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डेनमार्क में कुरान के अपमान के पहले मामले में दो लोग आरोपी

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

डेनमार्क, जो यूरोप के स्कैंडिनेवियाई क्षेत्र का एक प्रमुख देश है, में इस्लाम की पवित्र किताब कुरान के अपमान के मामले मे दो लोगों को कोर्ट में घसीटा गया है. डेनमार्क में कुरान के अपमान का यह पहला मामला है. इस घटना के कारण वैश्विक स्तर पर आक्रोश फूट पड़ा था और तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली थी.

पिछले शुक्रवार को राजधानी कोपेनहेगन की एक अदालत में इस मामले के सिलसिले में दो लोगों पर आरोप लगाए गए. चार्जशीट के अनुसार, यह घटना जून 2023 में कोपेनहेगन के एक सार्वजनिक स्थल पर हुई थी. आरोप है कि इन दोनों व्यक्तियों ने सार्वजनिक रूप से कुरान का अपमान किया, जिससे न केवल मुस्लिम समुदाय बल्कि अन्य कई लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं.

घटना का विवरण

चार्जशीट में बताया गया है कि घटना एक ऐसे स्थान पर हुई जहां दुनिया के अलग-अलग देशों और विभिन्न राजनीतिक विचारधाराओं से संबंध रखने वाले लोग मौजूद थे. आरोपियों ने कुरान का अपमान करते हुए उस कृत्य को सार्वजनिक रूप से अंजाम दिया. इस घटना का सीधा प्रसारण सोशल मीडिया के माध्यम से भी किया गया, जिसमें फेसबुक का उपयोग प्रमुख रूप से हुआ. यही कारण है कि यह मामला व्यापक रूप से लोगों के ध्यान में आया और इसे लेकर गहरा आक्रोश फैल गया.

डेनमार्क के राष्ट्रीय और स्थानीय मीडिया में इस घटना को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया. हालांकि, कोपेनहेगन की अदालत में मामला दर्ज होने के बावजूद आरोपियों के नामों को गोपनीय रखा गया है.

अभियोजन पक्ष की टिप्पणी

कोपेनहेगन के शीर्ष अभियोजक, लिस-लोटे निलास ने घटना की गंभीरता पर प्रकाश डालते हुए कहा, “यह घटना बहुत सार्वजनिक रूप से और बड़ी संख्या में लोगों के सामने हुई.” उन्होंने यह भी बताया कि इस घटना के व्यापक प्रसारण और सार्वजनिक प्रदर्शन ने इसे और अधिक संवेदनशील बना दिया है.

हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि मामला किस अदालत में दायर किया गया है.

पृष्ठभूमि और कानून में बदलाव

डेनमार्क में कुरान का अपमान करने की यह पहली घटना नहीं है. जून-जुलाई 2023 के दौरान डेनमार्क में कुरान जलाने की कई घटनाएं हुईं. उस समय, देश के मौजूदा कानून के तहत ऐसी गतिविधियों को अपराध की श्रेणी में नहीं रखा गया था, जिसके चलते इन मामलों में किसी को सजा देना संभव नहीं हो सका.

लेकिन इन घटनाओं के बाद मुस्लिम जगत और अन्य कई देशों ने डेनमार्क की सरकार की तीखी आलोचना की. इस अंतरराष्ट्रीय दबाव के परिणामस्वरूप, डेनमार्क सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया.

7 दिसंबर 2023 को, डेनमार्क की संसद ने एक नया कानून पारित किया. इस कानून में सार्वजनिक रूप से कुरान को जलाने, फाड़ने, अपवित्र करने और उसकी वीडियोटेपिंग करने पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया गया. यह कानून उन घटनाओं के मद्देनजर लाया गया जो पिछले कुछ महीनों में देश की छवि को धूमिल कर रही थीं.

वैश्विक प्रतिक्रिया

इस घटना की प्रतिक्रिया न केवल मुस्लिम देशों तक सीमित रही, बल्कि अन्य धार्मिक और मानवाधिकार संगठनों ने भी इसकी आलोचना की. कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इसे धार्मिक असहिष्णुता और उकसावे की कार्रवाई बताया.

डेनमार्क सरकार की तरफ से यह आश्वासन दिया गया कि इस कानून का उद्देश्य देश में धार्मिक सौहार्द बनाए रखना और संवेदनशील धार्मिक भावनाओं की रक्षा करना है.

आगे की प्रक्रिया

मामले की सुनवाई को लेकर अभी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है. हालांकि, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह मामला डेनमार्क के न्यायिक और सामाजिक ढांचे को कैसे प्रभावित करता है.डेनमार्क के इस नए कानून और घटना के खिलाफ दर्ज किए गए मामलों से यह संकेत मिलता है कि सरकार अब ऐसी घटनाओं को रोकने और देश में धार्मिक सौहार्द बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है.

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