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वाह रे पाकिस्तान! आमिर खान की मुक्केबाजी अकादमी बंद, अब सेना के कैप्टन का सम्मान!

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

पाकिस्तान भी अजीब है. उस समझ ही नहीं आता कि किसके साथ क्या करना है. अब बॉक्सिंग के दिग्गज आमिर खान को ही लें. उन्हांेने लाखों रूपये खर्च कर इस्लामाबाद में पाकिस्तानी बच्चांे को बाॅक्सिंग के गुर सिखाने के लिए एक ‘बाॅक्सिंग एकेडमी’ स्थापित की थी, जिससे सरकार ने बंद करा दिया. अब वही पाकिस्तानी सरकार उन्हें सेना के कैप्टन के पद से सम्मानित कर रही है.

एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रसिद्ध मुक्केबाज आमिर खान को मुक्केबाजी के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों के सम्मान में पाकिस्तान सेना द्वारा एक दिन के लिए कप्तान के मानद पद से सम्मानित किया.शनिवार को एक बयान के मुताबिक, पाकिस्तान में खेलों को लेकर युवाओं में अपार प्रतिभा और समर्पण है.

कई युवाओं ने खेलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया और देश का नाम रोशन किया है.रिपोर्ट मंे दावा किया गया है कि पाकिस्तानी सेना ने हमेशा जीवन के हर क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने वाले लोगों को प्रोत्साहित किया है.इसे ध्यान में रखते हुए विश्व प्रसिद्ध मुक्केबाज आमिर खान को उनकी उपलब्धियों के सम्मान में एक प्रतिष्ठित समारोह में मानद कप्तान का दर्जा दिया गया.सेना के अधिकारियों ने कैप्टन आमिर खान को रैंक का बैज लगाया.

पूर्व विश्व लाइट-वेल्टरवेट चैंपियन आमिर खान ने अपने शानदार करियर में कई उपलब्धियां हासिल की हैं.ब्रिटिश-पाकिस्तानी मुक्केबाज ने 17 साल की उम्र में 2004 ओलंपिक में हल्के वर्ग में रजत पदक जीता.

मानद कप्तान का दर्जा दिए जाने के बाद बॉक्सर आमिर खान बोले,पाकिस्तान सेना ने खेलों को बढ़ावा देने में हमेशा अहम भूमिका निभाई है. आज यह सम्मान पाकर मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं.मुझे वर्दी और रैंक पहनकर वैसी ही खुशी महसूस हो रही है जैसी मुझे तब महसूस हुई थी जब मैं विश्व चैंपियन बना था.

उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा पाकिस्तानी सेना का समर्थन किया है. यह हमारा गौरव है. आज यह वर्दी पहनकर मुझे बहुत खुशी हुई.उन्होंने आगे कहा,मैं पाकिस्तान में खेलों को बढ़ावा देने में अपनी भूमिका निभाना जारी रखूंगा. पाकिस्तानी युवाओं को खेलों में अधिक भाग लेना चाहिए.

आमिर खान ने पाकिस्तान में और अधिक मुक्केबाजी अकादमियां खोलने और युवा मुक्केबाजों को प्रशिक्षित करने की इच्छा भी व्यक्त की. उन्होंने उम्मीद जताई कि अल्लाह ने चाहा तो एक दिन हम राष्ट्रमंडल और ओलंपिक में पदक जीतेंगे.

उन्होंने अंत में कहा, मैं सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर से भी मिला और मुझे सम्मानित करने के लिए पाकिस्तानी सेना का आभारी हूं.

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