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एसएम खान ने The People’s President में एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में क्या लिखा, जानें

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

मिसाइल मैन से चर्चित पूर्व राष्ट्रपति डाॅ एपीजे अब्दुल कलाम के सचिव रहे एसएम खान का 67 साल की उम्र में एक संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया. एसएम खान ने कलाम के साथ प्रेस सचिव रहते अपने अनुभव को एक पुस्तक की शक्ल में साझा किया है. इस पुस्तक का नाम है The People’s President .

इस पुस्तक में उन्होंने कलाम साहब के कई राज खोले हैं. यहां तक कि वे सर्वधर्म, मोदी आदि के बारे में क्या सोचते थे इस पुस्तक में एसएम खान ने काफी कुछ खोलकर रखा है.
 
The People’s President नामक इस पुस्तक में क्या कुछ है, इसके बारे में प्रकाशक ने जो परिचय दिया है, वह हू ब हू यहां प्रस्तुत किया जा रहा है. यह पुस्तक अमेजॉन पर उपलब्ध है. अमेजॉन  पर  The People’s President  के बारे में कुछ इस तरह पचिय दिया गया है–डॉ. एपीजे कलाम ने किसी भी समारोह में भाग लेने के दौरान मंच पर राष्ट्रपति के लिए बड़ी कुर्सी रखने की प्रथा को समाप्त कर दिया.

वे नियमित रूप से कुरान और गीता दोनों पढ़ते थे और अपने खाली समय में वीणा बजाते और कविताएँ लिखते थे.

 उनका पसंदीदा महाभारत का पात्र विदुर था क्योंकि उनमें मतभेद रखने और शांतिपूर्ण तरीके से अन्याय से लड़ने का साहस था. डॉ. कलाम के अनुसार खलीफा उमर, महात्मा गांधी, अल्बर्ट आइंस्टीन, सम्राट अशोक और अब्राहम लिंकन इस धरती पर रहने वाले पांच महानतम इंसान थे.

 लेखक, एसएम खान, हमें कम ज्ञात तथ्यों और कहानियों से परिचित कराते हैं जो महान डॉ. कलाम को ‘लोगों का राष्ट्रपति’ बनाने में सहायक थे. एसएम खान दिवंगत एपीजे अब्दुल कलाम के प्रेस सचिव थे. असामान्य राष्ट्रपति के साथ उनके अनोखे संबंध थे.

राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद 2002 में डॉ. कलाम द्वारा की गई पहली राजकीय यात्रा गुजरात की थी जहाँ तत्कालीन मुख्यमंत्री और अब भारत के प्रधानमंत्री,  नरेंद्र मोदी ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया था.

 साथ में उन्होंने नौ दंगा-ग्रस्त क्षेत्रों और तीन राहत शिविरों का दौरा किया। इस यात्रा के साथ-साथ भारत के अन्य राज्यों और राष्ट्रपति पद के दौरान विभिन्न विदेश यात्राओं का विवरण इस पुस्तक में इस तरह से दर्ज किया गया है कि यह दिलचस्प और जानकारीपूर्ण है। दिलचस्प किस्सों और घटनाओं से भरपूर, भारत के राष्ट्रपति के रूप में डॉ. कलाम के अनुभवों का यह व्यापक संकलन आखिरकार राष्ट्रपति पद के बाद के दिनों में समाप्त होता है, जब एसएम खान की डॉ. कलाम के निधन से कुछ दिन पहले उनसे आखिरी मार्मिक मुलाकात हुई थी.

 यह पुस्तक उनके प्रशंसकों और उन लोगों के लिए अवश्य पढ़ी जाने वाली है जो जनता के राष्ट्रपति डॉ. एपीजे कलाम के बारे में अधिक जानना चाहते हैं.