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मजबूत ईरान या कमजोर इजरायल? वायु रक्षा प्रणालियों ने रोके मिसाइल हमले

मोना होजत अंसारी,तेहरान

शनिवार की सुबह ईरानी नागरिक अपने शहरों में इज़राइल के हमलों से हुए किसी भी नुकसान के संकेतों की तलाश में निकले. हालाँकि, ज़मीन पर कोई स्पष्ट तबाही का निशान नहीं दिखा.तेहरान के सेंट्रल इलाके में एक युवा ऑफिस कर्मचारी अली ने कहा, “कल रात मैं दो बार चौंककर जाग गया. पहली आवाज़ करीब 2 बजे आई और दूसरी 5 बजे. मैंने वीडियो देखा जिसमें ईरानी वायु रक्षा मिसाइलों को किसी चीज़ को रोकते हुए दिखाया गया था. मैंने सोचा आज सुबह कुछ नुकसान दिखेगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.”

तेहरान के कई अन्य निवासियों की तरह, अली को भी इसराइल के हमले के बारे में ईरानी वायु रक्षा प्रणालियों के सक्रिय होने से पता चला. हमलों की रिपोर्ट तेहरान, खुज़ेस्तान, और इलाम प्रांतों में कई स्थानों से मिली, लेकिन किसी भी इलाके में कोई दृश्यात्मक विनाश नहीं देखा गया. अली ने कहा, “इज़राइल ने हफ्तों से धमकियाँ दी थीं. मुझे नहीं पता कि हम इतने मजबूत हैं या वे इतने कमजोर.”

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हालांकि, ईरानी सैन्य कर्मियों के लिए यह रात चुनौतीपूर्ण थी. ईरानी सेना ने घोषणा की कि चार सैनिक हमलों से हुए बचाव में शहीद हो गए हैं.

इज़राइल ने कैसे किया हमला ?

ईरानी अधिकारियों के अनुसार, इजरायली लड़ाकू विमानों ने ईरानी सीमा से लगभग 100 किलोमीटर दूर इराकी हवाई क्षेत्र से हमले किए. इजरायली जेट ने ईरानी सीमा रडार पर क्लस्टर वारहेड्स से लैस कई लंबी दूरी की मिसाइलें दागीं, जिनमें से अधिकांश मिसाइलों को ईरानी रक्षा प्रणालियों ने रोक लिया. ईरानी सशस्त्र बलों ने बताया कि इस हमले में कुछ ईरानी सीमा रडार क्षतिग्रस्त हो गए हैं, लेकिन उनकी मरम्मत का काम तेजी से किया जा रहा है.

इज़राइली सैन्य प्रवक्ता डैनियल हैगरी ने इसराइल के हमले की पुष्टि की लेकिन उन्होंने इसे “सफल” बताया. हालाँकि इसके पुख्ता सबूत नहीं दिए. हिब्रू मीडिया की तस्वीरों में इज़राइली युद्ध मंत्री योआव गैलेंट को हमलों का आकलन करते हुए एक टीवी स्क्रीन के सामने खड़ा देखा गया. इस बीच, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की तस्वीरें सामने आईं, जिसमें वे थके हुए और निराश दिखे. यह स्थिति उस समय के पहले उत्साह और हमले के नतीजों की निराशा को दर्शा रही थी.

इज़राइली हमले की “सीमित” योजना की चर्चा

पश्चिम एशिया के एक प्रमुख विश्लेषक एहसान सालेही का कहना है, “मनोवैज्ञानिक युद्ध के हफ़्तों और बड़े हमलों की धमकियों के बाद इजरायली हमले केवल कुछ सैन्य स्थलों पर केंद्रित और काफी हद तक असफल रहे.” सालेही का मानना है कि यह नतीजा पश्चिम और इज़राइल के लिए एक मुश्किल घड़ी है.

ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों के हमले के 25 दिन बाद आया इज़राइल का हमला

इज़राइल का हमला ईरान द्वारा कब्जे वाले क्षेत्रों पर लगभग 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागे जाने के 25 दिन बाद हुआ. इस हमले को “ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस II” का नाम दिया गया, जिसमें इज़राइलियों को घंटों तक आश्रयों में रहना पड़ा. सोशल मीडिया पर दर्जनों मिसाइलों के सफलतापूर्वक निशाना लगाने के फुटेज दिखाई दिए. इससे पहले अप्रैल में हुए “ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस” में भी ईरान ने इज़राइल को सीधे निशाना बनाया था.

भविष्य की राह

ईरानी अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि उनके हितों के खिलाफ किसी भी तरह के हमले का कड़ा जवाब दिया जाएगा. ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस II के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला सैय्यद अली खामेनेई ने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो ईरान इज़राइल के खिलाफ ऐसे हमले दोहराने के लिए तैयार है.

ईरान और इज़राइल के बीच इस तनावपूर्ण स्थिति ने पश्चिम एशिया में अस्थिरता की एक नई लहर को जन्म दिया है, जहाँ दोनों देशों के बीच संघर्ष एक जटिल मोड़ पर खड़ा है.

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