टुला में रॉकेट हमला: 5 लोगों की मौत, हिजबुल्लाह का इजराइल के खिलाफ लंबे युद्ध का ऐलान
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, तेहरान, तेल अवीव
लेबनान-इजरायल सीमा पर जारी तनाव ने एक और दुखद मोड़ ले लिया.लेबनान से लॉन्च किए गए रॉकेट ने इजराइल के मेटुला शहर के पास एक कृषि क्षेत्र को निशाना बनाया, जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में एक इजरायली किसान और चार विदेशी श्रमिक शामिल हैं. इस हमले में एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया.
इजरायली सेना (आईडीएफ) ने बताया कि सुबह 11:37 बजे मेटुला में हवाई हमले के सायरन बजाए गए थे, जब दो रॉकेट इस क्षेत्र में गिरे.मेटुला परिषद के प्रमुख डेविड अज़ुलाई ने इस त्रासदी पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि “हम लंबे समय से एक निरर्थक युद्ध का सामना कर रहे हैं, जिसमें अब तक कई जानें जा चुकी हैं.”
इस घटना के बाद गैलिली क्षेत्र के कई शहरों में हवाई हमले के सायरन भी बजाए गए. हिजबुल्लाह ने इजराइल के कारमील क्षेत्र पर “बड़े पैमाने पर” हमले की जिम्मेदारी ली और आईडीएफ ने लगभग 30 रॉकेटों को रोकने का दावा किया.
इस बीच, हिजबुल्लाह के नव-निर्वाचित महासचिव शेख नईम कासिम ने इजरायल के खिलाफ दीर्घकालिक युद्ध का संकेत दिया है. कासिम ने अपने पहले भाषण में कहा कि वे इजरायल को “पूर्ण पराजय” देने तक संघर्ष जारी रखेंगे.
हिजबुल्लाह ने हाल ही में गाजा में इजरायली हमलों के खिलाफ भी अपना समर्थन व्यक्त किया और कहा कि वे गाजा के फिलिस्तीनी लोगों के साथ खड़े हैं. इस समर्थन के कारण उत्तरी इजराइल और दक्षिणी लेबनान में जारी गोलीबारी से हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं..
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच यह टकराव गाजा युद्ध के दौरान बढ़ा है, जिससे पूरे क्षेत्र में अस्थिरता फैली है. इजरायल ने पिछले कुछ महीनों में लेबनान पर बड़े पैमाने पर हवाई और जमीनी हमले किए हैं, जिनमें अब तक हजारों लोग मारे गए हैं। वहीं, हिजबुल्लाह ने भी इजरायल के अंदर कई रणनीतिक सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है.
हिजबुल्लाह के नेता कासिम ने कहा कि हिजबुल्लाह की सैन्य क्षमताएं इजरायल के लिए एक लगातार चुनौती बन रही हैं. हिजबुल्लाह के ड्रोन हमलों ने तेल अवीव और अन्य इजरायली शहरों में दहशत फैलाई है.
कासिम ने जोर देकर कहा कि उनका संगठन इजरायल के आक्रमण के खिलाफ लेबनानी लोगों के अदम्य प्रतिरोध को कमजोर करने के किसी भी प्रयास के सामने डटा रहेगा.इस बढ़ते संघर्ष से इजराइल और लेबनान दोनों ही देशों के नागरिकों की सुरक्षा और क्षेत्रीय शांति को गंभीर खतरा पैदा हो गया है.