Culture

फिलिस्तीन के समर्थन में कॉन्सर्ट स्थगित, आसिफ बोले — हमेशा बांग्लादेशी कलाकार ही क्यों भुगतें?

मुस्लिम नाउ डेस्क,ढाका


बांग्लादेश के लोकप्रिय गायक आसिफ अकबर ने राजधानी ढाका सहित देश के चार प्रमुख शहरों में होने वाले बहुप्रतीक्षित ‘बांग्लादेश कॉन्सर्ट’ के स्थगन पर गहरी नाराजगी जताई है। यह संगीत कार्यक्रम ‘सबर एज बांग्लादेश फाउंडेशन’ द्वारा आयोजित किया जा रहा था, जिसे फिलिस्तीन के पीड़ितों के समर्थन में अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है।


🇵🇸 फिलिस्तीन के समर्थन में संगीत समारोह स्थगित

‘बांग्लादेश फर्स्ट फाउंडेशन’ के अध्यक्ष शाहिदुद्दीन चौधरी एनी ने मंगलवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि यह निर्णय फिलिस्तीन के हालिया संकट को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

इस ‘स्वतंत्रता संगीत समारोह’ को मूल रूप से 26 मार्च 2025 को आयोजित किया जाना था, जिसे पहले 12 अप्रैल तक के लिए स्थगित किया गया, लेकिन अब अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है। कार्यक्रम ढाका के माणिक मिया एवेन्यू समेत चटगांव, खुलना और बोगरा में आयोजित होना था।


🎤 आसिफ अकबर का भावनात्मक फूटना: “अब बहुत हो गया है”

संगीत कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाले गायक आसिफ अकबर ने अपने फेसबुक स्टेटस में आक्रोश और पीड़ा जाहिर करते हुए कहा:

“न यह देश, न वह देश – सबसे पहले बांग्लादेश। यह कॉन्सर्ट बांग्लादेश के कलाकारों के लिए एक उम्मीद की किरण था, लेकिन एक बार फिर उन्हें अंधेरे में धकेल दिया गया।”

उन्होंने कहा कि हर वैश्विक संकट का सीधा असर बांग्लादेशी कलाकारों पर ही क्यों पड़ता है। कोरोना काल का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि उस समय कितने कलाकारों को अपना करियर छोड़ना पड़ा था।


💔 कलाकारों की अनदेखी पर सवाल

आसिफ ने तीखे लहजे में कहा कि जब सारी दुनिया आगे बढ़ रही है, तब बांग्लादेशी कलाकारों को बार-बार निराश किया जा रहा है। उन्होंने कहा:

“संगीत समारोह स्थगित होने से न सिर्फ कलाकार, बल्कि ध्वनि, प्रकाश और मंच प्रबंधन से जुड़े सैकड़ों लोगों की आजीविका पर असर पड़ा है। यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं था, यह उम्मीद का प्रतीक था।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर भविष्य में यह संगीत समारोह फिर से आयोजित होता है, तो वे उसमें भाग नहीं लेंगे।


🎭 “मैं अब और नहीं रुकना चाहता”

अपने पोस्ट के अंत में उन्होंने लिखा:

“मैं एक कलाकार हूं, यह मेरा पेशा है। बार-बार अनिश्चितता की तलवार लटकाना कलाकारों के आत्म-सम्मान को ठेस पहुंचाता है। मैं अब और नहीं रुकना चाहता। सबसे पहले बांग्लादेश के संगीत को महत्व दीजिए, हमें और धैर्य न आज़माइए।”


📸 फेसबुक पोस्ट का अंश:

“मैं परी कथा के अंधे राजकुमार के समान ही स्थान पर रहता हूँ। एक कलाकार के रूप में मेरा आत्म-सम्मान अब और सहन नहीं कर सकता।”

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