नेपाल क्रिकेट टीम में मुस्लिम खिलाड़ियों की मजबूत मौजूदगी: क्या भारत से अलग है तस्वीर?
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो, काठमांडू
नेपाल, जहां हिंदुओं की आबादी करीब 82% है, वहां की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में मुस्लिम खिलाड़ियों की क्या स्थिति है? यह सवाल इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि पड़ोसी देश भारत में, जहां मुसलमान दूसरी सबसे बड़ी आबादी हैं, वहां राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में मुस्लिम खिलाड़ियों को सीमित अवसर मिलते हैं।
भारत की तुलना में नेपाल में मुस्लिम आबादी मात्र 5% है, लेकिन इसके बावजूद नेपाल की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में तीन से चार मुस्लिम खिलाड़ी प्रमुख भूमिकाओं में नजर आते हैं। इससे यह सवाल उठता है कि नेपाल क्रिकेट में मुस्लिम खिलाड़ियों को कितना महत्व दिया जाता है और उनका योगदान क्या है?
नेपाल क्रिकेट: एक बढ़ता हुआ क्रिकेटिंग राष्ट्र
नेपाल क्रिकेट टीम को नेपाल क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा संचालित किया जाता है और इसने पिछले कुछ वर्षों में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मजबूत पहचान बनाई है। नेपाल ने 2014 ICC T20 वर्ल्ड कप में अपनी पहली विश्व कप उपस्थिति दर्ज कराई और 2018 में वनडे दर्जा प्राप्त किया। हाल ही में, नेपाल ने 2024 ICC T20 वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि देश की क्रिकेटिंग क्षमता लगातार बढ़ रही है।

नेपाल क्रिकेट टीम में मुस्लिम खिलाड़ियों की भागीदारी
नेपाल क्रिकेट टीम में कुछ प्रमुख मुस्लिम खिलाड़ियों की मौजूदगी देखी जा सकती है। इनमें बसीर अहमद एक प्रमुख नाम है, जो नेपाल की राष्ट्रीय टीम में खेल चुके हैं। हालांकि, टीम की आधिकारिक सूची में मुस्लिम खिलाड़ियों की कुल संख्या सीमित है, फिर भी यह भारत की तुलना में बेहतर स्थिति में नजर आती है।
भारत में, जहां कुल आबादी का लगभग 15% मुस्लिम समुदाय से आता है, वहां राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में अक्सर एक या दो मुस्लिम खिलाड़ी ही शामिल होते हैं। कई बार तो एक भी मुस्लिम खिलाड़ी टीम में नहीं होता। इस संदर्भ में नेपाल का उदाहरण काफी रोचक हो जाता है।
नेपाल क्रिकेट टीम का विकास और इसकी संरचना
नेपाल क्रिकेट टीम कोच मोंटी देसाई के नेतृत्व में शानदार प्रदर्शन कर रही है। टीम के कप्तान रोहित कुमार पौडेल हैं, और उनके नेतृत्व में नेपाल ने हाल के वर्षों में कई महत्वपूर्ण टूर्नामेंट्स में हिस्सा लिया है।
नेपाल की क्रिकेट रैंकिंग
- वनडे रैंकिंग: 17वीं
- T20I रैंकिंग: 18वीं

टीम में कई प्रमुख खिलाड़ी हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
✅ रोहित कुमार पौडेल (कप्तान, बल्लेबाज)
✅ संदीप लामिछाने (लेग स्पिनर)
✅ करण केसी (तेज गेंदबाज)
✅ दीपेंद्र सिंह ऐरी (ऑलराउंडर)
✅ भीम शर्की (बल्लेबाज)
✅ गुलशन झा (ऑलराउंडर)
✅ बसीर अहमद ,आसिफ शेख,आरिफ शेख(मुस्लिम खिलाड़ी)
भारत और नेपाल क्रिकेट में मुस्लिम खिलाड़ियों की स्थिति का अंतर
भारत और नेपाल क्रिकेट टीम में मुस्लिम खिलाड़ियों की स्थिति को लेकर एक बड़ा अंतर देखा जा सकता है। भारत में जहां मुस्लिम आबादी 200 मिलियन (20 करोड़) से अधिक है, वहां राष्ट्रीय टीम में मुस्लिम खिलाड़ियों की संख्या गिनी-चुनी होती है।
इतिहास में, भारत में मंसूर अली खान पटौदी, मोहम्मद अजहरुद्दीन और इरफान पठान जैसे दिग्गज मुस्लिम क्रिकेटर रहे हैं। लेकिन हाल के वर्षों में, भारतीय टीम में मुस्लिम खिलाड़ियों की मौजूदगी सीमित हो गई है। फिलहाल, भारतीय टीम में मोहम्मद शमी और सिराज जैसे खिलाड़ी प्रमुख भूमिकाओं में हैं, लेकिन हर टूर्नामेंट में उनका चयन पक्का नहीं होता।
इसके विपरीत, नेपाल की क्रिकेट टीम में मुस्लिम खिलाड़ियों को मुख्यधारा में ज्यादा मौके मिलते हैं, जबकि वहां की कुल मुस्लिम आबादी 5% से भी कम है।

क्या नेपाल क्रिकेट टीम भारतीय मुस्लिम खिलाड़ियों को मौका दे सकती है?
हाल ही में क्रिकेट जगत में एक दिलचस्प अटकल यह भी लगाई जा रही है कि नेपाल क्रिकेट एसोसिएशन भविष्य में एक भारतीय मुस्लिम क्रिकेटर को अपनी राष्ट्रीय टीम का कप्तान बना सकता है। हालांकि, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अगर ऐसा होता है, तो यह क्रिकेट की दुनिया में एक ऐतिहासिक कदम होगा।
काबिल ए गौर
नेपाल, जहां मुसलमानों की आबादी काफी कम है, वहां क्रिकेट टीम में मुस्लिम खिलाड़ियों को अच्छी मौजूदगी मिली है। इसके विपरीत, भारत में बड़ी मुस्लिम आबादी होने के बावजूद, क्रिकेट टीम में उनकी भागीदारी अपेक्षाकृत कम रही है।
नेपाल का क्रिकेट विकास मॉडल दर्शाता है कि प्रतिभा और प्रदर्शन के आधार पर खिलाड़ियों का चयन किया जाता है, न कि धार्मिक पहचान के आधार पर। यह क्रिकेट जैसे वैश्विक खेल में समान अवसरों और खेल भावना को बढ़ावा देने का एक प्रेरणादायक उदाहरण है।