्फ मुस्लिम होना कोई मायने नहीं रखता. इतना समर्थन और सम्मान पाने के लिए आपको अपराधी बनना होगा??’’

वैसे आगे बढ़ने से पहले मिस्टर सिन्हा के बारे में बता दूं. इनका असली नाम क्या है, यह उनको ही पता है. एक्स हेंडल पर इनका मिस्टर सिन्हा ही नाम है. एक्स पर इनके परिचय में दर्ज कि वह खुद को विदेश नीति का जानकार और दक्षिण पंथी कार्यकर्ता मानते हैं. मिस्टर सिन्हा ने अपने अपने नाम के आगे मोदी का परिवार भी लिखा हुआ है.

इसलिए समझा जा सकता है कि यह किसका प्रोपगंडा चैनल है और यह किस पार्टी और संगठन की वकालत करने वाले हैं. मिस्टर सिन्हा ने एक्स के अपने पोस्ट में रामलाल की तस्वीर लगा रखी है और उसे पीएम मोदी की उपलब्धियों से जोड़ा है.

मिस्टर सिन्हा जैसे लोग मुख्तार अंसारी के मामले में झूठ फैला रहे हैं कि पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के जनाजे में 300 लोग भी नहीं जुटे थे, जबकि हकीकत यह है कि श्री कलाम के जनाजे में एक लाख से अधिक लोगों ने शिकरत की थी. द हिंदू ने इसपर 30 जुलाई 2015 को रिपोर्ट की है.

वैसे यह इकलौते नहीं हैं. मुस्लिम विरोधी रूख रखने वाले आजतक के एंकर सुधीर चैधरी भी इसी श्रेणी में आते हैं. इस मामले में उन्हें कई बार कोर्ट फटकार चुकी है. सुधीर चैधरी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा-‘‘वीर सैनिक शहीद अब्दुल हमीद गाजीपुर से थे और कुख्यात डॉन  भी गाजीपुर से था.
गाजीपुर के मुसलमान किसे अपना आदर्श मानते हैं ?’’

हालांकि, सुधीर चैधरी ने अब तक अपने आदर्श वीर सैनिक अब्दुल हमीद के गांव जाकर कभी रिपोर्टिंग करने की जहमत नहीं की है और न ही अपने किसी कार्यक्रम में बताया कि उनके परिजन किस हाल में हैं.

इसी तरह का विचार रखने वाले सुधांशू त्रिवेदी सटायर के एक्स हैंडल से कहा गयौ-‘‘क्या जितना बड़ा अपराधी, आतंकी, उतनी ज्यादा भीड़?

क्या इतनी ज्यादा संख्या में डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम जी के जनाजे में भी थी ???
जितना इस अपराधी के जनाजे में है???

हालांकि ऐसा नहीं है. दक्षिण पंथियों के ट्वीट के जवाब में मुख्तार अंसारी के लोग भी मोर्चा खोले हुए हैं. वे न केवल मुख्तार अंसारी को मसीहा बता रहे हैं, तथ्य भी प्रस्तुत कर रहे हैं.

सोशल मीडिया एक्टिविस्ट शाहनवाज अंसारी ने मुख्तार अंसारी के मसीहा होने के समर्थन में एक्स पर एक न्यूज चैनल का वीडियो साझा करते हुए लिखा-‘‘ये मीडिया वालों का कमाल है. मीडिया वाले बताते हैं मुख्तार अंसारी माफिया है. लेकिन हम लोगों के लिए मुख्तार अंसारी भगवान हैं.

सुनिए पूर्वांचल की आवाम क्या कह रही है. हिंदू हो या मुस्लिम मुख्तार अंसारी गरीब तब्कात के लिए मसीहा थे.’’हाथ धोकर दबंग सलमान खान के पीछे पड़ रहने वाले केकेआर ने भी इसपर अपनी टिप्पणी की है. उन्हांेने एक्स पर लिखौ-‘‘यह मुख्तार अंसारी की नमाज ए जनाजा है और यह उनकी हैसियत और उनके क्षेत्र में सम्मान का सबूत है.’’

सपा के युवा नेता श्यामलाल यादव ने लिखा है-‘‘भीड़ बयान कर रही है…जनाजा किसी हस्ती का है…अलविदा शेर ए पूर्वांचल. 4 लाख का मजमा.’’

चूंकि लोकसभा चुनाव का मौसम है और मुख्तार अंसारी की संदिग्ध मौत से बीजेपी के करीब आने वाले पसमांदा मतदाओं के बिदकने का भारी खतरा पैदा हो गया है, इसलिए दक्षिण पंथी सोशल मीडिया पर मुख्तार अंसारी को समाज का सबसे बुरा आदमी साबित करने के लिए पूरी शक्ति लगाए हुए हैं.

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