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यूएसटीएम चांसलर महबूबुल हक आपराधिक साजिश के आरोप में गिरफ्तार

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,गुवाहाटी

मेघालय के प्रमुख निजी विश्वविद्यालय मेघालय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (यूएसटीएम) के चांसलर महबूबुल हक को कथित आपराधिक साजिश के आरोप में असम पुलिस ने गुवाहाटी स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया। उनकी गिरफ्तारी राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में बड़े स्तर पर हुई अनियमितताओं और फर्जी नामांकन घोटाले के संदर्भ में की गई है।

👉 इस मामले ने शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और ईमानदारी को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।


गिरफ्तारी का कारण: सीबीएसई परीक्षा केंद्र में फर्जीवाड़े का आरोप

यह विवाद हाल ही में सेंट्रल पब्लिक स्कूल (CPS) में हुए घटनाक्रम से जुड़ा है। यह स्कूल ERD फाउंडेशन के तहत संचालित होता है, जो यूएसटीएम का भी प्रबंधन करता है।

🔹 फर्जी नामांकन और परीक्षा कदाचार का आरोप:
शुक्रवार को CBSE 12वीं कक्षा की भौतिकी परीक्षा के दौरान बड़ा हंगामा मच गया।

📌 274 में से 214 छात्रों ने आरोप लगाया कि उन्हें नामांकन और परीक्षा प्रक्रिया को लेकर गुमराह किया गया।
📌 ये छात्र आधिकारिक रूप से CPS पथरकंडी में नामांकित थे, लेकिन उन्होंने वहां कभी कक्षाएँ नहीं लीं।
📌 USTM द्वारा संचालित “विजन-50” कोचिंग प्रोग्राम का हिस्सा रहे इन छात्रों का आरोप है कि उन्हें परीक्षा में विशेष सहायता देने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
📌 जब छात्रों को यह पता चला कि उनके 45 अन्य सहपाठियों को परीक्षा के दौरान निरीक्षकों और संकाय सदस्यों से अनुचित मदद मिली, तो उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
📌 कई छात्रों ने यह भी कहा कि उन्हें CPS पथरकंडी में अपने नामांकन की कोई जानकारी नहीं थी और वे केवल USTM विजन-50 के छात्र होने का दावा करते रहे।

🎙️ छात्रों के बयान:
“हमें विश्वास दिलाया गया था कि हमारी परीक्षा के दौरान सहायता मिलेगी, लेकिन हमें धोखा दिया गया।”


असम पुलिस की जांच: क्या यह सिर्फ एक अकेला मामला है या बड़ी साजिश?

असम पुलिस के विशेष कार्य बल (STF) ने इस पूरे मामले को एक बड़ी आपराधिक साजिश करार दिया है और संकेत दिए हैं कि इस घोटाले में कई और नाम उजागर हो सकते हैं।

🔎 अब तक की जांच में सामने आए प्रमुख बिंदु:
CPS पथरकंडी के 214 छात्रों के नामांकन को लेकर अनियमितता।
परीक्षा के दौरान कुछ छात्रों को अनुचित सहायता देने के आरोप।
USTM द्वारा संचालित विजन-50 कोचिंग प्रोग्राम पर सवाल।
महबूबुल हक की गिरफ्तारी से जुड़े अन्य संभावित आरोप।

👉 अधिकारियों ने अभी विस्तृत जांच रिपोर्ट जारी नहीं की है, लेकिन आने वाले दिनों में और खुलासे होने की संभावना है।


महबूबुल हक पहले से थे जांच के घेरे में

📌 यह पहली बार नहीं है जब यूएसटीएम चांसलर महबूबुल हक किसी जांच या विवाद में फंसे हों।

🔹 यूएसटीएम परिसर के निर्माण में अनियमितताओं को लेकर जांच:
महबूबुल हक के खिलाफ पहले से ही मेघालय के री-भोई जिले में यूएसटीएम परिसर के निर्माण में कथित भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं की जांच चल रही थी।

🔹 शिक्षा क्षेत्र में बड़े घोटाले का खुलासा:
👉 छात्रों के नामांकन, परीक्षा प्रक्रिया और शिक्षा संस्थानों की पारदर्शिता को लेकर पहले भी कई सवाल उठते रहे हैं।
👉 इस गिरफ्तारी ने भारत के निजी विश्वविद्यालयों की कार्यप्रणाली को लेकर गहरी चिंता बढ़ा दी है।


यूएसटीएम प्रशासन का रुख: अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं

यूएसटीएम और ERD फाउंडेशन की ओर से अब तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

🔹 विश्वविद्यालय प्रशासन इस विवाद से दूरी बनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन शिक्षा जगत में इस घटनाक्रम से गहरा असर पड़ा है।
🔹 क्या USTM इस घोटाले की जवाबदेही लेगा?
🔹 क्या इस मामले में और नाम सामने आएंगे?

👉 इन सभी सवालों के जवाब अभी जांच प्रक्रिया पर निर्भर करते हैं।


शिक्षा क्षेत्र में भरोसा बहाल करने की चुनौती

🎯 यह मामला केवल एक व्यक्ति की गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत की शिक्षा प्रणाली की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है।

📌 छात्रों को भविष्य में ऐसे धोखाधड़ी मामलों से बचाने के लिए कड़े नियमों और सख्त निगरानी की जरूरत है।
📌 निजी शिक्षण संस्थानों में परीक्षा और नामांकन प्रक्रियाओं की कड़ी निगरानी आवश्यक है।
📌 सरकार और CBSE को परीक्षा केंद्रों और छात्रों के नामांकन की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए।


क्या होगा आगे? मामले में संभावित अगला कदम

🚨 विशेषज्ञों का मानना है कि:
✅ असम पुलिस इस मामले में USTM और अन्य संबंधित संस्थानों के अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है।
आर्थिक अपराध शाखा भी इस केस में शामिल हो सकती है, क्योंकि इसमें वित्तीय अनियमितताओं की संभावना जताई जा रही है।
महबूबुल हक को अदालत में पेश किया जाएगा और उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होगी।
अगर नए सबूत सामने आए, तो अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की गिरफ्तारी भी हो सकती है।


निष्कर्ष: क्या यह भारत की शिक्षा व्यवस्था के लिए खतरे की घंटी है?

📌 महबूबुल हक की गिरफ्तारी शिक्षा क्षेत्र में बड़े स्तर पर चल रहे भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की ओर इशारा करती है।
📌 USTM जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों का नाम इस तरह के मामलों में आने से शिक्षा क्षेत्र की साख पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
📌 छात्रों और अभिभावकों को भी शिक्षण संस्थानों की पारदर्शिता को लेकर सतर्क रहना होगा।

👉 आपकी क्या राय है? क्या शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए कड़े कानूनों की जरूरत है? अपने विचार कमेंट में साझा करें!